नए वर्ष के साथ ही हॉंगकॉंग में जारी प्रदर्शनों की तीव्रता बढी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग – हमें हैपी न्यू इयर बोलना मुमकिन नही, क्यों की हम हैपीनही है, ऐसे सीधे और कडे शब्दों में हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों ने नए वर्ष के शुरू में ही तीव्र प्रदर्शन किए| ३१ दिसंबर की शाम से हॉंगकॉंग में भीड से भरें बाजार में प्रदर्शनकारी मानवी श्रृंखला करके खडे हुए थे| इनमें से कुछ हिस्सों में प्रदर्शकारियों ने पटाके लगाकर, आगजनी करके अपना निषेध व्यक्त किया| कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसा करने के दावे भी हो रहे है| पर, काफी जगहों पर प्रदर्शन शांति के साथ होने की खबर है|

पिछले छह महीनों से भी लंबे समय तक चल रहे हॉंगकॉंग के प्रदर्शन नए वर्ष में भी उतनी ही तीव्रता से जारी रहेंगे, यह संदेशा ही प्रदर्शनकारियों ने दिया है| जबतक हमारी पांच मांगे स्वीकारी नही जाती तबतक प्रदर्शन बंद नही होंगे| आजादी मुफ्त में नही मिलती, इसका हमें एहसास होने की बात कहकर प्रदर्शनकारी इसकी किमत चुकाने की तैयारी भी दिखा रहे है| इसके लिए ३१ दिसंबर की शाम से प्रदर्शनकारियों ने भीड से भरे बाजारों में मानवी श्रृंखला तैयार की थी| इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे| इनमें से कई लोगों ने नए वर्ष का स्वागत करने से इन्कार किया

कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की है और प्रदर्शनों में हिंसा होने का दावा भी हो रहा है| इस दौरान प्रदर्शनकारियों के विरोध में रबर बुलेटस् एवं आंसु गैस का प्रयोग होने का वृत्त कुछ समाचार पत्रों ने प्रसिद्ध किया है| हॉंगकॉंग का चीन समर्थक प्रशासन और चीन की हुकूमत इससे जुडी खबरें दबाने की कोशिश कर रही है, तभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कार्रवाई की गुंज सुनाई दे रही है| करीबन १८ देशों के ४० सांसदों ने हॉंगकॉंग के प्रशासन को खुला पत्र लिखकर इस समस्या का हल निकालने की प्रामाणिक कोशिश करने का निवेदन किया है| इसके लिए हॉंगकॉंग की जनता की उम्मीदें ध्यान में लेनी होगी, यह भी इस पत्र में दर्ज किया गया है|

नए वर्ष का आनंद मनाने जैसी स्थिति नही है, यह कहकर हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारी चीन के विरोध में गुस्सा व्यक्त कर रहे है| अपनी पांच मांगें पुरी हुए बिना प्रदर्शन बंद नही होंगे, यह एहसास भी प्रदर्शनकारियों ने हॉंगकॉंग के प्रशासन और चीन की हुकूमत को दिलाया है| अबतक जिन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें रिहा करें, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के विरोध में की हुई अमानवीय कार्रवाई की निष्पक्ष जांच हो, मतदान का पूरा अधिकार प्राप्त हो और प्रदर्शनकारियों को दंगा करनेवाले ना समझे, हॉंगकॉंग के कैदियों को चीन ना भेजा जाए ऐसी पांच मांगे इन प्रदर्शनकारियों ने रखी है| पर, हॉंगकॉंग के प्रशासन और चीन ने यह मांगे स्वीकारी है|

पर, पांच में से एक मांग मंजूर करके प्रदर्शनकारी समझौता करेंगे, इस भ्रम में कोई ना रहें, पांचों मांगों का स्वीकार हुए बिना हम पीछे नही हटेंगे, यह बात प्रदर्शनकारियों ने डटकर रखी है| अबतक करीबन ६,५०० प्रदर्शनकारियों को हॉंगकॉंग प्रशासन ने गिरफ्त में लिया है| फिर भी प्रदर्शनों की तीव्रता अभी कम नही हुई है| वर्ष २०२० में भी हॉंगकॉंग के प्रदर्शन पहले से भी अधिक तीव्र होंगे और मांगे स्वीकारी जाने के बिना प्रदर्शनकारी शांत नही बैठेंगे, यह संदेशा चीन के साथ ही दुनियाभर में पहुंचाने में प्रदर्शनकारियों का कामयाबी मिली है| इस कारण चीन के सामने खडी चुनौतियों में और भी बढोतरी होगी और प्रदर्शन कुचलने की धमकी दे रही चीन की हुकूमत आगे क्या करेगी, इस ओर पुरी दुनिया की नजर लगी है|

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