‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ के ६८ लाख बच्चों पर भुखमरी का संकट – ‘ऐक्शन अगेन्स्ट हंगर’ की चेतावनी

पैरिस – अफ्रीका के पूर्व हिस्से के ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ के तौर पर जाने जा रहे देशों के ६८ लाख बच्चों पर तीव्र भुखमरी का संकट मंडरा रहा है, ऐसी चेतावनी ‘ऐक्शन अगेन्स्ट हंगर’ नामक स्वयंसेवी गुट ने दी है। अकेले सोमालिया में भुखमरी के संकट का सामना कर रहे बच्चों की संख्या ५५ प्रतिशत बढ़ी है, ऐसा इस गुट ने जारी किए रपट में कहा गया है। ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ क्षेत्र के देशों में निर्माण हुई खतरनाक सूखे की स्थिति, गृहयुद्ध और अनाज़ की महंगाई की वजह से भुखमरी और अनाज़ की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा इशारा ‘ऐक्शन अगेन्स्ट हंगर’ ने दिया है।

फ्रान्स में मुख्यालय वाले ‘ऐक्शन अगेन्स्ट हंगर’ ने अप्रैल और मई में लगातार दो महीने ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ की बिगड़ी हुई स्थिति से संबंधित रपट जारी करके यहां की स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया है। ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ में सोमालिया, केनिया और इथियोपिया का समावेश होता है। अफ्रीका के इन तीनों देशों में पिछले तीन सालों से पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। इन देशों में १९८० के दशक के बाद का सबसे ज्यादा तीव्रता के सूखे की स्थिति निर्माण हुई है। पानी के स्रोत सूख चुके हैं और जमीन में दरार निर्माण हुई है।

खेती का मौसम जाया जाने से अनाज़ की भारी किल्लत निर्माण हुई है और लाखों परिवारों पर भुखमरी और कुपोषण का संकट मंड़रा रहा है। इसी बीच रशिया-यूक्रेन के युद्ध की वजह से अनाज़ की सप्लाई बाधित हुई है और इससे किल्लत महसूस होने लगी है। अनाज़ की कीमतों की भारी बढ़ोतरी हुई है। अनाज़ के साथ ईंधन की कीमतें भी बढ़ी हैं। इस वजह से अनाज़, पानी और अन्य ज़रूरी सामान की यातायात के लिए खर्च भी बढ़ा है।

बढ़ती भुखमरी और अनाज़ की किल्लत के भीषण परिणाम ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ के देशों पर हो सकते हैं। भुखमरी और अनाज़ की किल्लत रोकने के लिए ज़ररूरी निधि या दवाईयां हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं, ऐसा ‘ऐक्शन अगेन्स्ट हंगर’ के सोमोलिया स्थित प्रमुख अधिकारी अहमद खालिफ ने कहा। सोमालिया को आवश्‍यक मानवीय सहायता में से सिर्फ १५ प्रतिशत सहायता इस साल उपलब्ध हुई है, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

कुछ महीने पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘वर्ल्ड फुड प्रोग्राम’ ने ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ के क्षेत्र में उभरी भीषण सूखे और अनाज़ की किल्लत एवं भुखमरी की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया था। इसके अनुसार सोमालिया, केनिया और इथियोपिया के १.३० करोड़ से अधिक लोगों को भुखमरी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति को काबू में लाना हो तो हॉर्न ऑफ अफ्रीका के तीन देशों के साथ इरिट्रिया के लगभग २ करोड़ लोगों को अगले छह महीने अनाज़ और पानी की आपूर्ति करनी होगी। इसमें नाकामयाबी हाथ लगी तो इस क्षेत्र के तकरीबन १४ लाख बच्चे कुपोषण का शिकार बनेंगे, ऐसा ड़र रपट में जताया गया था।

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