सीरिया में कुर्द एवं अरब गुटों के संघर्ष में ५२ लोग मारे गए – सीरिया के वांशिक संघर्ष के लिए अमेरिका ने अस्साद हुकूमत को जिम्मेदार ठहराया

बैरूत/देर अल-जोर – सीरिया की पूर्वी भाग में अरब और अमेरिका पुरस्कृत कुर्द गुटों के बीच छिडे संघर्ष में कम से कम ५२ लोग मारे गए हैं। इसमें चार नागरिकों का समावेश होने का दावा मानवधिकार संगठन कर रहा है। सीरिया के इस संघर्ष को रोकने का आवाहन करके अमेरिका ने सन २०११ की तरह सीरिया में फिर से वांशिक संघर्ष छिडने का डर व्यक्त किया है। इसके लिए सीरिया की अस्साद हुकूमत जिम्मेदार होने का कलंक अमेरिका ने लगाया है। इसके अलावा वांशिक संघर्ष तुरंत रोका नहीं गया तो आतंकी संगठन ’आयएस’ सीरिया में फिर से जोर पकडेगी, ऐसा इशारा अमेरिका ने किया है।  

अस्साद हुकूमत१२ वर्ष पूर्व आयएस ने अस्साद हुकूमत के जवानों के नियंत्रण से सीरिया के पूर्व में देर अल-जोर और राक्का पर नियंत्रण हासिल किया था। इसके बाद अगले कुछ वर्षों तक आयएस के आतंकियों ने उक्त भाग में अपना तल ठोका था। सन २०१९ में अमेरिका एवं कुर्द आतंकियों ने इस हिस्से से ’आयएस’ का प्रभाव नष्ट करके नियंत्रण पाया था। तब से देर अल-जोर कुर्दों के प्रशान में थे। यहां की युफ्रेटस नदी के एक हिस्से में अमेरिका का तल था तो दूसरे हिस्से में ईरान से जुडे हुए गुटों का नियंत्रण था।  

मगर पिछले कुछ हफ्तों से देर अल-जोर के अरब और कुर्द गुटों के बीच विवाद बहुत बढ चुका है। चार दिनों पूर्व इन दोनों गुटों में संघर्ष छिडा था। अरब एवं कुर्द यह संघर्ष रोकें, इसलिए सीरिया की अस्साद हुकूमत तथा देर अल-जोर में तल मौजूद होने वाली अमेरिका ने आवाहन किया था। पर यह संघर्ष नहीं रुका है। सीरिया के संघर्ष पर बारीकी से नजर रखनेवाली आतंकी संगठना ने शुक्रवार को प्रसिद्ध की हुई जानकारी के अनुसार इस वांशिक संघर्ष में ५२ लोग मारे गए। इनमें अरब गुट के २९ तो कुर्द गुट के १३ लोग शामिल हैं, यह दावा किया जा रहा है।

इराक की सीमा करीब सीरिया के देर अल-जोर के इस संघर्ष के लिए अमेरिका ने अस्साद हुकूमत को जिम्मेदार ठहराया है। सीरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद और ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने अमेरिका पुरस्कृत गुटों में मतभेद निर्माण करके यह संघर्ष छेडा है ऐसा आरोप अमेरिका ने लगाया है। इसकी वजह से अस्साद हुकूमत को सीरिया पर अपनी पकड मजबूत करनी है। तो ईरान को सीरिया में अपना प्रभाव बढाने का दावा अमेरिका के विश्लेषक कर रहे हैं।

पर सीरिया का यह वांशिक संघर्ष ’आयएस’ के आतंकी संगठन को आमंत्रित कर सकता है, ऐसा इशारा अमेरिका ने दिया है। पिछले कुछ वर्षों में आयएस का प्रभाव कम हो गया है फिर भी अमेरिका याद दिला रही है कि, यह आतंकी संगठन अब भी सीरिया में अस्तित्व में है। सीरिया में आयएस का बढता हुआ प्रभाव सबके लिए खतरनाक साबित होगा, ऐसे इशारे अमेरिका दे रही है। कुछ ही घंटे पहले आयएस के ठिकानों पर हमले करने का दावा अमेरिका नें किया। पर अमेरिका के हमले सीरिया के बेगुनाह नागरिकों को लक्ष्य कर रहे हैं ऐसी टीका अस्साद हुकूमत ने की है।

तो, सीरिया में अमेरिका और रशिया के बीच भी छुपा युद्ध जारी होने का दावा किया जाता है। पिछले महीने रशियन विमानों ने सात बार अमेरिका एवं मित्रराष्ट्रों के विमानों के नजदीक से खतरनाक तरीके से गुजरने का आरोप पेंटगॉन लगा रहा है।

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