जब तक अमरीका की इच्छा होगी तब तक युद्ध जारी रहेगा – हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन

बुडापेस्ट/ब्रुसेल्स – अमरीका जब तक हथियार और पैसों की आपूर्ति करती रहेगी तब तक यूक्रेन युद्ध करता रहेगा। इससे यूक्रेन का युद्ध रोककर शांति स्थापित करना अमरीका की इच्छा पर निर्भर है, ऐसा बयान हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने किया है। यूक्रेन युद्ध को लेकर हंगरी के प्रधानमंत्री की यह भूमिका रशिया समर्थक होने का आरोप यूरोप से लगाया जा रहा है। लेकिन, हम रशिया के नहीं, बल्कि हंगरी की जनता के पक्ष में होने का मुद्दा प्रधानमंत्री ऑर्बन ने एक साक्षात्कार के दौरान स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री ऑर्बन की सरकार ने यूक्रेन युद्ध पर अपनाई इस भूमिका पर यूरोपिय महासंघ ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और महासंघ ने यूक्रेन को प्रदान किया जाने वाला तकरीबन २२ अरब युरो का ‘कोहेन्शन फंड़’ रोक रखा है।

विक्टर ऑर्बनयूक्रेन को हथियार और पैसों की आपूर्ति करके यह युद्ध अधिक भड़काने की कोशिश यूरोपिय देशों के लिए घातक साबित होगी, यह चेतावनी भी हंगरी के प्रधानमंत्री ने दी थी। साथ ही यूक्रेन को अमरीका से प्राप्त हो रहे हथियारों को लेकर तीव्र चिंता जताकर अमरीका की रशिया विरोधी रणनीति के हिस्से के तौर पर यूक्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री ऑर्बन ने दिया था। इसके अलावा यूरोपिय महासंघ द्वारा रशिया विरोधी युद्ध के लिए यूक्रेन को प्रदान हो रही निधि एवं अन्य सहायता भी हंगरी ने नकाराधिकार का प्रयोग करके रोक रखा था। इसकी वजह से रशिया के खिलाफ यूरोपिय देशों ने हंगरी की जोरदार आलोचना की थी। हंगरी के प्रधानमंत्री रशिया समर्थक होने का आरोप यूरोपिय देश और माध्यम लगा रहे हैं। एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ऑर्बन ने इस आपत्ति का जवाब दिया।

विक्टर ऑर्बनहम रशिया समर्थक नहीं हैं, बल्कि हंगरी की जनता के पक्ष में हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ऑर्बन ने यूक्रेन युद्ध तुरंत रोकना हंगरी और यूरोपिय देशों के हित में होगा, यह इशारा दिया। उन्होंने पहले भी रशियन ईंधन का बहिष्कार करके यूरोपिय देश अपने पैरों पर कुल्हाडी मार रहे हैं, ऐसा इशारा दिया था। अमरीका अपनी रशिया विरोधी रणनीति के लिए यूक्रेन को इस्तेमाल कर रही है और इससे यूक्रेन के साथ यूरोपिय देशों के हित के लिए खतरा बना हुआ है, इस बात पर ऑर्बन लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। यूक्रेन युद्ध की दाहकता अमरीका को नहीं, बल्कि यूरोपिय देशों को महसूस हो रही है, इस पर गौर करने के लिए यूरोपिय देश तैयार नहीं हैं, ऐसी तीखी आलोचना भी ऑर्बन ने की थी।

ऐसे में ऑर्बन ने हाल ही में दिए साक्षात्कार के दौरान भी यही स्वर आलापा था कि, अमरीका से यूक्रेन को प्रदान हो रहे हथियार और पैसे ही यूक्रेन युद्ध जारी रखने की सबसे अहम बात है, इसका अहसास प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने कराया था। प्रधानमंत्री ऑर्बन का यूक्रेन युद्ध के लिए विरोध सिर्फ जुबानी नहीं, बल्कि यूरोपिय महासंघ की बैठक में नकाराधिकार का इस्तेमाल करके हंगरी ने महासंघ द्वारा यूक्रेन को होनेवाली सहाता भी रोक रखी है। इसकी तीव्र गूंज सुनाई पड़ी है। इसके प्रत्युत्तर में यूरोपिय महासंघ ने हंगरी को प्रदान होने वाला २२ अरब युरो का ‘सोशल कोहेन्शन फंड’ रोक रखा है। मानव अधिकारों के क्षेत्र में उम्मीद के अनुसार कार्रवाई ना करने से यह निर्णय लेने की बात महासंघ ने स्पष्ट की।

हंगरी में बुद्धिमान लोगों को स्वतंत्रता नहीं दी जाती। साथ ही शरणार्थियों को आश्रय ना देने की हंगरी की नीति यूरोपिय महासंघ की नीति के खिलाफ है और सामाजिक स्तर पर भी वह आज़ादी पर मर्यादा लगाने की गलत नीति अपना रहा है, यह आरोप लगाकर महासंघ ने इसके २२ अरब युरो की निधि रोक रखी है।

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