चीन और रशिया के सायबर युद्धाभ्यास का ‘गुगल’ को झटका – आगामी समय में बडे सायबर युद्ध के संकेत मिल रहे है तज्ञों से चेतावनी

Third World Warवॉशिंग्टन: चीन और रशिया के सायबर युद्धाभ्यास से ‘इंटरनेट’ क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ‘गुगल’ को बडा झटका मिला है, यह बात स्पष्ट हुई है| सोमवार रात को डेढ घंटा गुगल की ‘गुगल सर्च’ और ‘जी सूट’ यह सेवा बडे पैमाने पर प्रभावित हुई थी| ‘गुगल’ने इन सायबर हमलों के विषय में बोलने से इन्कार किया है| लेकिन, यह घटना आने वाले समय में सायबर युद्ध होने के संकेत दे रही है, ऐसा दावा सायबर सुरक्षा कंपनीयों के साथ विशेषज्ञ कर रहे है|

चीन, रशिया, सायबर युद्धाभ्यास, गुगल, झटका, आगामी समय, बडे सायबर युद्ध, संकेत मिल, तज्ञों, चेतावनीअंतरराष्ट्रीय मानकों के समयनुसार सोमवार रात नौ से साढे दस के बीच डेढ घंटे के दौरान ‘गुगल’ की सेवा में बडी मात्रा में बाधाएं निर्माण हुई| अमरिका की ‘थाऊझंड आईज्’ इस सायबर सुरक्षा कंपनीने इस परिस्थिती की खोज की| इस परिस्थिती के लिये चीन और रशियन कंपनीयों का हाथ होने की बात सामने आयी है| चीन सरकार की ‘चाइना टेलिकॉम’ और रशिया की ‘ट्रान्सटेलिकॉम’ इन कंपनीयों से गुगल की सेवाओं का इस्तेमाल स्थानिक स्तर पर किया गया, यह स्पष्ट हुआ है| इस में चीन और रशिया के कंपनीयों के साथ आफ्रिका में नायजेरिया की ‘मेन वन’ इस कंपनी का भी हाथ था, यह भी बात उजागर हुई है|

इंटरनेट कंपनीयों की सेवा में अहम अंग बने ‘बॉर्डर गेटअवे प्रोटोकॉल’ पर (बीजीपी) चीन, रशिया और नायजेरिया की कंपनीयों से नियंत्रण बनाने की जानकारी तहकीकात में स्पष्ट हुई है| इस की वजह से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को इस दौरान दी गई सभी जानकारी इन कंपनीयों के हाथ लगी है, ऐसा समझा जा रहा है| चीन, रशिया और नायजेरिया यह तीनों देश लोगों के इंटरनेट के उपयोग पर नजर और नियंत्रण रखने वाले देश के तौर पर जाने जाते है| इस कारण इंटरनेट का इस्तेमाल करनेवालों की जानकारी इन देशों के हाथ में जाना खतरे की चेतावनी मानी जा रही है|

चीन, रशिया, सायबर युद्धाभ्यास, गुगल, झटका, आगामी समय, बडे सायबर युद्ध, संकेत मिल, तज्ञों, चेतावनीसायबर सुरक्षा कंपन्या और सायबर विशेषज्ञों से यह घटना सायबर हमले का हिस्सा है, ऐसा दावा किया जा रहा है| लेकिन ‘गुगल’ ने यह घटना मामुली कहकर इस बारे में अधिक सफाई देने से इन्कार किया है| इस दौरान गुगल की कुछ सेवा प्रभावित हुई थी और इस का कारण बाहरी घटक रहे, इस निवेदन के अलावा अधिक जानकारी देने से गुगल ने इन्कार किया है| इसी दौरान इस घटना के पिछे षडयंत्र होने की आशंका से भी गुगल ने इन्कार किया है|

लेकिन यह घटना मतलब पश्‍चिमी देश और वहा की कंपनीयां और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच के बडे सायबरयुद्ध का हिस्सा हो सकती है, ऐसा दावा विशेषज्ञों ने किया है| ‘थाऊझंड आईज्’ के सायबर विशेषज्ञ ऍलेक्स हेन्थॉर्न इवान इन्होंने यह घटना चीनरशिया संयुक्त युद्धाभ्यास का हिस्सा हो सकता है, ऐसा कहा है|

पिछले महिने में अमरिका के ‘नेव्हल वॉर कॉलेज’ और इस्राइल की ‘तेल अवीव युनिव्हर्सिटी’ के अभ्यासकों ने एक रपट घोषित किया था| इस में चीन अत्यंत व्यवस्थित तरिके से अमरिका की इंटरनेट सेवा ‘हायजॅक’ कर रहा है, ऐसा आरोप किया था| पिछले दो वर्षों में चीन ने इस तरिके से की हुए सायबर हमलों का झटका ‘मास्टरकार्ड’ और ‘व्हिसा’ इन जैसी कंपनीयों को लगा था| एक घटना में ‘क्रिप्टोकरन्सी’ की लूट की गई थी, यह भी बात स्पष्ट हुई थी|

२०१६ में चीन ने कॅनडा और दक्षिण कोरियन सरकार की इंटरनेट नेटवर्क पर नियंत्रण पाकर इन नेटवर्क की सेवा बाधित की थी, यह भी सामने आया था|

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