‘कश्मीर’ मुद्दे पर बयानबाजी करनेवाले तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष को भारत ने लगाई फटकार

नई दिल्ली/म्युनिक – कश्मीर मामले में पाकिस्तान के पक्ष में समर्थन दे रहे तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष को भारत ने कडी फटकार लगाई है| कश्मीर, भारत का अंदरुनि मसला है और इसमें तुर्की हस्तक्षेप ना करें, यह इशारा भी भारत के विदेश मंत्रालय ने दिया है| तुर्की का नेतृत्व पहले इस मुद्दे का पुरा ज्ञान प्राप्त करें, इसी की उन्हें आवश्यकता है, यह कहकर पाकिस्तान से निर्यात हो रहे आतंकवाद के खतरें का भी समावेश है, यह फटकार भी भारतीय मंत्रालय ने लगाई| इसी बीच म्युनिक में आयोजित सुरक्षा संबंधी परिषद में भारत के विदेशमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को सलाह देनेवाले अमरिकी सिनेटर लिंडसे ग्राहम को करारा जवाब दिया|

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर उकसानेवाली बयान बाजी की थी| पाकिस्तान की संसद में किए भाषण के दौरान एर्दोगन ने कश्मीर का मसला पाकिस्तान की तरह ही तुर्की के लिए भी अहम होने का दावा किया| पहले विश्‍वयुद्ध केदौरान तुर्की की जनता ने कश्मीरी जनता की तरह ही विदेशी सत्ता से संघर्ष किया था, यह कहकर एर्दोगन ने कश्मीर पर भारत का अधिकार ना होने का दावा किया है| साथ ही कश्मीर के मसले पर तुर्की पाकिस्तान के समर्थन में डटकर खडा रहेगा, यह दावा करके एर्दोगन ने पाकिस्तान की संसद में तालियां प्राप्त की| इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दर्ज की है और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किए दावे ठुकराए है|

कश्मीर, भारत का अंदरुनि मसला है| इसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश तुर्की ना करें| साथ ही कश्मीर मसले पर तुर्की ने अपना ज्ञान बढाने की जरूरत है| पाकिस्तान से निर्यात हो रहे आतंकवाद से भारत और इस क्षेत्र के लिए बने खतरे का भी इसमें समावेश है, ऐसी फटकार भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने लगाई| तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने दिए समर्थन की वजह से पाकिस्तान की सरकार का उत्साह बढा हुआ दिख रहा है| पर, इस समर्थन से ज्यादा कुछ फरक नही होगा, ही बात पाकिस्तान के विश्‍लेषक ही कह रहे है| कश्मीर मसले पर दुनिया का दुसरा कोई भी देश भारत को दुखाने के लिए तैयार नही है| ऐसे में तुर्की और मलेशिया जैसे देशों के बयानी समर्थन से पाकिस्तान को जरासा भी लाभ नही होगा, यह इन पाकिस्तानी विश्‍लेषकों का कहना है|

इसी बीच म्युनिक में रक्षा संबंधी परिषद में हुई बातचीत के दौरान अमरिका के सिनेटर लिंडसं ग्राहम ने भारत को कश्मीर मसले का हल जनतंत्र के रास्ते से निकालने की सलाह दी थी| भारत जनतांत्रिक देश है, पर कश्मीर में इसकी छबी नही दिखती, ऐसी बयानबाजी लिंडसे ग्राहम ने अपने भाषण में की थी| साथ ही भारत और पाकिस्तान इन जनतांत्रिक देशों ने कश्मीर मसले परय बातचीत के जरिए हल निकालने, यह मांग ग्राहम ने की| इसपर भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने वहीं के वहीं करारा जवाब दिया|

‘सिनेटर आप कश्मीर की चिंता ना करें| इस समस्या का हल एक ही जनतांत्रिक देश निकालेगा और वह देश कौनसा है, यह बताने की जरूरत नही’, यह बात जयशंकर ने ग्राहक को सुनाई| पाकिस्तान को जनतांत्रिक देश समझना मुमकिन नही, यह बात इस दौरान जयशंकर ने चुनिंदा शब्दों में स्पष्ट की| साथ ही कश्मीर, भारत का अंदरुनि मसला है, यह बात भी जयशंकर ने अपने सटिक राजनयिक भाषा के जरिए काफी प्रभाव के साथ रखी|

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