गोलान पहाडियों से पीछे हटें इस्रायल – संयुक्त राष्ट्रसंघ में प्रस्ताव

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

न्यूयॉर्क/जेरूसलम – इस्रायल ने वर्ष १९६७ की जंग के दौरान कब्जा किए सीरिया की गोलान पहाडियों का क्षेत्र तुरंत छोड दे, यह ठराव संयुक्त राष्ट्रसंगठन की महासभा में किया गया है| सीरिया की गोलान पहाडियों पर होनेवाला इस्रायल का कब्जा इस क्षेत्र की शांति के लिए अडंगा साबित हो रहा है, यह दावा ठराव में किया गया है| पिछले कुछ महीनों से इस्रायल ने इस क्षेत्र में बडी तादात में लष्करी जमावडा किया है और बडे हमलें भी हो रहे है|

कुछ महीने पहले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने गोलान पहाडियों पर इस्रायल ने किया कब्जा स्वीकारने  बयान करके सनसनी निर्माण की थी| ‘गोलान पहाडियों पर इस्रायल के सार्वभूम अधिकार मंजूर करने का अवसर बना है’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा था| ‘५२ वर्ष के बाद गोलान पहाडियों पर इस्रायल की सार्वभूम अधिकार होने की बात अमरिका ने मंजूर करने का यही अवसर है| गोलान पहाडियों की अहमियत इस्रायल की सुरक्षा के लिए काफी है और इसका इसी क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा से नजदिकी संबंध है’, यह भी ट्रम्प ने आगे कहा था|

इस पर इस्रायल ने इसी बात का स्वागत किया है, फिर भी सीरिया के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज की थी| सीरिया और ईरान को इस्रायल पर हमला करने के लिए निमंत्रित किया है, यह चिंता खाडी क्षेत्र के विश्‍लेषकों ने व्यक्त की थी| तभी, सीरिया ने गोलान पहाडियों का क्षेत्र दुबारा प्राप्त करने के लिए लष्करी कार्रवाई करने की धमकी दी थी|

वर्ष १९६७ में इस्रायल और अरब देशों में हुए छह दिनों के युद्ध में इस्रायल ने सीरिया के गोलान पहाडियों पर जीत हासिल की थी| युद्ध खतम होने के बाद भी इन पहाडियों पर किया कब्जा छोडने से इस्रायल ने इन्कार किया था| इस्रायल के अरब देशों के साथ होनेवालें संबंध ठिक करके पैलेस्टाईन के मसले का हल निकालने के लिए अलग अलग विकल्प दिए जा रहे है| वर्ष १९६७ से पहले की सीमा पर इस्रायल समझौता करें औ गोलान पहाडियों पर किया कब्जा छोड दे, इससे जुडे प्रस्ताव का भी इसी में समावेश है| पर, गोलान पहाडियां अपनी सुरक्षा के लिए काफी अहम है, यह कहकर इस्रायल ने इस क्षेत्र का कब्जा छोडने से डटकर इन्कार किया था|

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