अफ्रीका में फैलनेवाली बिमारियों का खतरा बरकरार – नाइजेरिया में ‘लस्सा फिव्हर’ के कारण ७० से भी अधिक लोगों की हुई मौत

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अबुजा/किन्शासा – चीन में फैलीकोव्हिड१९बिमारी का फैलना अभी अफ्रीका में शुरू नही हुआ है, फिर भी अन्य बिमारियां फैलने का खतरा अफ्रीकी देशों में अभी भी बरकरार होने की बात दिखाई पडी है| अफ्रीका के सबसे बडे नाइजेरिया में लस्सा फिव्हर फैलने से अबतक ७० से भी अधिक लोगों की मौत हुई है| साथ ही वर्ष २०१८ में डीआर कांगो में फैली एबोला की बिमारी का प्रभाव अभी भी कायम है और इस से ,२५० से भी अधिक लोगों की मौत होने की जानकारी जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने जारी की है|

अफ्रीका में सबसे अधिक जनसंख्या के नाइजेरिया में पिछले वर्ष के आखरी दिनों में लस्सा फिव्हर का फैलना शुरू हुआ| चुहे से फैल रही यह फिवर की बिमारी नाइझेरिया में करीबन २० राज्यों में फैल चुकी है| नाइजेरिया केनैशनल सेंटर फॉर डिसिज कंट्रोलने दी जानकारी के अनुसार लस्सा फिव्हर की बिमारी से बाधित मरीजों की संख्या ,७०८ तक जा चुकी है

पिछले हफ्ते में यही संख्या करीबन ७०० तक सीमित थी| पर, तीन हफ्तों के दौरान करीबन हजार से भी अधिक लोगों को लस्सा फिव्हरने चपेट में लिया है|

पिछले महीने में यही आंकडा लगभग ७०० रहा था| पर, तीन हफ्तों में दौरान करीबन हजार से भी अधिक लोगों को लस्सा फिव्हर ने चपेट में लिया है और इनमें स्वास्थ्य कर्मचारियों का भी समावेश है| अबतक इस बिमारी के कारण ७० से भी अधिक लोगों की मौत हुई है| पर, इस बिमारी का बढता दायरा देखें तो इस बिमारी से जान से जानेवालों की संख्या में बढोतरी होगी, यह डर स्थानिय विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे है|

नाइजेरियन एकाडमी ऑफ सायन्सेसने लस्सा फिव्हर की बिमारी कोनैशनल हेल्थ इमर्जन्सीघोषित करने की मांग की है| वर्ष १९६९ में नाइजेरिया में पहली बार यह बिमारी फैलती देखी गई थी| पर, उस समय मात्र दो राज्यों में देखी गई यह बिमारी अब २० से भी अधिक राज्यों में फैली है, यह कहकर नाइजेरियन एकेडमी ऑफ सायन्सेस ने अपनी मांग का समर्थन किया| साथ ही वर्ष २०१८ में लस्सा फिव्हर की बिमारी से १७० से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया

नाइजेरिया में लस्सा फिव्हर फैल रहा है तभी डीआर कांगो में वर्ष २०१८ से फैर रही एबोला की बिमारी अभी तक नियंत्रण में नही सकी है, यह भी स्पष्ट हुआ है| पिछले डेढ वर्षों के दौरान एबोला के कारण ढाई हजार से भी अधिक लोगों की मौत हुई है| इस बिमारी की चपेट में ,३०० से अधिक लोग होने की जानकारी जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने जारी की है| इस कारण एबोला की बिमारी अभी तक इंटरनैशनल हेल्थ इमर्जन्सी ही होने की बात जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने कही है|

पिछले वर्ष एबोला के विरोध में प्रभावी टीका विकसित करने में कामयाबी हासिल होने की जानकारी माध्यमों ने जारी की थी| पर, इस टीके का इस्तेमाल शुरू करने के लिए अभी कुछ समय की जरूरत है| इस दौरान एबोला की बिमारी का फैलाव और तेज होने का डर जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने जताया है| इससे पहले वर्ष २०१४ में अफ्रीका में फैले एबोला के कारण ११ हजार से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी| इस बिमारी के पृष्ठभूमि पर एबोला औड़ अफ्रीकी महाद्विप में फैल रहे अन्य बिमारियों के पीछे जैविक युद्ध होने का सनसनीखेज आरोप कुछ लोगों ने किया है|

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