ईरान और सौदी के विदेश मंत्री की हुई चर्चा

न्यूयॉर्क – संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा की पृष्ठभूमि पर ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमिराब्दोल्लाहियान और सौदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहाद की चर्चा हुई। सौदी के क्राउन प्रिन्स और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में यह इशारा दिया था कि, यदि ईरान परमाणु अस्त्र हासिल करता हैं तो ऐसा करने से सौदी भी पीछे नहीं रहेगा। इस पृष्ठभूमि पर इन दो विदेश मंत्रियों की हुई चर्चा ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इस चर्चा में ईरान के विदेश मंत्री ने यह दावा किया है कि, हमारा देश सौदी के साथ ‘कॉम्प्रिहेन्सिव पार्टनरशिप एग्रीमेंट’ करने के लिए उत्सुक हैं। ईरान के वृत्तसंस्था ने भी यह जानकारी साझा की है। 

विदेश मंत्रीसौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के साथ हमारी ‘कॉम्प्रिहेन्सिव एग्रीमेंट’ को लेकर चर्चा हुई थी, ऐसी जानकारी ईरान के विदेश मंत्री अमिराब्दोल्लाहियान ने प्रदान की। इसके साथ ही सौदी और ईरान मिलकर ‘जॉईंट इकॉनॉमिक कमिशन’ गठित कर सकते हैं और इस माध्यम से दोनों देश व्यापार और वित्तीय क्षेत्र में सहयोग का दायरा बढ़ा सकते हैं, इसपर भी अमिराब्दोल्लाहियान ने ध्यान आकर्षित किया। वहीं, सौदी के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहाद ने ईरान के विदेश मंत्री से हुई चर्चा को लेकर संतोष जताया। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से सौदी और ईरान के नेते कर रहे बयान कुछ अलग ही संकेत दे रहे हैं।

ईरान यदि परमाणु अस्त्रों से लैस होता है तो सौदी अरब भी ऐसा करने से पीछे नहीं रहेगा, सौदी भी परमाणु अस्त्र हासिल करेगा। अपनी सुरक्षा और खाड़ी क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए सौदी को भी परमाणु अस्त्र हासिल करने होंगे, ऐसा इशारा सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने दिया था। साथ ही ईरान ने परमाणु अस्त्र प्राप्त करने के बाद सौदी के लिए उभरने वाले खतरे के विरोध में हम इस्रायल से सहयोग करेंगे, यह संदेश भी प्रिन्स मोहम्मद ने दिया था। सौदी और इस्रायल हर दिन अधिक से अधिक नज़दिक आ रहे हैं, ऐसा सूचक बयान भी प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने किया था।

उनके इस बयान पर ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। इस्रायल के साथ सौदी सहयोग न करें, ऐसा करना यानी पैलेस्टिनियों के पीठ में खंजर घोंपने जैसा होगा, ऐसा दावा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। वहीं, संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में बोलते समय इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने यह कहा था कि, ईरान से होने वाले खतरे के विरोध में सौदी और खाड़ी क्षेत्र के अन्य देश इस्रायल के साथ सहयोग कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर ईरान का नेतृत्व सौदी के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए पहल करता दिख रहा हैं। साथ ही ईरान के नेता सौदी को इस्रायल के साथ सहयोग करने के मुद्दे पर आगाह करते भी दिख रहे हैं।

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