चीन के व्यापार का हुआ नुकसान

बीजिंग – ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था की स्थिति सामान्य होने के संकेत नहीं मिल पाए हैं। दिसंबर की शुरूआत में ही प्रतिबंध शिथिल करने के बावजूद चीन के व्यापार की गिरावट कायम है। दिसंबर में चीन का निर्यात लगभग १० प्रतिशत गिरा है और आयात में भी ८.५ प्रतिशत गिरावट आई है। साल २०२० के बाद चीन की यह सबसे बड़ी गिरावट होने की बात कही जा रही है।

व्यापार‘वर्ल्ड बैंक’ ने पिछले महीने जारी की रपट में साल २०२२ में चीन की अर्थव्यवस्था की २.७ प्रतिशत तक गिरावट होने की संभावना पर ध्यान आकर्षित किया था। चीन ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल की है फिर भी अर्थव्यवस्था और रोज़मर्रा के कारोबार सामान्य करने के लिए अधिक ध्यान देने की जरुरत है, यह सलाह भी इस रपट में दी गई थी। चीन के व्यापार से जुड़ी हुई जानकारी दर्शाती है कि, चीनी हुकूमत अर्थव्यवस्था सामान्य करने में असफल रही है।

पूरे विश्व में कोरोना का कोहराम होने के बावजूद चीन के व्यापार में बडे लाभ की जानकारी सामने आयी थी। लेकिन, साल २०२२ में चीन को यही प्रदर्शन दोहराना संभव नहीं हुआ है। इसकी वजह से चीन की अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीकठाक न होने की संभावना आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषक जता रहे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था की धांदली इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाएगी, इसका अहसास भी विश्लेषकों ने कराया है।

चीन की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर होने वाले परिणाम चिंताजनक साबित हो सकते हैं क्योंकि, विश्व में दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था वाले चीन का अर्थकारण वैश्विक आर्थिक व्यवस्था से अधिक मज़बूती से जुड़ा हुआ है और अब भी वैश्विक उत्पादन से संबंधित सप्लाइ चेन का केंद्र चीन में ही है। ऐसी स्थिति में चीन के आर्थिक भविष्य को लेकर जताए जा रहे चिंताजनक दावे विश्व की चिंता अधिक बढ़ा रही है।

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