अस्थिसंस्था भाग -१६

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मानवशरीर के अस्थियों से बने पिंजरे का हमें अध्ययन करना है। सभी सजीव प्राणियों की गति के लिये जो उपयुक्त होता है वह है यह पिंजरा। चार पैरोंवाले प्राणियों में आगे के तथा पीछे के पैर कहते हैं। द्विपाद प्राणियों में पहले के पिछले पैर सिर्फ पैर बनते है और आगे के पैर हाथ बन जाते हैं। शरीर की गति- चलना, दौड़ना, खड़े रहना इत्यादि को सिर्फ पैरों तक सीमित रखकर दोनों हाथों को अन्य कार्यों के लिये मुक्त रखा गया है। इतना ही ब्लकि अपनी दृष्टि के पहुँच तक हाथों को विविध गतियों के लिये छूट व स्वतंत्रता मिली हुयी है। आँखों की सहायता से हाथों की स्वतंत्रता का उपयोग करके मनुष्य क्या-क्या चीजें अथवा कार्य कर सकता है, इसकी लिस्ट काफी लंबी हो जायेगी।

ज़मीन पर घूमने के लिये व आगे चलकर विकसित होते समय अ‍ॅपेन्डीक्युलर पिंजरे में कुछ बदलाव होते गये। ये बदलाव प्राणियों के विकास को गतिप्रदान करने वाले अथवा विकास की गति को बढ़ाने के अनुरूप थे। यदि मानवी पिंजरे को ठीक से देखे तो हम पायेंगे कि हमारे हाथ कंधों द्वारा शरीर से जुड़े है तथा पैर कमर से जुडे हैं। जहाँ पर हाथ जुड़े है उस भाग (दोनो ओर तथा बीच का भाग) को वैद्यकीय भाषा में पेक्टोरेल गर्डल कहते हैं। तथा कमर के भाग को पेलविक गर्डल कहते हैं।

हाथ पैरों की रचना में बदलाव सर्वप्रथम द्विचर (जल व जमीन दोनों पर रहने वाले प्राणी) प्राणियों में हुआ। इसके तहत इन प्राणियों के आगे के पैर कंधों के बाहरी भाग की ओर मुड गये। फलस्वरूप जो हुआ उसको आसान भाषा में देखते हैं। जलचर प्राणियों में हमारे हाथ के अंगूठें के साधर्म्य होने वाला भाग शरीर के सामने की दिशा में होता है तथा किनारे का ऊँचा भाग बाहर की दिशा में होता है। अगले पैरों के बाहर की ओर मुड़ने के कारण अंगूठा अथवा अंगूठा जैसा भाग बाहर की ओर निकल गया तथा पंजा सामने की दिशा में आ गया तथा कोने का ऊँचा भाग पीछे की ओर चला गया। हम मानवों के हाथ आज इसी स्थिती में रहते हैं । इसके ठीक विपरीत क्रिया पिछले पैरों में घटी। ये पैर अंदर की ओर अर्थात शरीर की  ओर मुड़ गये। फलस्वरूप  गुड़दा सामने की ओर मुड़ गया। पैर का अंगूठा शरीर की दिशा में, पैर के तलुवे पीछे की ओर अर्थात मानवों में नीचे की ओर मुड़ गये।

जानवरों में न होने वाली और भी एक चीज इस पिंजरे में घटित हुयी, वह है कमर की हड्डियाँ – सॅकरल मणिकाओं से जोड़ी गयी। पेक्टोरल व पेलविक गर्डल, ये दोनों शब्द हमने पहले ही देखा है। आपके मन में यह प्रश्‍न आया होगा की यह गर्डल क्या है? गर्डल, पिंजरे का ऐसा भाग है जहाँ पर शरीर के दोनों ओर की हड्डियां पहले एक-दूसरे से जोड़ी जाती है और फिर  शरीर के बीच में  सामने व पीछे फिर  एकत्र एक दूसरे से अथवा शरीर के मध्य की दूसरी हड्डियों से जुड़ती है। फलस्वरूप  पूरी तरह बंद (चारों ओर से बंद) हड्डियों का पिंजरा बन जाता है।

पेल्व्हिक गर्डल : इस में शरीर के मध्य से दोनों ओर तीन-तीन हड्डियां होती हैं। उनके नाम प्युबिस(pubis), इस्वियम (ischium), व इलियम (ilium) हैं। ये तीन हड्डियां अलग-अलग जोड़ों से एकत्र जोड़ी गयी है। इसके फलस्वरूप  मानों एक ही हड्डी बन जाती है जिसे इनामिनेट अस्थि कहा जाता है। दोनों तरफ  की ये दो इनॉमिनेट हड्डियां सामने व पीछे एकत्र आती है। सामने की ओर इन दोनों अस्थियों में सीधा सांधा बन जाता हैं। यह सांधा सिमफाइसीस  का सांधा होता है। इसीलिये इसे प्युबिक सिमफाइसीस  कहते हैं क्योंकि प्युविक अस्थि इस सांधे में शामील होती है। पीछे की ओर ये दोनो हड्डियां सॅक़रल मणिकाओं से जोड़ी गयी है। इसे सॅक्रोइलिअ‍ॅक सांधा कहते हैं। इस प्रकार यह पेलविक गर्डल अथवा पेल्व्हिस बनता है। इसके दो प्रमुख कार्य है –
1)शरीर की गतिशीलता में मदद
2)ऑक्सिअल पिंजरे पर आये भार को, तनाव को बराबर-बराबर दोनों पैरों में बांटना।

पेक्टोरल गार्डन :- यहाँ पर पूरा गोला नहीं बनता। शरीर के पीछे की ओर दोनों तरफ  त्रिकोणी आकार की हड्डियां  कंधे के पास होती है। इन्हें स्कॅप्युला (scapula) कहते है। हमारे कंधे का सांधा स्कॅप्युला व दंड की हड्डी में बनता है। स्कॅप्युला हड्डी हमारी पीठ पर फैली  बाहरी स्नायुओं की सहायता से लटकी अथवा जकड़ी रहती है।  बाहर की ओर दंड की हड्डी से तथा सामने की ओर कलॅविकल (calvical), जिसे हम कॉलर बोन कहते हैं, से जुड़ी होती है। पीठ की मिंणकाओं अथवा अन्य किसी भी हड्डियों से तथा दूसरी ओर की स्कॅप्युला से जुड़ी नहीं होती हैं। सामने की ओर बगल में कॉलर-बोन अथवा क्लॅविक से इसकी संधि होती है व क्लॅविकल, शरीर के मध्ये में, छाती के बीच की हड्डी यानी स्टरमन से जुडी होती है। यानी यहाँ पर शरीर के सामने की बाजू की ओर स्टरनम के पास ये दोनो ओर की हड्डियाँ एकत्र आती है परन्तु पीछे की ओर ये दोनों पूरीतरह स्वतंत्र रहती हैं। उनका कहीं भी मिलाप नहीं होता।

अब हम हाथ और पैर की अस्थियों एवं सांधों के बारे में जानकारी लेंगे।
(क्रमश: )

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