नायजेरिया में ‘बोको हराम’ के हमले में २० की मौत; आतंकवादी कार्रवाइयां बढने की वजह से चिंता

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अबुजा – अमरिका और यूरोपीय देशों के साथ साथ अफ़्रीकी देशों की तरफ से आतंकवाद विरोधी मुहीम तीव्र बनाने के संकेत दिए जा रहे हैं, ऐसे में आतंकवादी संगठनों ने भी अपनी कार्रवाइयां अधिक तीव्र की हैं। रविवार को ‘बोको हराम’ इस आतंकवादी संगठन ने नायजेरिया के ‘बोर्नो स्टेट’ में किए हमले में कम से कम २० लोगों की मौत हुई है। इस हमले के दौरान स्थानीय सुरक्षा यंत्रणाओं पर सिर्फ देखते रहने का आरोप किया जा रहा है।

पिछले महीने में बोको हराम ने चाड और नायजेरिया इन दोनों देशों में एक के बाद एक आतंकवादी हमले किए थे। इन हमलों में ५० से अधिक लोगों की जान गई थी। उसके बाद फिरसे नायजेरिया को लक्ष्य बनाकर बोको हराम ने अपनी ताकत बढ़ने के संकेत दिए हैं। छह महीनों पहले नायजेरिया के लष्कर ने बोको हराम के खिलाफ संघर्ष में जीत के दावे किए थे। लेकिन उसके बाद इस संगठन के हमले बढने की वजह से नायजेरियन सुरक्षा यंत्रणाएं असफल साबित हुईं हैं।

रविवार सवेरे बोको हराम के आतंकवादियों ने बोर्नो स्टेट में स्थित ‘मैलारी’ गाँव में हमला किया। ट्रक में आए आतंकवादियों ने रायफल्स और ‘रॉकेट प्रॉपेल्ड ग्रेनेड्स’ की सहायता से गाँव पर हमला किया। कहा जाता है कि इसमें कम से कम २० लोगों की जान गई है। इस इलाके में काम करने वाली स्वयं सेवी संगठनों के सदस्यों ने दावा किया है कि मृतकों की संख्या ६० से भी ज्यादा हो सकती है। कुछ स्थानीय सूत्रों ने इस हमले का सुरक्षा यंत्रणाओं ने प्रतिकार ही नहीं किया, ऐसा आरोप किया है।

बोको हराम के इस हमले के बाद राष्ट्राध्यक्ष मुहम्मद बुहारी के नेतृत्व में तत्काल सुरक्षा विषयक बैठक बुलवाई गई। इस बैठक में बुहारी ने लष्कर और अन्य सुरक्षा यंत्रणाओं को उत्तर-पूर्व नायजेरिया में आतंकवाद विरोधी मुहीम को अधिक तीव्र करने के आदेश दिए हैं। उसी समय देश के रक्षा मंत्री ‘मन्सूर दान अली’ ने उत्तर-पूर्व इलाके की सुरक्षा विषयक स्थिति गंभीर है, इस बात को कबूल किया है।

पिछले कुछ महीनों में अफ़्रीकी देशों के साथ साथ अमरिका और यूरोपीय देशों ने अफ्रीका की आतंकवाद विरोधी मुहीम अधिक व्यापक बनाने के लिए कदम उठाए हैं। अफ़्रीकी देशों ने ‘जी५ साहेल फ़ोर्स’ कार्यरत किया है और उसकी व्याप्ति बढाने का फैसला किया है। यूरोपीय देशों में से फ़्रांस और जर्मनी ने अफ्रीका के लिए लष्करी तैनाती और सहायता के लिए पहल की है। अमरिका ने अफ्रीका में लष्करी तैनाती और ड्रोन्स बेस की संख्या बढाई है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाइयां तीव्र करने के संकेत दिए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठन के बढ़ते हमले अफ्रीका में आतंकवाद का संकट अधिक तीव्र हो रहा है, ऐसा दिखा रहे हैं।

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