‘सईद पर पाकिस्तान की कारवाई पर्याप्त नहीं’ : भारतीय विश्‍लेषकों की चेतावनी

इस्लामाबाद, दि. १९ : पाकिस्तान ने आतंकवादियों की सूचि में हफ़ीज़ सईद का नाम शामिल किया है| लेकिन सिर्फ़ नाम इस सूचि में शामिल करना यह बात भरोसा दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है, ऐसी चेतावनी भारत के सामरिक विश्‍लेषकों ने दी है| ‘हम सईद पर अधिक ठोस कारवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं’ ऐसा भारत के अधिकारियों ने कहा है|

कारवाईहफ्तेभर के समय में पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों में १०० से से ज्यादा लोगों को जान गँवानी पड़ी है| इस वजह से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है और आतंकवादियों को रोकने के लिए क्या करना चाहिए, इस बात पर पहली ही बार गंभीरता से सोचा जा रहा है| प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने इस आतंकी हमले के बाद, ‘आतंकवादी जहाँ कहीं भी हों, उन्हें वहाँ से ढूँढ़कर मौत के घाट उतारने के’ आदेश दिए हैं, ऐसी ख़बर जारी हुई है| इससे पहले कभी भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों के खिलाफ़ इतनी सख़्त भूमिका अपनाई नहीं थी, ऐसा दावा पाकिस्तान के विश्‍लेषक और विचारवंत कर रहे हैं|

गुरुवार की रात कराची में हुए बमधमाके में ८० से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी| इसके बाद पाकिस्तानी यंत्रणाओं ने आतंकवादियों पर कार्रवाई तेज़ करते हुए ३९ आतंकवादियों को मार गिराया था| लेकिन पाकिस्तान में आतंकवादियों के बारे में अभी भी ‘अच्छा’ और ‘बुरा’ ऐसा भेद किया जा रहा है और जब तक यह जारी रहेगा, तब तक आतंकवाद को ख़त्म करना आसान नहीं होगा, ऐसी आलोचना जानकारो द्वारा की जा रही है| इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं| उसके बाद, मुंबई पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाईंट ‘हफीज सईद’ को आतंकवाद विरोधी कानून के अंतर्गत लाकर, इस सूचि में उसको शामिल किया गया है|

पाकिस्तानी सेना की अनुमति के बिना हफीज सईद पर कार्रवाई करना आसान नहीं है, ऐसा कहते हुए, इस कार्रवाई को सेना की भी सहमति है, ऐसा दावा किया जा रहा है| पाकिस्तान की इस भूमिका में हुआ यह बदलाव स्वागतार्ह है, ऐसा कहते हुए बुद्धिजीवियों ने इसका स्वागत भी किया है| लेकिन पाकिस्तान की इस कार्रवाई से प्रभावित होने की ज़रूरत नहीं है, ऐसा दावा भारतीय सामरिक विश्‍लेषक कर रहे हैं| यह कार्रवाई केवल, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ कुछ कर रहे हैं’ यह दिखाने के लिए है, इस ओर विशषज्ञों ने ग़ौर फ़रमाया है|

इसी दौरान, पाकिस्तानी सरकार और सेना ने फिलहाल भले ही आतंकवादियों के खिलाफ़ कार्रवाई तेज़ की हो, मग़र अभी भी कराची बमधमाके का स्पष्ट रूप से धिक्कार न करनेवाले कुछ लोग अभी भी पाकिस्तान में हैं, इस ओर पाकिस्तानी विश्‍लेषक ध्यान खींच रहे हैं| पाकिस्तान के अस्तित्व को चुनौती देनेवाले आतंकवादियों का समर्थन करनेवाले इन जैसे लोगों की वजह से ही, आतंकवाद को पूरी तरह से ख़त्म करना मुमक़िन नहीं हो पाया है| इस वजह से, जब तक आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति बरक़रार है, तब तक इस समस्या का हल नहीं निकल सकता| इसीलिए पाकिस्तान की सरकार ने इसके खिलाफ अधिक ठोस भूमिका अपनाना ज़रूरी है, ऐसा स्पष्ट मत विश्‍लेषक जता रहे हैं| इससे पहले हुए भीषण आतंकी हमले के बाद कुछ लोगों मार गिराया गया| तभी कुछ आतंकवादियों को धरदबोचा गया था| लेकिन कुछ समय बाद हालात पहले जैसे हुए, इस ओर भी जानकारों ने ध्यान खींचा है|

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