रशिया ने बाखमत पर पाया नियंत्रण यूक्रेन की नीति असफल होने के संकेत देता है – अमरीका के पूर्व रक्षा अधिकारी का दावा

वॉशिंग्टन/मास्को/किव – रशियन सेना ने डोन्बास के बाखमत शहर पर किया कब्ज़ा रशिया-यूक्रेन युद्ध का निर्णायक चरण हैं। इस घटना ने यूक्रेन की हुकूमत की नीति पुरी तरह से असफल ङोने के संकेत दिए हैं, यह दावा अमरीका के पूर्व रक्षा अधिकारी लेफ्टनंट कर्नल कैरेन क्विआटकोव्स्की ने किया है। इसी बीच बाखमत पर रशिया ने पाया नियंत्रण यह युद्ध रशिया ही जीत रही हैं, यही दर्शाता है, ऐसा सेना विश्लेषक स्कॉट रिट ने कहा। रशियन सेना के आगे अब यूक्रेन का संभावित ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ को नाकाम करने का उद्देश्य हैं और बाखमत से इसे गति प्राप्त होगी, ऐसे संकेत रशियन विश्लेषकों ने दिए हैं। 

बाखमतरशिया के लिए बाखमत की जीत निर्णायक घटना हैं और डोन्बास क्षेत्र पर कब्ज़ा पाने के लिए इस शहर पर नियंत्रण रखना अहम समझा जाता है। पिछले कई महीनों से बाखमत के लिए शुरू जंग की तुलना दूसरे विश्व युद्ध के ‘स्टैलिनग्राड’ की जंग से भी की गई थी। स्टैलिनग्राड की जंग के बाद रशिया ने जर्मनी को पराजित करने की सफलता हासिल की थी। इसी तरह यूक्रेन और उसे समर्थन दे रहे पश्चिमी देशों को रशिया परस्त करेगी, यह दावे किए जा रहे हैं। 

पिछले कुछ दिनों से बाखमत की स्थिति कठिन होने की बात स्वीकार करते रहें यूक्रेनी नेतृत्व ने इस क्षेत्र से पीछे हटने में देरी की थी। इससे यूक्रेन और पश्चिमी देशों के बीच मतभेद भी हुए थे। 

यूक्रेन की सेना और सरकार ने बाखमत के लिए की हुई तैनाती और हथियारों के भंड़ार के किए इस्तेमाल को लेकर पश्चिमी देशों ने नाराज़ी जताई थी।

यूक्रेन ने एक शहर के लिए अधिक बल, हथियार और समय जाया किया तो रशिया विरोधी जवाबी हमलों के अभियान पर असर होगा, इसपर पश्चिमी विश्लेषक और विशेषज्ञों ने ध्यान आकर्षित किया था। अब बाखमत खोने के बाद पश्चिमी माध्यम और विश्लेषक यूक्रेन की नीति ही नाकाम होने के दावे कर रहे हैं। 

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