अफ़गान जनता धीरज़ खो रही है – संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि की गंभीर चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र संघ – लगातार जारी संघर्ष और युद्ध में झुलसती अफ़गानिस्तान की जनता अपना धीरज खो रही है। इस देश की स्थिति अधिकाधिक बिगड़ रही है और इस गरीब देश की जनता अपना सबकुछ खो रही है। पेट भरने के लिए अफ़गानी नागरिक अपने शरीर के अंगों की और बच्चों को बेचने के लिए मज़बूर हो रहे हैं, ऐसी दहलानेवाली चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ के अफ़गान संबंधित विशेष उपप्रतिनिधि रमीज़ अलबरो ने दी है।

संघर्ष, युद्ध के साथ ही पिछले चार सालों के दो साल अफ़गानिस्तान को सूखे का सामना करना पड़ा। इससे अफ़गानिस्तान की स्थिति अधिक बिगड़ी और जनता अपने बचत की शेष राशि भी खर्चने के लिए मज़बूर हो गई। गरीबों की स्थिति इतनी बिगड गई है कि वे अपने शरीर के अंग या बच्चों को बेचकर अपना पेट भरने के लिए मज़बूर हो गए हैं। लगभग ढ़ाई करोड़ अफ़गान नागरिकों को मानवीय सहायता की बड़ी ज़रूरत है। साल २०१६ में इनकी संख्या दो करोड़ थी, यह जानकारी रमीज़ अलबरो ने दी।

साल २०२२ के जून महीने में अफ़गानिस्तान में ६.१ रिक्टर स्केल तीव्रता का भूकंप आया था। इससे हज़ार अफ़गानियों की मौत हुई और डेढ़ हज़ार घायल हुए थे। इसी बीच भारी बारिश से आई बाढ़ की वजह से ९५ अफ़गानी मारे गए थे और हज़ारों के घर बह गए थे। इस वजह से युद्ध और खूनखराबे के साथ नैसर्गिक आपदाओं का सामना करने के लिए भी अफ़गानी मज़बूर हैं। इससे यहां की स्थिति अधिक भयानक होती जा रही है। इसी बीच ऐसें संकटों का मुकाबला करने की क्षमता तालिबान की मौजूदा सरकार में नहीं है। इस हुकूमत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी भी प्राप्त नहीं हुई है। इस वजह से अफ़गानी जनता को प्राप्त हो रहीं सहायता पर भी काफी बड़ी मर्यादाएं लगाई जाती हैं।

इस वजह से अफ़गानिस्तान में भयंकर विपदाएं फैली हैं और आनेवाले समय में अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त नहीं हुई तो अफ़गानिस्तान में बड़ी संख्या में मौतें होंगी, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ लगातार दे रहा है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अब तक तालिबान पर भरोसा नहीं किया है और तालिबान ने भी अपनी चरमपंथी नीति में बदलाव नहीं किए हैं। तालिबान में काफी अहम मुद्दों पर आपसी सहमति नहीं है और यह अंदरुनि मतभेद तालिबान की हुकूमत के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आए हैं। इसी बीच अफ़गानिस्तान में ‘आयएस’ जैसे आतंकी संगठन सिर उठा रहे हैं। जल्द ही अफ़गानिस्तान में अन्य आतंकी संगठन कोहराम मचाते हुए देखे जाएंगे, यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रपट में कहा गया था।

इस पृष्ठभूमि पर रमीज़ अलबरो ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दी हुई चेतावनी काफ़ी गंभीर है और अफ़गानिस्तान के पड़ोसी देशों के साथ उसके आगे के क्षेत्र में भी इस देश में जारी उथलपुथल के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, ऐसी चिंता जताई जा रही है।

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