अल्पसंख्यांकों पर हो रहे अत्याचारों की वजह से पाकिस्तान मुश्किलों में – इसके पीछे साजिश होने का इम्रान खान ने किया आरोप

इस्लामाबाद – भारत में अल्पसंख्याक सुरक्षित नही है, यह आलोचना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अब अपने ही देश में अल्पसंख्यांकों पर हो रहे अत्याचारों के विषय पर स्पष्टीकरण देना पड रहा है| इन अत्याचारों के मामलों के पीछे साजिश होने की बात कहकर प्रधानमंत्री इम्रान खान अपनी सरकार का बचाव करने की कोशिश कर रहे है| संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में हम कश्मीर का मुद्दा रखने की तैयारी में है, इसी वजह से हमें मुश्किलों में फंसाने के लिए यह किया जा रहा है, ऐसा आरोप इम्रान खान ने किया है| साथ ही पाकिस्तान से कोई भी जम्मू-कश्मीर में जिहाद करने के लिए ना जाए, यह निवेदन भी इम्रान खान ने किया है|

 

अल्पसंख्यां कों के लिए पाकिस्तान कभी भी सुरक्षित देश साबित नही हुआ है| पाकिस्तान में मानव अधिकारों का हनन होना रोज की बात समझी जाती है| इसके लिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम है| लेकिन, पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यांकों पर हो रहे अत्याचारों के मामले इस देश को काफी मुश्किलों में फंसानेवाली साबित हो रहे है| इस पर खुलासा करते समय और स्पष्टीकरण देते समय पाकिस्तान की सरकार को कसरत करनी पड रही है| भारत ने धारा ३७० हटाकर जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा हटाया था| इसके बाद जम्मू-कश्मीर में मानव अधिकारों का हनन होने का आरोप पाकिस्तान ने करना शुरू किया है| इसके विरोध में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार मुहीम भी शुरू की थी|

इस बारे में पाकिस्तान आरोप कर रहा है तभी पाकिस्तान में ही सिख और हिंदू धर्मियों पर अत्याचार होने के मामले सामने आए है| पाकिस्तान में अल्पसंख्यांक सुरक्षित है और उनके अधिकारों की रक्षा होगी, यह भरोसा इम्रान खान ने प्रधानमंत्री होने के बाद दिलाया था| लेकिन, असलियत में पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यांक हर दिन असुरक्षित होने की बात सामने आ रही है| इससे पहले पाकिस्तान ने ऐसे मामलों की परवाह नही की थी| लेकिन, भारत के विरोध में मानव अधिकारों के हनन के आरोप करते समय अपने देश में अल्पसंख्यांकों पर हो रहे अत्याचारों के मामले दुनिया के सामने आने से पाकिस्तान की मुश्किलें बढी है| इसी लिए प्रधानमंत्री इम्रान खान इन घटनाओं के पीछे साजिश होने का आरोप कर रहे है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ में कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करते समय कोई भी इस ओर गंभीरता से ना देखे, इसी लिए यह साजिश की गई है, ऐसा इम्रान खान का कहना है| लेकिन, इस साजिश के पिछे कौ है, यह बताने से इम्रान खान दूर रहे| साथ ही कुछ दिन पहले कश्मीर मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कडी कोशिश भी इम्रान खान ने की थी| लेकिन अब अपने ही देश के युवाओं को इम्रान खान अलग ही संदेश दे रहे है| जम्मू-कश्मीर में कोई भी जिहाद के लिए ना जाए, यह सूचना इम्रान खान ने की है| ऐसा होने पर अपनी कार्रवाई का समर्थन करने का?अवसर भारत को प्राप्त होगा, ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है| कुछ दिन पहले पाकिस्तान के कब्जे में होनेवाले कश्मीर में आयोजित किए एक कार्यक्रम में बोलते समय इम्रान खान ने ‘हम जब तक बताते नही तबतक कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर ना जाए’, यह सूचना युवाओं को की थी|

अलग शब्दों में अपने इशारे के साथ पाकिस्तानी युवा सीमा पर जा टकरा सकते है, यह धमकी इम्रान खान भारत को दे रहे थे| लेकिन, कश्मीर समस्या पर इम्रान खान ने अपनाई निती और उनके वक्तव्य यानी बचपना होने की आलोचना पाकिस्तान के विपक्षी नेता कर रहे है| एक ही समय पर कश्मीर के लिए जिहाद पुकारने का संदेशा देकर दुसरी ओर इम्रान खान की सरकार कश्मीर की समस्या मानव अधिकारों से जोडने की कोशिश कर रही है| इस विरोधाभास के कारण ही पाकिस्तान का कहना दुनिया में कोई भी देश सुनने के लिए तैयार नही है और इस्लामधर्मिय देश भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में खडे नही हुए है, यह आलोचना विपक्ष कर रहा है|

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