चार महीनों से संघर्ष कर रहें यूक्रेन पहुँचा अफ्रीकी मालवाहक जहाज़

किव – इथियोपिया का ‘ब्रेव्ह कमांडर’ नामक मालवाहक जहाज़ शुक्रवार को यूक्रेन के पिवदेनी बंदरगाह में दाखिल हुआ। चार महीनों से रशिया और यूक्रेन के जारी संघर्ष की वजह से इन दोनों देशों से यूरोपसमेत अफ्रीका, खाड़ी और आग्नेय एशियाई देशों में हो रहीं गेहूं और अनाज़ की निर्यात रोक दी थी। अफ्रीकी देशों में स्थिति अधिक ड़रावनी बनी होने की खबरें प्राप्त हो रही थी। ऐसी स्थिति में इथियोपिया का जहाज़ यूक्रेन पहुँचने की वजह से संतोष व्यक्त किया जा रहा हैं।

यूक्रेन को विश्‍व के सबसे बड़े गेहूं निर्यातक देश के तौर पर पहचाना जाता हैं। यूक्रेन की तरह रशिया भी अनाज़, रासायनिक खाद का प्रमुख निर्यातक हैं। लेकिन, फ़रवरी महीने से रशिया और यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के साथ ही इन दोनों देशों से यूरोप को हो रहा ईंधन वायु की सप्लाई बाधित हुई थी। लेकिन, गेहूं, अनाज़ और रासायनिक खाद की निर्यात पुरी तरह से बंद हुई थी। इससे यूक्रेन के गेहूं और अनाज़ पर निर्भर अफ्रीकी, खाड़ी और एशिया के कुछ देशों पर असर हुआ था।

अफ्रीका के कुछ देशों में भूखमरीका संकट उभरने से चिंता जताई जा रही थी। ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ क्षेत्र के इथियोपिया, सोमालिया और केनिया इन देशों में पिछले चार दशक का सबसे भीषण सुका फैला हैं। इस क्षेत्र के हज़ारों लोगों की भूखमरी या बिमारी से मौत होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी। ऐसी स्थिति में, रशिया-यूक्रेन युद्ध के मसले का हल निकाला नहीं तो इन अफ्रीकी देशों में स्थिति अधिक ड़रावनी बनेगी, ऐसी चेतावनी दी गई थी।

इस पृष्ठभूमि पर ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ ने यूक्रेन से शिघ्रता से इथियोपिया को गेहूं की आपूर्ति करें, ऐसी गुहार लगाई थी। इसके अनुसार शुक्रवार को इथियोपिया का ‘ब्रेव्ह कमांडर’ नामक जहाज़ यूक्रेन के बंदरगाह में दाखिल हुआ। यूक्रेन के युझ्ने बंदरगाह में लगभग दो करोड़ टन गेहूं का भंड़ार होने का दावा किया जा रहा हैं। इनमें से 23 हज़ार मेट्रिक टन से भी अधिक गेहूं यह जहाज़ लेकर जा रहा हैं। लेकिन, इथियोपिया को अधिक गेहूं की ज़रूरत रहेगी। इथियोपिया की तरह अन्य अफ्रीकी देशों को भी इसी तरह से गेहूं और अनाज़ की सप्लाई करने की ज़रूरत हैं, ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्रसंघ कर रहा हैं।

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