सुप्रीम कोर्ट ने अपात्र ठहराने के बाद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का इस्तीफा- सेना पर षड्यंत्र रचने का आरोप

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ‘पनामा पेपर लिक’ मामले में निर्णय देने के बाद नवाज शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा है| इस से पाकिस्तान में राजनितिक भूकंप आ गया है और विपक्ष के नेता व कार्यकर्त्ता सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का बड़े धूमधाम से स्वागत कर रहे हैं| कुछ निरीक्षकों की ओर से कहा जा रहा है कि, पाकिस्तान की प्रभावशाली सेना के विरोध में नवाज शरीफ ने जो रवैया अपनाया था, वही रवैया इस निर्णय के लिए जिम्मेदार है| अब शरीफ की जगह किसको नियुक्त किया जाए इस पर उनके पक्ष में चर्चा शुरू है और इस में नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ का नाम सबसे आगे है|

नवाज शरीफ की पाकिस्तान के बाहर बड़े पैमाने पर बेहिसाब संपत्ति होने की बात ‘पनामा पेपर लिक’ मामले में दुनिया सामने आ गई है| इस वजह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ के खिलाफ माहौल तैयार हुआ था साथ ही विपक्ष ने इस पर बहुत बड़ा बवाल खड़ा किया था| शुक्रवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के खिलाफ निर्णय देकर उनका प्रधानमंत्री पद अपात्र ठहराया| इस खबर से पाकिस्तान में बवाल मच गया है| शरीफ के विरोधक इस निर्णय का जश्न मना रहे हैं| शरीफ की पार्टी ने इस निर्णय पर सवाल खड़ा किया है|

नवाज शरीफ की कन्या मरियम नवाज, पुत्र हुसैन नवाज शरीफ और हसन नवाज शरीफ इनके नाम भी ‘पनामा पेपर लिक’ मामले में आगे आए हैं| शरीफ ने अपने पद का ग़लत इस्तेमाल कर के पाकिस्तान में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार और गैरव्यवहार करके संपत्ति जमा करके देश के बाहर भेजी है| इसके लिए उनपर नकली कम्पनियां निर्माण करने का भी आरोप लगाया गया है| सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शरीफ के विरोधकों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया है| प्रमुख विपक्ष नेता इमरान खान ने इस फैसले का स्वागत किया है| इमरान खान ने कहा है कि इस मामले में तहकीकात करने वाली ‘जॉइंट इन्वेस्टीगेशन टीम’ ने बहुत बड़ा काम किया है, पश्चिमी देशों की जाँच एजंसियां भी इतना अच्छा किम नहीं करती|

इमरान खान ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की वजह से पाकिस्तानी जनता की आशाओं में जान आ गई है| दौरान कुछ निरीक्षक दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना ने ही अपनी ताकत लगाकर शरीफ को पद से हटाया है| भ्रष्टाचार और गैरव्यवहार पाकिस्तानी नेताओं के लिए नई बात नहीं है| इसके पहले किसी भी प्रभावशाली पाकिस्तानी नेता पर आरोप सिद्ध होकर उसे सजा नहीं हुई है| लेकिन पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जाने वाले नेताओं पर इस तरह के आरोप करके, उनपर कड़ी कार्रवाई की जाती है, इस बात की तरफ विशेषज्ञ ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं|

शरीफ ने पाकिस्तान की नीति को निश्चित करते समय और राज्य का कामकाज करते समय, लोकनियुक्त सरकार की भूमिका निर्णायक होगी, इस बात को सत्ता पर आने से पहले ही स्पष्ट किया था| साथ ही भारत के साथ अच्छे सम्बन्ध प्रस्थापित किए बगैर पाकिस्तान की प्रगति होना मुमकिन नहीं है, ऐसा भी शरीफ ने कहा था| इस बात पर तत्कालीन सेना प्रमुख ने आपत्ति जताई थी| सत्तापर आने के बाद भी नवाज शरीफ ने अपनी ओर से भारत के साथ अच्छे संबंध प्रस्थापित करने की कोशिश की थी| लेकिन हर बार पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कठिनाई में डाला है| इस बार तो कश्मीर और अन्य मुद्दों पर शरीफ भारत के खिलाफ कड़ी नीति अपनाए, इस लिए शरीफ पर पाकिस्तानी सेना और सेना से संबंधित भारत विरोधी कट्टरपंथिय गुटों से दबाव डाला जा रहा था|

पाकिस्तान के दैनिक ‘द डॉन’ में विख्यात पत्रकार सरिस अल्मेडा ने शरीफ की उपस्थिति में कुछ मंत्रियों की पाकिस्तानी सेना के अधिकारीयों के साथ हुए शाब्दिक विवाद की जानकारी दी थी| पाकिस्तानी सेना पर आतंकवादी विरोधी कार्रवाई में बाधा डालने का आरोप लगाकर इन मंत्रियों ने इस विरोध में आपत्ति जताई थी| पाकिस्तानी सेना के खिलाफ खोली गई जानकारी मतलब देशद्रोह होने का आरोप करके उसके पीछे नवाज शरीफ का षड्यंत्र है, ऐसा दाग सेना से सम्बंधित कट्टरपंथिय गुटों ने लगाया है| पाकिस्तान की सेना के साथ का यह संघर्ष शरीफ को मंहगा पड़ा और सेना ने ही अपनी ताकत लगाकर शरीफ को पद से हटाने की बात स्पष्ट हो गई है|

पाकिस्तानी सेना भले ही ऊपर से दावा कर रही हो की उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में शरीफ के खिलाफ खड़े नेताओं को सेना की मदद मिलने की बात अब छिपी नहीं है| खास करके इमरान खान जैसे नेता का इस्तेमाल कर के पाकिस्तानी सेना शरीफ को धक्का देने की सतत कोशिश कर रही थी| कश्मीर मुद्देपर शरीफ भारत विरोधी भूमिका नहीं ले रहे, इस बात का बतंगड़ सेना पर निष्ठा रखने वाले कट्टरपंथिय गुटों ने बनाया है| ‘लश्कर-ए-तोयबा’ का आतंकवादी और मुंबई पर आतंकवादी हमले में हिस्सा लेने वाले ‘अब्दुल रहमान मक्की’ ने कश्मीर के जिहाद को अपना समर्थ न देने की सजा शरीफ को मिली है, ऐसी प्रतिक्रिया देकर शरीफ को पद से हटाने का कारण बताया है|

लेकिन शरीफ के सत्ता से बेदखल होने से पाकिस्तान अराजकों के नए पर्व में प्रवेश करने की कड़ी संभावना निर्माण हुई है|

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