छह दिनों से जारी अफ़गान सेना की कार्रवाई में तालिबान के १०५ आतंकी ढ़ेर

काबुल – कतार की राजधानी दोहा में अफ़गान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों की चचा हो रही है। इस चर्चा को कामयाबी मिल रही हैं, ऐसा कहकर इसपर अफ़गान सरकार और तालिबान ने संतोष व्यक्त किया था। ऐसा होने के बावजूद अफ़गानिस्तान में हो रहें खूनखराबे पर इस चर्चा की सफलता का थोड़ा भी असर नही हुआ हैं। अफ़गान सेना ने बीते छह दिनों में हेल्मंड, कंदहार और लघमान प्रांत में की हुई कार्रवाई में तालिबान के कम से कम १०५ आतंकी मारे गए हैं। इसी बीच तालिबान के आतंकी भी अफ़गान सेना पर जोरदार हमलें कर रहे हैं।

afghan-army_talibanअफ़गानिस्तान के दक्षिणी क्षेत्र में लघमान प्रांत में अफ़गान और नाटो की सेना ने बीते छह दिनों से तालिबान के खिलाफ सबसे बड़ी मुहीम शुरू की थी। लघमान प्रांत के पूर्वीय क्षेत्र में स्थित दौलत शहा और अलीशांग जिलों में की गई कार्रवाई में तालिबान के ४४ आतंकी ढ़ेर हुए है और इनमें सात अहम कमांडर्स का भी समावेश हैं। इसके अलावा १७ तालिबानी घायल हुए थे, यह जानकारी भी अफ़गान सेना के ब्रिगेडियर जनरल झल्मे नबार्ड ने साझा की। यह दोनों जिलें अब तालिबान मुक्त हुए हैं, यह दावा भी ब्रिगेडियर जनरल नबार्ड ने किया हैं।

लघमान प्रांत में यह कार्रवाई हो रही थी तभी अफ़गान सेना ने कंदहार प्रांत में हमला करके १८ तालिबानियों को ढ़ेर किया। कंदहार प्रांत के ‘दंड’, ‘जेलाई’ और ‘मारौद’ इन तीन जिलों में अफ़गान सेना ने कार्रवाई की। कंदहार प्रांत में तालिबान का सबसे बड़ा प्रभाव होने का दावा किया जाता हैं। इसके अलावाशुक्रवार एवं शनिवार ऐसें लगातार दो दिन हेल्मंड प्रांत में की गई कार्रवाई में ४३ आतंकियों को मार गिराया गया हैं, यह जानकारी सार्वजनिक की गई हैं।

afghan-army_talibanइनमें से शुक्रवार के दिन हेल्मंड के ‘नावे ए बराकझाई’ में की गई कार्रवाई में २५ आतंकी ढ़ेर हुए। साथ ही वहां पर स्थित तालिबान के छह ठिकाने तबाह हुई हैं, यह बयान अफ़गान सेना ने किया हैं। तभी, शुक्रवार के दिन ही हेल्मंड प्रांत के ‘नाद अली’ जिले में किए गए हमले में कम से कम १८ आतंकी मारे गए हैं, यह जानकारी अफ़गान सेना ने रखी हैं। लेकिन, अफ़गान सेना के साथ नाटो ने किए हवाई हमले में ४० से अधिक आतंकी मारे गए हैं, यह बात स्थानीय नागरीक कह रहे हैं।

कुछ दिन पहले पाकिस्तान से भागे हुए आतंकियों ने अब हेल्मंड प्रांत में पनाह लेने की खबरें सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर अफ़गान सेना की यह कार्रवाई अहमियत रखती हैं।

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