भारत-चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चर्चा करेंगे

नवी दिल्ली, दि. २९ (पीटीआय) – कई मुद्दों पर तनाव होने की पृष्ठभूमि पर, भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अगले हप्ते चर्चा करनेवाले हैं| अगले हप्ते हैदराबाद में यह चर्चा संपन्न होनेवाली है, ऐसा कहा जा रहा है| इस चर्चा में भारत की ‘एनएसजी’ सदस्यता, मसूद अझहर पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की कार्रवाई इन मुद्दों पर गहरी चर्चा अपेक्षित है| इस मुद्दे पर चीन ने अपनाई भारतविरोधी भूमिका की वजह से देशभर से कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है और भारतीय ग्राहकों ने ऐन दिवाली के मौके पर चिनी उत्पादों पर बहिष्कार डालते हुए अपना गुस्सा प्रदर्शित किया है|

सुरक्षा सलाहकारभारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यांग जेईची हैदराबाद में आपस में चर्चा करेंगे| ब्रिक्स सम्मेलन के लिए भारत दौरे पर आने से पहले चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने, ‘एनएसजी’ सदस्यता के बारे में भारत को सकारात्मक संदेश देने के प्रयास किए थे| भारत की ‘एनएसजी’ सदस्यता के बारे में चर्चा संभव है, ऐसा चीन के विदेशमंत्रालय ने कहा था| साथ ही, पठाणकोट में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाईंड एवं ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना मौलाना मसूद अझहर इसपर होने जा रही संयुक्त राष्ट्रसंघ की कार्रवाई रोकनेवाले चीन ने, भारत में उभरी कड़ी प्रतिक्रिया के बाद इसपर पुनर्विचार करने के संकेत दिए थे|

ये सारे मुद्दे दोनों देशों के सुरक्षा सलाहकारों की चर्चा में प्रमुखता से रहेंगे| साथ ही, चीन पाकिस्तान में बना रहे ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ इस परियोजना पर इस समय चर्चा अपेक्षित है| भारत ने इस परियोजना को कड़ा विरोध किया है और बार बार चीन के पास शिकायत दर्ज की है| लेकिन यह परियोजना भारत के खिलाफ नहीं है, ऐसा कहते हुए चीन ने भारत को ही इस परियोजना में शामिल होने का आवाहन किया था| इस मसले पर दोनों देश अपना अपना पक्ष रखेंगे, ऐसा कहा जा रहा है| साथ ही, अमरीका के राजदूत ने की हुई अरुणाचल प्रदेश की भेंट पर और दलाई लामा के अगामी अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर चीन की ओर से ऐतराज़ जताया जा सकता है|

लेकिन इस विषय पर भारत ने अपनी भूमिका पहले ही स्पष्ट करते हुए, ‘इस सिलसिले में समझौता संभव नहीं है’ ऐसा चीन को स्पष्ट किया है|

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