पाकिस्तान के क्वेटा में भीषण आतंकी हमला; ६१ की मौत, १६५ घायल; ‘आयएस’ ने ली ज़िम्मेदारी

क्वेट्टा/पेशावर, दि. २५ (वृत्तसंस्था) –  बलुचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेट्टा में पुलीस प्रशिक्षण केंद्र पर हुए आत्मघाती हमले में ६१ लोगों की मौत हुई है और १६५ लोग घायल हुए हैं| ‘आयएस’ ने इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया है| सोमवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवाला प्रांत में भी ‘आयएस’ के आतंकवादी ने पाकिस्तानी खुफ़िया एजन्सी के अधिकारियों को मारा था|

Quetta-Pakistan- पुलीस प्रशिक्षण केंद्र

क्वेटा में ‘पुलीस ट्रेनिंग कॉलेज’ में सोमवार रात को तीन आतंकवादियों ने हमला किया| इन आतंकवादियों ने पहले मुख्य प्रवेशद्वार पर तैनात जवानों को मार गिराया और इस प्रशिक्षण केंद्र के निवासी इलाके में घुसकर यहाँ पर स्थित प्रशिक्षणार्थियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की| ये आतंकी १५ से २५ साल की उम्र के थे| उनका यह हमला काफ़ी नियोजनबद्ध तरीक़े से हुआ| आतंकवादियों ने यहाँ पर पाँच ठिकानों को निशाना बनाया| इससे यही स्पष्ट हो रहा है कि उन्हें प्रशिक्षण केंद्र की पूरी जानकारी थी|

इनमें से दो आतंकवादियों ने खुद को विस्फोट से उड़ा दिया| इस विस्फोट में सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं ऐसा कहा जा रहा है| साथ ही, एक आतंकवादी पाकिस्तानी सुरक्षादल की गोलीबारी में मारा गया| यह मुठभेड़ मंगलवार की सुबह तक जारी थी|

मौत होनेवालों में ६० लोग प्रशिणार्थी जवान थे और एक लष्कर का जवान था| साथ ही १६५ लोग घायल हुए हैं| इनमें से २० लोगों की हालत गंभीर है, ऐसा कहा जा रहा है|

इस हादसे के बाद पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल राहील शरीफ ने क्वेट्टा में घटनास्थल की भेंट की और इस इलाके का सुरक्षा जायज़ा लिया| साथ ही, प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने इस हमले की पृष्ठभूमि पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी|

पाकिस्तान के फ़्रॉन्टियर कॉर्प्स के महानिरीक्षक मेजर जनरल शेर अफगाण ने, ‘इसके पीछे ‘लश्कर-ए-जांघवी’ यह आतंकी संगठन है’ ऐसा दावा किया है| लेकिन कुछ ही समय बाद इस हमले की ज़िम्मेदारी ‘आयएस’ ने ली है| ‘आयएस’ की ओर से बडे हमले हो सकते हैं, ऐसी आशंका महिने भर पहले पाकिस्तानी यंत्रणा ने जताई थी| यह हमला रोकने के लिए पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों ‘आयएस’ समर्थकों को दबोचा जा रहा था| लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तानी एजन्सियाँ क्वेट्टा का यह हमला रोकने में नाक़ाम हुईं| पाकिस्तान में ‘आयएस’ के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, यहाँ के सुरक्षाविषयक विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं| पिछले साल, मई महीने में कराची में एक बस पर भी ‘आयएस’ के आतंकवादियों ने हमला किया था| इस हमले में ४६ लोगों की मौत हुई थी|

इस साल अगस्त महिने में क्वेट्टा के एक अस्पताल में ‘तेहरीक-ए-तालिबान’ के आतंकवादियों ने हमला किया था| इस हमले में ७३ लोगों की मौत हुए थी| इसके बाद क्वेट्टा में हुआ यह सबसे भीषण हमला है|

‘आयएस’ ने पाकिस्तान में बड़ी तेज़ी से अपने संगठन का फैलाव किया है| अफगानिस्तान के ७० प्रतिशत ‘आयएस’ के आतंकी ‘तेहरीक-ए-तालिबान’ के सदस्य हैं, ऐसा दावा अमरीका और नाटो सेना के कमांडर जॉन निकोलसन ने दो महीने पहले किया था|

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