अमरिकी युद्धपोत यमन के करीब तैनात; ईरान के लिए चेतावनी

वॉशिंग्टन, दि. ५ : आखाती देशों में अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए अमरीका ने, यमन के समुद्री क्षेत्र में ‘युएसएस कोल’ यह युद्धपोत तैनात किया| चार दिन पहले यमन के हौथी विद्रोहियों ने, सौदी अरब के युद्धपोत पर किये हमले के बाद एहतियात के तौर पर अमरीका ने यह तैनाती की, ऐसी ख़बर मीडिया ने जारी की| लेकिन अमरिकी युद्धपोत की यह तैनाती ईरान के खिलाफ़ है, ऐसा दावा सेना के विशेषज्ञ कर रहे हैं|

अमरिकी युद्धपोतअमरिकी अधिकारी ने दी जानकारी के अनुसार, ‘युएसएस कोल’ यह युद्धपोत यमन के ‘बाब अल-मन्दाब’ इस खाड़ी क्षेत्र में तैनात रहेगा| यह समुद्री क्षेत्र यमन और ओमान इन देशों के बीचोबीच है| साथ ही, ‘युएसएस कोल’ के साथ ‘युएसएस कॉमस्टॉक’ और ‘युएसएस माकिन आयलँड’ ये दो ऍम्फिबियस युद्धपोत भी इस क्षेत्र में तैनात हैं| लेकिन ये दोनों ऍम्फिबियस युद्धपोत कुछ ही दिनों के लिए तैनात रहेंगे|

चार दिन पहले, यमन के हौथी विद्रोहियों ने सौदी अरब के युद्धपोत पर हमला किया था| हौथी विद्रोहियों के इस हमले में, सौदी के युद्धपोत के दो नौसेना जवान मारे गए थे और युद्धपोत का भारी नुकसान हुआ था| हौथी विद्रोहियों ने आत्मघाती गश्ती जहाज की सहायता से युद्धपोत को ठोकर मारते हुए यह विस्फोट किया, ऐसा दावा सौदी ने किया था|

लेकिन, सौदी के युद्धपोत पर युद्धपोतविरोधी मिसाइल का हमला किया गया, ऐसा दावा हौथी विद्रोहियों ने किया था| विद्रोहियों ने ईरान से प्राप्त मिसाइल का सौदी के युद्धपोत पर इस्तेमाल किया, ऐसा दावा यमन की समाचारवाहिनियों ने किया था| ईरान हौथी विद्रोहियों को युद्धपोतविरोधी मिसाइल्स उपलब्ध करा रहा है, ऐसी आलोचना भी हुई थी|

अमरिकी युद्धपोतसौदी के युद्धपोत पर हुए हमले से पहले हौथी विद्रोहियों ने, पिछले साल अक्तूबर महीने में अमरीका और संयुक्त अरब अमिरात के युद्धपोतों की ओर भी मिसाइले दागी थीं| लेकिन यह मिसाइल अमरिकी और अमिरात की युद्धपोत तक नहीं पहुँच सकी थी| लेकिन सौदी के युद्धपोत पर हुए हमले के बाद, हौथी विद्रोहियों की हथियारसज्जता की पहचान हो चुकी है| इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने यमन के समुद्री क्षेत्र में लेकिन समुद्री तट से दूर अपना युद्धपोत तैनात किया है, ऐसा दावा किया जाता है| आखाती देशों में अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए अमरीका ने यह तैनाती की है, ऐसा कहा जाता है|

लेकिन ईरान के प्रक्षेपास्त्रपरीक्षण के बाद आखात में पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरिकी युद्धपोत की तैनाती की ओर देखा जा रहा है| कुछ दिनों पहले ईरान ने, मध्यम श्रेणी के बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया था| ईरान द्वारा किये गए इस प्रक्षेपास्त्र के परीक्षण की अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कड़ी आलोचना की थी| क्या इसके बाद अमरीका ईरान पर सैनिकी कारवाई कर सकती है, इस पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर, ‘ईरान के बारे में सैनिकी कार्रवाई का विकल्प अभी भी सामने है’ ऐसी खुली चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी थी|

इसके बाद अमरीका ने ईरान पर नये प्रतिबंध जारी किए| अमरीका की ट्रम्प सरकार द्वारा ईरान पर लगाये गए ये पहले प्रतिबंध थे| लेकिन ये प्रतिबंध यानी पहली कार्रवाई है, ऐसा बताते हुए, ईरान की उकसानेवालीं गतिविधियों का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा, ऐसी फटकार अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी ने लगाई थी| इसके बाद कुछ ही घंटो में, ‘युएसएस कोल’ इस युद्धपोत को इस क्षेत्र में तैनात करने की ख़बर सामने आयी| अमरिकी नौसेना ने इसपर प्रतिक्रिया नहीं दी है|

लेकिन अमरिकी युद्धपोत की यह तैनाती ईरान के चेतावनी मानी जाती है| यमन के हौथी विद्रोहियों को ईरान द्वारा उपलब्ध किये जानेवाले हथियार और ईरान के प्रक्षेपास्त्रपरीक्षण के खिलाफ़ ‘युएसएस कोल’ की यह तैनाती है, ऐसा स्पष्ट हो रहा है|

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