चीन के सायबर हमलावरों पर कार्रवाई करने के लिए जापान नाटो के सायबर युद्धाभ्यास का हिस्सा होगा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

टोकियो – पिछले कुछ वर्षों में सायबर क्षेत्र का इस्तेमाल हथियारों की तरह कर रहे चीन के विरोध में नाटो ने बनाए मोर्चे में शामिल होने का निर्णय जापान ने भी किया है| चीन के हैकर्स का मुकाबला करने के लिए हो रहे नाटो के सायबर युद्धाभ्यास में जापान भी शामिल हुआ है| जापान के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की है| जापान के इस निर्णय पर चीन से बडी प्रतिक्रिया प्राप्त होने की उम्मीद है|

पिछले कुछ दिनों से पूर्वीय यूरोप के इस्टोनिया में नाटो ने बडा सायबर युद्धाभ्यास शुरू किया है| शुक्रवार तक यह युद्धाभ्यास जारी रहेगा| इस युद्धाभ्यास में नाटो सदस्य देशों की सेना, सायबर सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए है| चीन से बना सायबर हमला रेखांकित करके हो रहे इस सायबर युद्धाभ्यास का जापान पहली बार अंग हुआ है|

तकनीकी क्षेत्र के शीर्ष स्थान पर रहनेवाले जापान ने अभी तक सायबर क्षेत्र में छोटे कदम उठाए है, यह आलोचना अमरिका और यूरोपिय देश पहले से कर रहे थे| अमरिका और यूरोपिय देशों की अर्थव्यवस्था जापान से जुडी है| ऐसी स्थिति में जापान पर सायबर हमला हुआ तो अपना बडा नुकसान हो सकता है, यह चिंता पश्‍चिमी देशों को सता रही है| इसके लिए नाटो ने चीन के विरोध में आयोजित किए सायबर युद्धाभ्यास में जापान भी शामिल हो, यह मांग नाटो कर रही थी|

जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने पिछले सप्ताह में नाटो और जापान के इस सायबर सहयोग की जानकारी साझा की थी| पर, जापान के रक्षा मंत्रालय ने कुछ घंटे पहले ही इस सायबर युद्धाभ्यास में शामिल होने की जानकारी घोषित की| इस में कम्प्युटर पर होनेवाले सायबर हमलें रोकना, खुफिया जानकारी सुरक्षित करने के साथ ही हैकर्स पर सायबर हमलें करने का अभ्यास भी इस दौरान किया गया|

अबतक जापान ने नाटो की मुहीमों में निरिक्षक के तौर पर भूमिका अपनाई थी| अपनी भूमिका व्यापक करने का निवेदन करके भी जापान ने अपनी नीति बचावात्मक रखी थी| पर, प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने बदलाव की हुई रक्षा नीति और अमरिका के समर्थन की वजह से जापान ने सभी स्तरों पर अपनी लष्करी भुमिका व्यापक की है| 

दुनिया में सबसे अधिक सायबर हमलें करनेवाले प्रमुख देश के तौर पर चीन की ओर देखा जाता है| सायबर हमलें करने में चीन ने रशिया को भी पीछे छोडा है, यह दावा अमरिका और यूरोपिय देश कर रहे है| पिछले वर्ष से चीन के हैकर्स ने अमरिका, यूरोपिय देश, भारत एवं आग्नेय एशियाई देशों पर सायबर हमलें किए है|

चीन के इन सायबर हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए जापान नाटो की सहयात करें, यह निवेदन अमरिका और यूरोपिय देशों ने पहले भी किया?था| जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंझो ने कुछ दिन पहले इस सायबर सहयोग को मंजुरी दी| इस वजह से इसके आगे चीन हो रहे सायबर हमलों को अमरिका, यूरोपिय देशों के साथ जापान भी प्रत्युत्तर देगा| चीन के लिए यह बडी चुनौती साबित हो सकती है|

इससे पहले अपनी लष्करी नीति आक्रामक करनेवाले जापान पर चीन ने बडी तीखीं आलोचना की थी| अब सायबर सुरक्षा के लिए जापान सीधे नाटो के मोर्चे में शामिल होने से बेचैन होते हुए चीन बडी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकता है|

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