लीबिया में हो रहे तुर्की के हस्तक्षेप को अरब लीग ने जताया विरोध

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैरो/त्रिपोली/अंकारा – लीबिया में शुरू गृहयुद्ध में विदेश से हो रहा हस्तक्षेप रोकने के लिए कोशिश की जरूरत होने की बात अरब लीगने कही है| लीबिया में अपनी सेना उतारने के तुर्की ने किए ऐलान पर अरब लीग ने प्रतिक्रिया दर्ज की हुई दिख रही है| पर लीबिया के साथ लष्करी सहयोग पर अमल करेंगे ही, यह ऐलान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया है| तभी, लीबिया की सराज सरकार ने भी अरब लीग की भूमिका पर आलोचना की है|

पिछले कुछ महीनों से लीबिया में हो रहे गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि पर अरब एवं यूरोपिय देशों में दो गुट बने होने की बात फिर से स्पष्ट हुई है| सोमवार के दिन इजिप्ट की राजधानी कैरो में हुई अरब लीग की बैठक में लीबिया का संघर्ष और इसमें दिखाई दे रहे तुर्की के सहभाग से सदस्य देशों में बातचीत हुई| इस बैठक में सौदी अरब और अन्य अरब देशों की सदस्यों ने लीबिया में हो रहे तुर्की के हस्तक्षेप का तीव्रता से विरोध किया है

लीबिया की स्थिति काफी गंभीर है और इस देश में हो रहा तुर्की का हस्तक्षेप रोकने के लिए सभी देश कोशिश करें, इस मुद्दे पर अरब देशों की सहमति हुई है| पर, तुर्की को रोकने के लिए अरब लीब क्या भूमिका अपनाएंगे, यह स्पष्ट नही हो सका है| पर, सौदी अरब और सौदी के मित्र देश पहले से ही लीबियन बागी जनरल हफ्तार की सहायता करने की बात सामने आयी थी| ईरान और तुर्की जैसे देश लीबियन सरकार की सहायता कर रहे है, तभी सौदी के नेतृत्व में अरब देश लीबियन बागियों के पीछे अपना बल खडा करते दिख रहे है|

इस पृष्ठभूमि पर अरब लीग ने लीबिया संबंधी भूमिका अपनाने से पहले ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने लीबियन सरकार के साथ वादा पूरा करने का ऐलान किया| लीबिया और तुर्की के बीच लष्करी समझौता हुआ है| इसके अनुसार तुर्की अब लीबिया को लष्करी सहायता प्रदान करके इस देश में अपनी सेना तैनात कर सकता है| इस समझौते का अमल जल्द ही होगा, यह ऐलान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है|

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के इस ऐलान निर्णय का लीबिया के प्रधानमंत्री सराज ने स्वागत किया है| उसी समय, लीबियन प्रधानमंत्री ने तुर्की के हस्तक्षेप का विरोध कर रहे अरब लीग के निर्णय पर जोरदार आलोचना की है| अरब लीग तुर्की के विषय में दोगली भूमिका अपना रहे है, यह आरोप भी प्रधानमंत्री सराज ने किया है|

इसी बीच, राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के इस निर्णय को लेकर यूरोपिय देशों में भी अलग अलग मत है| लीबिया और तुर्की की नौसेना सहयोग को सायप्रस, ग्रीस ने विरोध किया है| तभी फ्रान्स ने इस विषय को लेकर अभी पुख्ता भूमिका नही स्वीकारी है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.