नाइजेरिया में भीषण आतंकी हमले में ६५ लोगों की बलि

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरअबुजा – नाइजेरिया में ‘बोको हराम’ इस आतंकी संगठन ने किए भीषण हमले में करीबन ६५ लोगों की मौत हुई है| इसके अलावा १० लोग जख्मी हुए है और इस कारण इस हमले के मृतकों की संख्या में बढोतरी होने की संभावना है| अंतिम यात्रा से लौट रहे और आतंकियों को जवाब देने के लिए एक हो रहे गुट को बोको हराम ने इस हमले में लक्ष्या किया है, यह जानकारी स्थानिय सूत्रों ने दी| पिछले कुछ वर्षों में बोको हराम इस आतंकी संगठन ने नागरिकों पर किया हुआ यह सबसे बडा हमला होने का दावा माध्यमों ने किया है|

नाइजेरिया में फिलहाल वांशिक एवं आतंकी हमलों का बडा सत्र शुरू है| दो सप्ताह पहले ‘कत्सिना’ प्रांत में हुए वांशिक हमले में १० लोग मारे गए थे| इससे पहले जून महीने में ‘आईएस’ से जुडे आतंकी गुट ने किए हमले में ५० से अधिक लोग जान से गए थए| इसमें लष्करी ठिकाने पर हुए हमले का भी समावेश था| मई महीने में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने प्रसिद्ध किए हुए रपट में यह चेतावनी दी गई थी की, नाइजेरिया के भीषण वांशिक संघर्ष के कारण देश से २० हजार से भी अधिक लोग पडोसी देशों में स्थानांतरण करने के लिए विवश हुए|

नाइजेरिया की सरकार लगातार सुरक्षा व्यवस्था में बढोतरी करने की और सेना की तैनाती करने का वादा कर रही है, फिर भी इस का आतंकी एवं हथियारी गुटों पर किसी भी प्रकार से असर नही हो रहा है| नए आतंकी हमलें से नाइजेरिया समेत प्रमुख अफ्रीकी देशों की सुरक्षा व्यवस्था और पश्‍चिमी देशों से शुरू आतंकविरोधी मुहीम की सफलता पर फिर से सवाल खडा किया है|

अफ्रीका के कई देशों में अमरिका एवं यूरोपिय देशों की सहायता से बडी आतंकविरोधी मुहीम शुरू है| इसमें पश्‍चिमी देश ड्रोन्स, लडाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स, प्रगत हथियारी गाडियां, राकेटस् एवं मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे है| अमरिका और यूरोपिय देशों के हजारोंसैनिक अलग अलग अफ्रीकी देशों में तैनात है और उनसे अफ्रीकी देशों में सेना को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है|

ऐसी सभी कोशिशों के बावजूद भी अफ्रीकी देशों में ‘अल कायदा’, ‘आईएस’, ‘बोको हराम’ और ‘अल शबाब’ जैसी आतंकी संगठनों कें हमलों की तादाद बढ ही रही है| यह हमलें अफ्रीकी देशों के साथ ही पश्‍चिमी देशोंकी मुहिमों की भी नाकामयाबी स्पष्ट कर रहे है|

नाइजेरिया यह अफ्रीका का एक ईंधन से भरा प्रमुख देश है और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भी शामिल है| लेकिन, आतंकी संगठनों का बढता वर्चस्व, वांशिक हिंसा, अपराधिक गुटों के हो रहे हमलों की वजह से इश देश की सुरक्षा व्यवस्था पुरी तरह टुटने के इशारें विश्‍लेषक एवं स्वयंसेवी गुट दे रहे है|

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