अमरीका, इस्रायल और यूएई इंधन सहयोग स्थापित करेंगे

दुबई – अमरीका, इस्रायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इंधन सहयोग के लिए जल्द ही संयुक्त नीति तय करेंगे। तीनों देशों के इंधनमंत्रियों ने इससे संबंधित अहम समझौता किया है। इस इंधन सहयोग से सबसे अधिक लाभ पैलेस्टिन को प्राप्त होगा, यह जानकारी ‘यूएई’ की सरकारी वृत्तसंस्था ने प्रसिद्ध की है। इस इंधन सहयोग की वजह से इस क्षेत्र में रक्षा सहयोग में भी बढ़ोतरी होगी, यह दावा भी वर्णित वृत्तसंस्था ने किया है।

Fuel-cooperationअमरीका, इस्रायल और यूएई के बीच हो रहे इस इंधन सहयोग से संबंधित एक संयुक्त निवेदन शुक्रवार के दिन जारी किया गया है। ‘संयुक्त अरब अमीरात, अमरीका और इस्रायल तीनों देशों ने ‘अक्षय ऊर्जा’, ‘ऊर्जा कार्यक्षमता’, इंधन, नैसर्गिक वायु के संसाधनों के साथ संबंधित तकनीक और जल संबंधित तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग के लिए व्यावसायिक कदम उठाने की बात स्वीकार की है’, यह बात इस निवेदन के माध्यम से घोषित की गई है। साथ ही तीनों देशों की अर्थव्यवस्था मौजूदा और आनेवाली पीढी की ऊर्जा संबंधित ज़रूरतें पूरी करने के साथ ही ऊर्जा संबंधित चुनौतियों का मुकाबला कर रहे पैलेस्टिन के लिए सहायक साबित होगी, यह दावा इस निवेदन में किया गया है, यह बात संबंधित वृत्तसंस्था ने कही है।

यूएई और बरहीन तेल उत्पादक देश हैं, तो इस्रायल नैसर्गिक वायु उत्पादक देशों में शामिल होगा। यूएई और बहरीन ने इस्रायल के साथ राजनीतिक सहयोग स्थापित करने के बाद इंधन संबंधित सहयोग स्थापित करने का यह निर्णय किया गया था। इस्रायली और यूएई के ऊर्जामंत्रियों की हुई बैठक के दौरान इंधन संबंधित सहयोग और निवेश बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसमें यूरोपिय देशों को नैसर्गिक वायु के निर्यात पर भी दोनों देशों में चर्चा होने की जानकारी सामने आ रही है। आनेवाले दिनों में इससे संबंधित ऐलान होने की उम्मीद होने की बात खाड़ी क्षेत्र के विश्‍लेषक कह रहे हैं। तभी, अमरीका, यूएई और इस्रायल के बीच हो रहे इस सहयोग के पीछे क्षेत्रिय गतिविधियों का भी समावेश होने का दावा विश्‍लेषक सिमॉन वैटकिन्स ने किया है।

अमरीका और इस्रायल के साथ इंधन सहयोग स्थापित करके यूएई ने इस्रायल के साथ रक्षा सहयोग करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, ऐसा वैटकिन्स का कहना है। बीते वर्ष पर्शियन खाड़ी में अपने इंधन टैंकर पर हुए हमले की पृष्ठभूमि पर यूएई इंधन की निर्यात सुरक्षित करने के लिए आनेवाले दिनों में इस्रायल के साथ रक्षा सहयोग भी कर सकता है। साथ ही ईरान से अपनी रक्षा के लिए अमरीका और इस्रायल की गुप्तचर यंत्रणा के नेटवर्क का भी यूएई को लाभ हो सकेगा, यह दावा वैटकिन्स ने किया है।

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