जापान ऑस्ट्रेलियन परमाणु पनडुब्बी का स्वागत करेगा – जापान के राजदूत का ऐलान

कैनबेरा – आज जो यूक्रेन की स्थिति है, वैसी ही स्थिति कल पूर्व एशिया की हो सकती है। बड़े घातक पड़ोसी देश से जापान को सबसे अधिक खतरा है’, ऐसे चुनिंदा शब्दों में ऑस्ट्रेलिया में जापान के राजदूत शिंगो यामागामी ने सीधे ज़िक्र किए बिना चीन से जापान के खतरे का अहसास कराया। ऐसी स्थिति में परमाणु पनडुब्बी इस खतरे का सामना करने के लिए काफी अहम साबित होगी, जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा का यह बयान जापान के राजदूत ने दोहराया।

ऑस्ट्रेलिया के कैनबेरा में आयोजित ‘एडवान्सिंग ऑकस’ बैठक में यामागामी बोल रहे थे। अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने ‘ऑकस’ का गठन किया और इसमें अब जापान का भी समावेश हो सकता है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, इसके लिए अधिक समय लग सकता है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को अमरीका से प्राप्त हो रही परमाणु पनडुब्बी का अपने बंदरगाह में स्वागत करने के लिए जापान की तैयारी का अहम बयान राजदूत यामागामी ने किया।

ताइवान के समुद्री एवं हवाई सीमा में चीन के जहाज़ और लड़ाकू विमान घुसपैठ कर रहे हैं और ऐसे में ताइवान से १०० किलोमीटर दूर स्थित जापान के तट पर चीन का खतरा अधिक बढ़ा है। इसी वजह से चीन का ताइवान पर हमला जापान पर हमला माना जाएगा, ऐसी चेतावनी जापान में दी जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर जापान के राजदूत ने ऑस्ट्रेलिया के परमाणु पनडुब्बी का जापान के बंदरगाह में स्वागत करने की तैयारी की है।

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