अफगान राष्ट्राध्यक्ष ने जारी किए १,५०० तालिबानी आतंकियों की रिहाई के आदेश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल – पीछले २४ घंटों में तालिबान ने अफगानिस्तान के १५ प्रांतों में किए हमलों में सात लोगों की मौत हुई है और इसमें दो आम नागरिक भी मारे गए है| तालिबान के ऐसे हमलें हो रहे है तभी अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने १,५०० तालिबानी आतंकियों को शर्त पर रिहा करने आदेश जारी किए है| अफगानिस्तान की शांति और सुरक्षा के लिए राष्ट्राध्यक्ष गनी ने यह निर्णय किया है, ऐसा कहा जा रहा है| पर, अपने सहयोगियों को रिहा करते समय गनी सरकार ने रखी शर्त अमरिका के साथ किए शांति समझौते का उल्लंघन कर रही है, ऐसी आलोचना तालिबान ने की है|

कुछ घंटें पहले अफगानिस्तान में तैनात अमरिकी सेना की वापसी शुरू हुई| तालिबान के साथ किए समझौते के अनुसार अमरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाना शुरू किया है| अमरिकी सेना की इस वापसी की जानकारी वरिष्ठ अमरिकी लष्करी अफसरन ने ही साझा की है| फिलहाल करीबन १२ से १३ हजार अमरिकी सैनिक अफगानिस्तान में तैनात है| इसमें कटौती करके अगले १३५ दिनों में इन तैनात सैनिकों की संख्या ८,६०० करने का निर्णय अमरिका ने किया है| अमरिका की सेना में कटौती होने पर अफगानिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था टुट जाएगी और तालिबान फिर से इस देश पर नियंत्रण प्राप्त करेगी, यह चिंता अफगान विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है

ऐसी स्थिति में मंगलवार की रात राष्ट्राध्यक्ष गनी ने अफगान सुरक्षा यंत्रणा के जेलों में बंद १,५०० सैनिकों की रिहाई के आदेश जारी किए| इस आदेश के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष गनी ने इन तालिबानीयों से हमीपत्र पर हस्ताक्षर लिए है, यह भी अफगान सरकार ने कहा है| ‘इससे पहले अफगान सरकार और तालिबान के बीच हुए समझौते के दायरे में इन आतंकियों की रिहाई हुई है| दुबारा आतंकी हरकतों में शामिल नही होंगें, यह लीखित गारंटी लेकर ही इन्हें रिहा किया गया है, ऐसा अफगान सरकार ने कहा है|

पर, तालिबान ने गनी सरकार के इस निर्णय पर आलोचना की है| दो हफ्तें पहलें कतार में अमरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते के अनुसार गनी सरकार ने उनके गिरफ्त में होनेवाले ५,००० तालिबानी आतंकियों को बिना शर्त रिहा करना जरूरी था| अपने सहयोगियों की रिहाई होने के बाद ही अफगान गुटों के साथ बातचीत संभव थी| पर, अफगान सरकार ने अपनी दोनों मांगें पुरी तरह से नजरअंदाज करके शांति समझौते का उल्लंघन किया है, यह आरोप तालिबान का प्रवक्ता सुहैल शाहिन कर रह रहा है|

इसी बीच अमरिका और तालिबान ने शांति समझौता किया हो फिर भी अफगानिस्तान का भविष्य सर्वदलिय बातचीत के बाद ही तय होगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है| इसके लिए अफगान सरकार ने तालिबान की मांगे स्वीकार करना जरूरी था| पर, तालिबानी आतंकियों को सशर्त रिहा करने के मुद्दे पर गनी ने किया निर्णय इस आतंकी गुट के नेताओं का हजम नही हुआ है| इसका सीधा असर अफगानिस्तान की सुरक्षा पर होने की कडी संभावना है|

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