करीबी दिनों में कोरोना के नए विषाणु से महामारी फैल सकती है – चीन के वैज्ञानिकों की चेतावनी

बीजिंग – करीबी समय में पूरे विश्व में कोरोना के नए विषाणु से महामारी फैल सकती हैं, ऐसी चेतावनी चीन स्थित वैज्ञानिकों ने दी है। ‘वुहान इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ के वैज्ञानिकों ने इससे संबंधित एक पेपर जारी किया है। इसमें वुहान लैब के शीर्ष वैज्ञानिक शी झेंगली और उनके सहयोगियों ने कोरोना के नए विषाणुओं का ज़िक्र करके आगाह किया हैं। वर्ष २०१९ के अन्त में कोरोना का फैलाव होने से पहले भी झेंगली ने चेतावनी दी थी, यह कुछ दिन बाद स्पष्ट हुआ था।  

विषाणु से महामारीवर्ष २०१९ के अन्त में चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना के कारण पूरे विश्व में कोहराम मचा था। इस महामारी के कारण ७० लाख से भी अधिक लोगों की मौत हुई हैं और कुछ देशों में अभी भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। कुछ महीने पहले चीन ने इस विषय में एक रपट भी जारी की थी। इस रपट में चीन ने उसके खिलाफ लगाए आरोप ठुकराए थे। लेकिन, चीन के इस रपट के बाद भी ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने चीन से अधिक सहयोग एवं खुलासे की आवश्यकता होने का बयान किया था। अमरिकी संसद और जांच एजेन्सीयों ने भी पिछले साल से जारी किए विभिन्न रपट में कोरोना की महामारी चीन के वुहान लैब से ही शुरू हुई है, यह आरोप लगाया था।  

इस पृष्ठभूमि पर वुहान लैब के वैज्ञानिकों की नई रपट और इसमें दर्ज़ चेतावनी ध्यान आकर्षित करती है। इस रपट की लेखिका एवं प्रमुख वैज्ञानिक शी झेंगली ‘बैटवूमन’ के नाम से जानी जाती है। इसके फैलाव पर आधारित उन्होंने किए खोज कार्य के कारण ही उन्हें यह नाम प्राप्त होने की बात कही जाती है। कोरोना के विभिन्न विषाणुओं का भी उन्होंने काफी अध्ययन किया है और इस क्षेत्र में उन्हें अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ कहा जाता है। इस वजह से उनके मार्गदर्शन में तैयार हुई रपट अहमियत रखती है।  

झंगली और उनके सहयोगियों ने तैयारकी हुई रपट में कोरोना के ४० विषाणुओं का ज़िक्र है। इनमें से २० विषाणु काफी खतरनाक होने की चेतावनी दी गई है। इनमें से छह विषाणुओं की वजह से दुनियाभर में पहले ही महामारी फैली है। इनमें २००३ में फैला ‘सार्स’, खाड़ी में पाया गया ‘मर्स’ विषाणु एवं २०१९ के ‘कोविड’ का समावेश हैं। ऐसे में जल्द ही दुनिया में नई महामारी फैल सकती हैं और वह कोरोना के विषाणु से ही फैलने की संभावना हैं, ऐसा इशारा झेंगली और उनके सहयोगियों ने दिया है। ‘इमर्जिंग माइक्रोब ॲण्ड इन्फेक्शन्स’ नामक जर्नल में यह रपट प्रसिद्ध हुई है।

जून महीने में वुहान लैब के दो वैज्ञानिकों का जेनिफर झेंग ने साक्षात्कार प्रसिद्ध किया था। इसमें कोरोना के विषाणु का निर्माण चीन के लैब में ही हुआ। आगे इसी विषाणु का फैलाव करके चीन ने इसे जैव हथियार की तरह इस्तेमाल किया, ऐसी सनसनीखेज कबुली दी गई थी। वर्ष २०१९ में वुहान में हुई सैन्य स्पर्धा में शामिल हुए विदेशी सैनिकों को जरिया बनाकर चीन ने इस विषाणु का फैलाव किया था, ऐसा दावा भी वुहान के वैज्ञानिकों ने किया था।

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