भारत द्वारा नेपाल को ७५ करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता

नई दिल्ली, दि. १६ (पीटीआय) – नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल (प्रचंड) भारत यात्रा पर आये हैं| शुक्रवार को उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की| इस समय दोनो देशों के बीच तीन महत्त्वपूर्ण समझौते संपन्न हुए| इसमे, पिछले साल भूकंप की वजह से ध्वस्त हुए नेपाल के पुनर्निर्माण के लिए ७५ करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायतासंबंधी समझौता शामिल है| पिछले साल भारत द्वारा नेपाल को एक अरब डॉलर्स की सहायता दी गयी थी|

pushpa-kamal-dahal-modi.jpg- नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल के तरई इलाके में मधेसी नागरिको ने, नेपाल के नये संविधान को लेकर शुरू किया आंदोलन तीव्र होने के बाद जुलाई महीने में के.पी.ओली शर्मा को नेपाल के प्रधानमंत्री पद का इस्तीफा देना पड़ा था| इसके बाद, प्रधानमंत्री के पद के लिए प्रचंड के नाम पर सहमति हुई थी| प्रधानमंत्रीपद का कार्यभार हाथ में लेने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत आये प्रचंड का गुरूवार को जोर-शोर से स्वागत किया गया| प्रधानमंत्री मोदी ने, शुक्रवार को प्रचंड के साथ हुई बैठक के बाद संयुक्त पत्रकार परिषद में इसका जिक्र किया|

प्रधानमंत्री पद पर दूसरी बार विराजमान हुए प्रचंड ने प्रथम भारत में आने का फैसला किया, इसके लिये हमें खुशी हुई, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा| प्रधानमंत्री मोदी ने इस समय नेपाल के नये संविधान का ज़िक्र किया| संविधान व्यापक रहना चाहिए, नेपाल के समाज के सभी गुटों की आकांक्षाएँ उसमे प्रतिबिंबित होने के लिये चर्चा के मार्ग का स्वीकार करना चाहिए, ऐसी सलाह प्रधानमंत्री मोदी ने इस वक्त दी| नेपाल के विकास तथा आर्थिक प्रगती के लिये भारत हमेशा सहायता करेगा| प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्त्व में नेपाल ते़ज़ी से विकास करेगा और संविधान से संबंधित विवादों का हल भी प्रचंड के नेत्तृत्व में निकाला जायेगा, ऐसा भरोसा भी प्रधानमंत्री मोदी ने जताया|

रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में दोनो देश इसके आगे भी सहयोग बरक़रार रखेंगे| भारत का पड़ोसी देश देश रहनेवाला नेपाल शांत, अटल और समृद्ध रहें, ऐसी भारत की इच्छा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया| नेपाल के तरई इलाके में बिजली की आपूर्ति तथा सड़कों के निर्माणप्रकल्प के दुसरे पड़ाव के लिये ज़्यादा सहायता देने का ऐलान भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया| नेपाल के तरई इलाके को भारत के साथ जोड़ने के लिए १८०० किलोमीटर का रेल मार्ग तथा नेपाल में भारत निर्माण कर रहे बिजली प्रकल्पों पर भी इस वक्त चर्चा हुई, ऐसा कहा जाता है|

सन २००८ में प्रचंड पहली बार नेपाल के प्रधानमंत्री चुनकर आये थे| उस समय उन्होने, अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन को पसंद किया था| लेकिन अब दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद की अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए प्रचंड ने भारत को चुना, इससे उनकी भारत के प्रति बदली हुई भूमिका अधोरेखित होती है| पिछले दो सालों में प्रचंड तीसरी बार भारतयात्रा पर आये हैं| दो बार वे विपक्षी नेता के तौर पर भारत आकर गये थे|

पिछले कुछ समय से, भारत और नेपाल के बीच संबंध तनावपूर्ण बन चुके हैं, ऐसी आलोचना की जा रही थी| ख़ास तौर पर, भारत नेपाल की अंतर्गत राजनीती में दख़लअंदाज़ी कर रहा होने का आरोप होने के बाद माहौल में और तनाव पैदा हुआ था|

साथ ही, पाँच महीने से अधिक समय चल रहे मधेसियों के हिंसक आंदोलन के पीछे भी भारत का हाथ है, ऐसा आरोप नेपाल के कुछ नेताओं ने किया था| नेपाल भारत से दूर जा रहा है, ऐसा जानकार कहने लगे थे| पिछले कुछ महीनों में, चीन ने नेपाल में भारी मात्रा में निवेश किया था| साथ ही, इंधन आयात के लिए चीन से आनेवाला वैकल्पिक मार्ग भी पूरा होने की कगार पर है| चीन का नेपाल में बढ़ता प्रभाव, यह भारत की रक्षा के लिए ख़तरा माना जा रहा था| लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्रीपद पर आये प्रचंड ने पहले भारत की यात्रा पर आने का फ़ैसला करके, नेपाल पर भारत का प्रभाव आज भी क़ायम है, ऐसा संदेश दिया है|

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