सीरिया में रशिया अपनी तैनाती और सैन्य अड्डे बढ़ाए – सीरियन राष्ट्राध्यक्ष का रशिया को प्रस्ताव

मास्को – रशिया ‘सीरिया में अपनी सैन्य तैनाती और सैन्य ठिकाने बढ़ाए। इसके साथ ही ज़रूरत पडने पर रशिया अपना स्थायी अड्डा सीरिया में स्थापित करे’, ऐसा प्रस्ताव सीरियन राष्ट्राध्यक्ष बशर अल अस्साद ने दिया है। साथ ही यूक्रेन युद्ध में सीरिया का रशिया को पूरा समर्थन मिलने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने किया। इस्रायल, अमरीका और तुर्की आतंकवादियों पर कार्रवाई कर रहे हैं, यह कहकर सीरिया में लगातार हमले कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष रशिया को यह प्रस्ताव देकर अपनी सुरक्षा का प्रावधान करने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

तैनाती और सैन्यसीरिया में रशिया के कुल दो बड़े ठिकाने हैं। इनमें सोवियत रशिया के दौर के ‘तारतूस’ बंदरगाह के नौसैनिक अड्डे का समावेश है। और पिछले कुछ सालों से ‘हेमिम हवाई अड्डा’ सीरिया में रशिया का दूसरा बड़ा अड्डा बना है। वहां पर रशिया के लड़ाकू विमान, हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी तैनात है। इसके अलावा तारतूस बंदरगाह में रशियन विध्वंसक और युद्धपोतों का बेड़ा तैनात है। यह नौसैनिक अड्डा रशिया के लिए भूमध्य समुद्र में प्रभाव डालने के लिए सहायक साबित होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा सीरिया के अन्य हिस्सों में भी रशियन सेना ऐवं सेना पुलिस छोटी संख्या में तैनात होने की खबरें प्राप्त हुई थीं।

लेकिन, सीरिया में इस्तेमाल हो रहे इन सैन्य ठिकानों के अलावा रशिया अन्य जगहों पर भी नए अड्डे बनाए और सैन्य तैनाती बढ़ाए। रशिया के इस निर्णय का सीरिया स्वागत ही करेगा, ऐसा आवाहन रशिया के दौरे पर दाखल हुए राष्ट्राध्यक्ष बशर अल अस्साद ने रशियान राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करते हुए किया। सीरिया में रशिया की यह तैनाती अस्थायी होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन, पुतिन के साथ बैठक के बाद सीरियन राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया को स्थायी अड्डा स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। रशियन सेना की यह अतिरिक्त तैनाती सीरिया के लिए सहायक ही साबित होगी, ऐसा विश्वास भी अस्साद ने व्यक्त किया।

दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की इस बैठक में नए सैन्य ठिकानों के नामों की चर्चा ना होने का दावा माध्यम कर रहे हैं। लेकिन, जनवरी में ही रसिया के रक्षा मंत्रालय ने सीरिया के उत्तर की ओर स्थित अलेप्पो प्रांत के अड्डे का ज़िक्र किया था। वहां के ‘अल-जराह हवाईअड्डे’ का इस्तेमाल करने के लिए रशिया उत्सुक होने की खबर सामेन आयी थी। साल 2017 में आयएस के आतंकवादियों से छीना गया यह हवाई अड्डा फिलहाल सीरियन सेना के नियंत्रण में है। तुर्की की सीमा के करीबी इस अड्डे का इस्तेमाल सीरिया में जारी हमले रोकने के लिए होगा, ऐसा दावा रशियन रक्षा मंत्रालय ने किया था। इसकी वजह से आनेवाले समय में सीरिया के इस अड्डे पर रशियन विमानों की तैनाती हो सकती है।

नए सैन्य अड्डे और अतिरिक्त सैन्य तैनाती के साथ ही सीरियन राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया को नया प्रस्ताव भी दिया है। सीरिया के सैन्य ठिकानों पर रशिया को ज़रूरत पडती है तो वह अतिप्रगत मिसाइल, हथियार भी तैनात करें। हायपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती करने को भी सीरिया का विरोध नहीं है, ऐसा अस्साद ने पत्रकारों से बोलते समय स्पष्ट किया। इसकी वजह से सीरिया रशिया को बड़ी तैनाती के लिए आमंत्रित कर रहा है। यूक्रेन के मुद्दे पर बयान करते हुए रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने क्रिमिया और अन्य प्रांतों पर रशिया का कब्ज़ा ऐतिहासिक नज़रिये से उचित ही है, ऐसा अस्साद ने कहा। साथ ही यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोल्दोमीर ज़ेलेन्स्की ने पश्चिमी देशों के लिए तीसरा विश्व युद्ध शुरू किया है, ऐसा आरोप अस्साद ने लगाया।

इसी बीच, साल 2011 में सीरिया में अस्साद हुकूमत विरोधी गृहयुद्ध शुरू हुआ था। पश्चिमी देशों के समर्थन से विद्रोही संगठनों ने अस्साद की हुकूमत का तख्ता पलटने की कोशिश की थी। रशिया के हस्तक्षेप के बाद पश्चिमी देशों की यह साज़िश नाकाम हुई। इसके बाद पिछले 12 साल से रशिया सीरिया की अस्साद हुकूमत के साथ है और इससे अस्साद अपनी हुकूमत बचाए रखने में सफल हुए हैं।

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