अफगानिस्तान में हुई हिंसा में ५० से भी अधिक लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल – अमरिका एवं तालिबान में शांति चर्चा टूटने के बाद अफगानिस्तान में हिंसाचार की तीव्रता अधिक बढ़ रही है| पिछले २४ घंटों में तालिबान तथा अमरिका ने किए हमलों में ५० से अधिक लोगों की जान गई है| इस बढ़ती हिंसा की वजह से २८ सितंबर के रोज अफगानिस्तान में होनेवाले चुनाव पर अनिश्चितता की छाया अधिक गहरी होती दिखाई दे रही है|

पिछले हफ्ते में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने आतंकवादी हमलें करनेवाले तालिबान के साथ चर्चा नहीं की जा सकती, ऐसा घोषित किया था| अमरिका के साथ शुरू इस चर्चा के दौरान भी तालिबान से लगातार अफगानिस्तान में हमलें शुरु थे| अब यह चर्चा रद्द होने से तालिबान अपने हमलों की व्याप्ति अधिक बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं|

२८ सितंबर के रोज अफगानिस्तान में होनेवाले चुनाव के विरोध में धमकानेवाले तालिबान ने सोमवार को अफगानी राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी की प्रचार सभा को लक्ष्य किया था| उसके बाद बुधवार को जलालाबाद में प्रशासकीय इमारत पर हमला किया गया| गुरुवार को झाबुल प्रांत में अस्पताल को लक्ष्य किया गया| दक्षिण अफगानिस्तान के कलात में हुए विस्फोट में अस्पताल के लगभग २० लोगों की जान गई है तथा ९० से अधिक लोग जख्मी हुए हैं|

तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी है और हमले अधिक तीव्र करने की चेतावनी दी है| तालिबान के हमले में बलि जा रहे लोगों की संख्या बढ़ रही है और नांगरहार प्रांत में अमरिका ने किये ड्रोन हमले में ३० लोगों की जान गई है| यह हमला आईएस के आतंकवादियों को लक्ष्य करने के लिए किया गया था| पर वास्तव में मिसाइल खेत में गिरने से वहां काम करनेवाले किसान और मजदूरों की जान जाने की बात कही जा रही है|

इस हमले पर स्थानीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है| अफगानी सूत्रों ने इस हमले की खबर का समर्थन किया है| फिर भी अमरिका ने अबतक इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है| कुछ महीनों पहले अफगानिस्तान में बढ़ते हिंसाचार पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने रिपोर्ट प्रसिद्ध किया था| जिसमें अफगानिस्तान के संघर्ष का सबसे बड़ा झटका सामान्य जनता को लग रहा है और जीवित हानी होने का प्रमाण बढ़ने की बात स्पष्ट हो रही है|

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