‘कश्मीर मसला हल किये बिना शांति स्थापित नहीं होगी’ : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावा

इस्लामाबाद, दि. ५ : ‘कश्मीर का मसला यह अधूरी रह चुकी, बँटवारे की प्रकिया से जन्मी समस्या है| पाकिस्तान और भारत के बीच के विवाद का यह मूल होकर, कश्मीर मसला हल किये बिना इस क्षेत्र में शांति स्थापित होना संभव नहीं’ ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने कहा है| साथ ही, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षापरिषद ने प्रस्ताव पारित कर, कश्मिरी लोगों को दिये स्वयंनिर्णय के अधिकार पर अमल करने की प्रक्रिया भी भारत के कारण रुकी हुई है, ऐसा इल्ज़ाम भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने लगाया|

कश्मीरहर साल ५ फरवरी को पाकिस्तान में ‘कश्मीर सॉलिडॅरिटी डे’ मनाया जाता है| इस अवसर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने, संयुक्त राष्ट्र के सामने बहुत समय तक प्रलंबित रहा यह मसला हल किये बिना इस क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं हो सकती, ऐसी चेतावनी दी| साथ ही, पाकिस्तानी लोग अपने कश्मिरी भाईयों को राजनीतिक एवं नैतिक समर्थन दें, ऐसा आवाहन शरीफ ने इस दौरान किया| कश्मिरी लोगों को मूलभूत अधिकार नहीं दिये जाते| उन पर भारत द्वारा अत्याचार किये जाते हैं| कश्मिरी लोगों की हत्या हो रही है| भारत द्वारा ढाये जानेवाले इन ज़ुल्मों का पाकिस्तान निषेध कर रहा है, ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा|

इतने अत्याचारों के बाद भी, स्वतंत्रता की लड़ाई लड़नेवाले कश्मिरी लोग अपने ध्येय से विचलित नहीं हुए हैं| पाकिस्तान भी कश्मिरियों के समर्थन में खड़ा है| आंतर्राष्ट्रीय समुदाय कश्मीर में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ़ आवाज़ तीव्र करें और ७० सालों से न्याय की प्रतीक्षा में रहनेवाले जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय दिला दें| भारत भी कश्मीर में चल रहे यह लहुलुहान ज़ुल्म पर रोक लगा दें और संयुक्त राष्ट्र के ठराव के तहत, यहाँ पर मुक्त माहौल में सार्वमत लें, ऐसा आवाहन शरीफ़ ने किया|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अझिज ने, बुर्‍हान वाणी की भारतीय सैनिकों ने की हत्या, यह कश्मीर की स्वतंत्रता की लड़ाई को मोड़ देनेवाली घटना है, ऐसा कहा है| इससे, जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा किये जानेवाले मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित हुआ, ऐसा दावा अझिज ने किया| लेकिन आंतर्राष्ट्रीय समुदाय कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के नहीं, बल्कि भारत के समर्थन में खडा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी मीडिया कर रही है| साथ ही, पाकिस्तान के विशेषज्ञ भी, आज तक अपने देश ने अपनायी कश्मीरविषयक भूमिका की जोर से आलोचना कर रहे हैं|

आतंकवादियों को साथ में लेते हुए पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर आत्मघात कर लिया, ऐसी आलोचना कुछ विशेषज्ञों ने की थी| इससे पाकिस्तान को कोई भी लाभ न होकर, उल्टा इससे काफ़ी नुकसान ही हुआ, ऐसी नाराज़गी पाकिस्तानी पत्रकार जता रहे हैं| आनेवाले समय में, पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत से कश्मीर छिनने का सपना ना देखें, ऐसा आवाहन समझदार विशेषज्ञों और पत्रकारों द्वारा किया जा रहा है|
लेकिन पाकिस्तान की सरकार और सेना, हफ़ीज़ सईद जैसे आतंकवादियों को कश्मीर मसले पर वक्तव्य करने का अवसर देकर, आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की प्रतिमा अधिक ही ख़राब कर रहे हैं, ऐसी नाराज़गी इन पत्रकारों और विशेषज्ञों द्वारा जतायी जा रही है|

पीओके’ में पाकिस्तान के खिलाफ़ प्रदर्शन

पाकिस्तान में एक तरफ ‘कश्मीर सॉलिडेटरी डे’ का जश्‍न मनाया जा रहा था; वहीं, पाकिस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर में (‘पीओके’) रविवार को पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शन किए गए| पाकिस्तान की खुफ़िया एजन्सी आयएसआय ‘पीओके’ की जनता पर ज़ुल्म ढ़ा रही है| यहाँ की जनता को बुनियादी अधिकार नकारे जा रहे हैं और अभिव्यक्तिस्वतंत्रता नहीं मिल रही, ऐसा इल्ज़ाम प्रदर्शनकारियों ने लगाया| ‘पीओके’ के अलग अलग भागों में पाकिस्तान के खिलाफ़ हुए प्रदर्शनों की वजह से पाकिस्तान मुश्किल में फ़ँसा है, ऐसा दिखाई दे रहा है| इन प्रदर्शनों की वजह से इस्लामाबाद की ओर जानेवाले मुख्य महामार्ग पर यातायात कुछ समय के लिए रोकी गई थी|

pg01_Protestपिछले कुछ सालों से ‘पीओके’ में, इस प्रकार से पाकिस्तान के खिलाफ़ यहाँ की जनता का आक्रोश उभरकर सामने आ रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है| यहाँ की संपत्ती पाकिस्तान हड़प रहा है और पाकिस्तानी सेना ने यहाँ के लोगों पर दमनतंत्र का इस्तेमाल शुरू किया है| ‘पीओके’ में हुए चुनाव, यह महज़ आँखों में धूल झोकने का काम है, ऐसा इल्ज़ाम स्थानीय लोगों द्वारा लगाया जा रहा है| स्थानिक नेताओं को गिरफ्तार कर, उन्हें चुनाव में शामिल होने से रोकते हुए पाकिस्तानी सरकार ने यहाँ के चुनाव लपेट लिये थे| इस अन्याय के खिलाफ़ स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे|

 

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