सुरक्षा के कारणवश ऑस्ट्रेलिया ने चीन के निवेश को नाकारा है

केनबेरा/बीजिंग: चीनी कंपनी की ओर से प्रशांत महासागर के ‘सोलोमन आयलैंड’ और ऑस्ट्रेलिया के दौरान इन्टरनेट वहन के लिए डाले जाने वाले ‘अंडर सी केबल प्रकल्प’ के लिए ऑस्ट्रेलिया ने नकार दिया है| कुछ दिनों पहले अमरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुरू नौसेना के अभ्यास दौरान ऑस्ट्रेलिया के पास चीनी ‘स्पाईशिप’ देखा गया था| इस घटना के बाद चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव फिर एक बार गर्म हो गया है और केबल प्रकल्प को नकार देने का यही कारण बताया जा रहा है|

ऑस्ट्रेलिया के ईशान्य के उत्तर-पूर्व ‘सोलोमन आयलैंड’ और ऑस्ट्रेलिया के दौरान इन्टरनेट वहन के लिए ‘अंडर सी केबल प्रकल्प’ को कुछ वर्षों पहले मान्यता दी गई थी| इस प्रकल्प के लिए एक अमरिकी-ब्रिटिश कंपनी के साथ चर्चा शुरू थी| इस प्रकल्प को वित्त सहायता करने के लिए ‘एशियाई डेवेलपमेंट बैंक’ ने हाँ कहा था| लेकिन पिछले साल ‘सोलोमन आइलैंड’ ने अचानक इस कंपनी के साथ चर्चा रोककर सीधे चीन की ‘हुवेई’ कंपनी के साथ अनुबंध किया|

२०१२ साल में ऑस्ट्रेलिया के ‘सिक्यूरिटी इंटेलिजेंस आर्गेनाइजेशन’ ने ‘हुवेई’ चीनी कंपनी के बारे में सावधानी बरतने का इशारा दिया था| इस इशारे के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपने महत्वाकांक्षी ‘नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क’ में ‘हुवेई’ को सहभागी होने से रोका था| अमरिका ने भी अपने देश के महत्वपूर्ण और संवेदनशील प्रकल्पों में ‘हुवेई’ के सहभाग पर प्रतिबन्ध लगाया था| इस कंपनी में चीन सरकार और सेना के हितसंबंध छिपे हैं ऐसा अमेरिका ने आरोप लगाया था|

इस पृष्ठभूमि पर ‘सोलोमन आयलैंड’ ने ‘हुवेई’ के साथ किया अनुबंध ऑस्ट्रेलिया के लिए नाराज करने वाला है| ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस प्रकरण में ‘सोलोमन आइलैंड’ की सरकार के साथ बातचीत शुरू की है और ‘हुवेई’ के साथ लग रही चिंता की जानकारी दी है| ऑस्ट्रेलिया की गुप्त एजेंसी के प्रमुख ने ‘सोलोमन आइलैंड’ के प्रधानमंत्री को इस सन्दर्भ में इशारा देने की बात भी सामने आई है| इस प्रकल्प के लिए वित्त सहायता की तैयारी दर्शाने वाली ‘एशियाई डेवेलपमेंट बैंक’ ने भी वित्त सहायता करने के लिए मना कर दिया है और इस प्रकल्प में पारदर्शिता न होने के कारण आगे किया है|

‘सोलोमन आइलैंड’ से डाली जाने वाली केबल सिडनी शहर के नेटवर्क से जोड़ी जाने वाली है और उसके लिए देश की ‘कम्युनिकेशन एंड मीडिया अथॉरिटी’ की ओर से उचित लाइसेंस मिलना आवश्यक है| लेकिन सन २०१२ के निर्णय के बाद ऑस्ट्रेलियन यंत्रणा ऐसा लाइसेंस देगी क्या इस पर आशंका जाहिर की जा रही है| ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने किए हुए दावे के अनुसार ‘अटोर्नी जनरल’ संबंधित यंत्रणा को लाइसेंस नकारने की सुचना देंगे, ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं|

पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में ‘चीनी’ निवेश बड़े पैमाने बढ़ने की बात सामने आ गई है| २०१२ से २०१६ इन पांच वर्षों में चीन ने ऑस्ट्रेलिया में ४० अरब डॉलर्स से भी ज्यादा का सीधे निवेश करने की बात कही जा रही है| इसमें उत्तर ऑस्ट्रेलिया के ‘डार्विन’ बंदरगाह के विकास से लेकर कई महत्वपूर्ण प्रकल्पों का समावेश है| ऑस्ट्रेलिया के कई लोक प्रतिनिधियों को चीन ने अपनी तरफ खींचने की कोशिश करने की सनसनीखेज बात भी सामने आई थी| ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व रक्षा सचिव ने भी चीन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ी जासूसी करने का आरोप किया था|

Leave a Reply

Your email address will not be published.