पूर्व युरोपीय देशों का सीरियन निर्वासितों को स्पष्ट इन्कार : ‘गॅलप पोल’ का दावा

वॉशिंग्टन, दि. ९ : पूर्व युरोप के लगभग १५ देशों ने सीरियन निर्वासितों को स्वीकारने से खुलेआम इन्कार किया है| ‘हज़ारों सीरियन निर्वासित अब तक युरोपीय देशों में आश्रय पाने के लिए जानतोड़ कोशिशें कर रहे हैं| लेकिन पूर्व युरोपीय देशों ने यदि इस संदर्भ में फैसला करने का निश्‍चित किया, तो एक भी निर्वासित को युरोप में आश्रय नहीं मिलेगा’, इन शब्दों में ‘गॅलप पोल’ इस आंतर्राष्ट्रीय संस्था ने निष्कर्ष जताया है| सीरियन निर्वासितों को इन्कार करनेवाले देशों में हंगेरी अग्रस्थान पर होकर, इस देश के करीबन ७० प्रतिशत लोगों ने निर्वासितों से इन्कार किया है, ऐसे सामने आया है|

‘गॅलप पोल’सन २०१४ और २०१५ इन दो वर्षों में १० लाख से भी ज़्यादा निर्वासित युरोपीय देशों में दाखल हुए होकर, उनमें सबसे ज्यादा हिस्सा सीरियन निर्वासितों का है| सन २०१६ में युरोपीय महासंघ ने तुर्की के साथ किये समझौते के बाद निर्वासितों की तादाद कम होती गई, फिर भी उन्हें होनेवाला विरोध अब भी जारी है| पिछले दो सालों में युरोपीय देशों में हुए आतंकवादी हमलों एवं गुनाहगारी में निर्वासित शामिल हैं, ऐसे सामने आने के कारण, युरोपियन लोगों में असंतोष बढ़ रहा है| ‘गॅलप पोल’ के सर्वेक्षण में इस बढ़ते असंतोष की परछाई दिखाई दे रही है|

‘गॅलप पोल’‘गॅलप पोल’ ने पूर्व युरोप के १५ देशों में सर्वेक्षण किया होकर, उनमें ९ देशों के ५० प्रतिशत से ज्यादा लोग सीरियन निर्वासित नहीं चाहते, ऐसा सामने आया है| इनमें हंगेरी के बाद मॅसिडोनिआ, मॉंटेनेग्रो, स्लोव्हाकिया, लाटव्हिया, बल्गेरिया, झेक रिपब्लिक, रोमानिया और पोलंड शामिल हैं| हंगेरी में सबसे अधिक ७० प्रतिशत और पोलंड के ५० प्रतिशत लोगों ने, अपने देश में एक भी सीरियन निर्वासित नहीं चाहिए, ऐसा मत दर्ज़ किया है|

युरोप के निर्वासितों का गेटवे पहचाने जानेवाले ग्रीस में ४७ प्रतिशत लोगों ने, एक भी निर्वासित नहीं चाहिए, ऐसी भूमिका अपनायी है| लेकिन वहाँ के ही लोगों ने, सीमित तौर पर निर्वासितों को अपनाने की तैय्यारी दिखायी है| मॅसिडोनिया के सिर्फ १६ प्रतिशत लोगों ने सीरियन निर्वासितों को सीमित तौर पर स्वीकारने के लिए मान्यता दी होकर, कोसोवा में यही मात्रा ४९ प्रतिशत है|

सीरियन निर्वासितों को सबसे ज़्यादा विरोध रहनेवाले हंगेरी में २२ प्रतिशत लोग कुछ निर्वासितों को आश्रय देने के लिए राज़ी हुए हैं| पूर्व युरोप के हंगेरी, स्लोव्हाकिया, झेक रिपब्लिक और पोलंड इन देशों में राजनीतिक नेतृत्व ने खुलेआम निर्वासितों के खिलाफ भूमिका अपनायी है| इन देशों ने, युरोपीय महासंघ द्वारा निर्वासितों के आश्रय के लिए बनायी गयी ‘कोटा सिस्टिम’ स्पष्ट शब्दों में ठुकरायी है| हंगेरी जैसे देश ने, सीमापर बाड़ा बनाकर और सेना का गुट तैनात करके, निर्वासितों को रोकने की जोर से तैयारी शुरू की है|

‘गॅलप पोल’ का निष्कर्ष हालाँकि पूर्व युरोपीय देशों के सर्वेक्षण तक सीमित था, मग़र फिर भी युरोप के अन्य देशों में भी निर्वासितों के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है, ऐसे स्पष्ट दिखाई देता है| स्वीडन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, फ्रान्स, इटली जैसे देशों ने पिछले कुछ महिनों में किये फैसलें इस बात की पुष्टि करनेवाले साबित हुए हैं| इस पृष्ठभूमि पर, आगे चलकर युरोपीय देशों में निर्वासितों का मुद्दा फिर से एक बार गंभीर रूप धारण करेगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं|

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