अफगानी सेना और तालिबान की मुलाकात पर ‘आयएस’ के आत्मघातकी हमले में ३६ की मौत

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नानगरहार –  ‘आयएस’ ने अफगानी सेना और अफगान तालिबान की बैठक पर किए आत्मघातकी हमले में ३६ की मौत हुई वहीं ५६ लोग गंभीर रुप से घायल हुए है| मारे गए लोगों में तालिबान के आतंकी शामिल है, ऐसा कहा जाता है| कुछ ही दिनों पहले अफगान तालिबान ने राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी द्वारा दिया गया संघर्षविराम का प्रस्ताव स्वीकारा था| इस कारण ‘आयएस’ ने तालिबान को निशाना बनाया होगा, ऐसा दावा अफगानी मिडिया कर रही है|

अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान में हो चुके संघर्षविराम के पृष्ठभूमी पर, शनिवार को अफगानिस्तान के काफी इलाको में अफगान जवान और तालिबानी एकसाथ जमा हुए थे| पाकिस्तानी सीमा के सटीक अफगानिस्तान के पूर्वीय नानगरहार राज्य की राजधानी जलालाबाद के करीब अफगानी जवान और तालिबानी आतंकियों ने एक बैठक का आयोजन किया था| पिछले कई सालो में अफगान तालिबान के आतंकियों ने अफगानी सेना समेत बातचित करने की यह पहली घटना थी| इसका अफगानी मिडिया ने स्वागत किया था|

आत्मघातकी हमले

लेकिन यह बातचित शुरू होने के बाद अगले कुछ मिनिटों में ही आत्मघातकी हमलावर ने विस्फोटों से लदी मोटार इस मुलाकात की जगह पर टकराते हुए बड़ा विस्फोट किया| इस जबरस्त विस्फोट में ३६ मारे गए| इनमें नागरीक, अफगानी जवान और तालिबान के आतंकी भी होने की जानकारी उजागर हो रही है| इस हमले के लिए पाकिस्तान का तालिबानी गुट ‘हक्कानी नेटवर्क’ साथही ‘आयएस’ की ओर शक की नजर से देखा जा रहा है|

अफगान सरकार और तालिबान में हो चुक संघर्षविराम पर हक्कानी नेटवर्क और ‘आयएस’ यह दोनों आतंकी संगठन ने आलोचना की थी| इन में से एक गुट ने हमला किया होगा, ऐसी संभावना जताई जाती थी| ‘आयएस’ ने ‘अमाक’ इस अपने वेबसाईट के जरीए नानगरहार राज्य के आत्मघातकी हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी| अफगानी जवान और तालिबानी आतंकियों को निशाना बनाने के लिए यह हमला किया, ऐसा ‘आयएस’ ने कहा|

अफगान सरकार और अफगान तालिबान में जारी संघर्षविराम सफल साबित होने का दावा किया जाता है| पिछले कई सालो में पहली बार अफगानिस्तान के कई इलाको में शांतीपूर्ण स्थिती में अफगानी जनता को ईद मनाने का मौका मिला, ऐसी प्रतिक्रिया यहा की जनता साथही मिडिया दे रही है| राजधानी काबूल,  लोगार, झाबूल, वारदाक इन इलाको में अफगानी सेना और तालिबानीयों ने मिल कर ईद मनाई| इस पृष्ठभूमी पर राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने तालिबान समेत संघर्षविराम की अवधी बढ़ाने की घोषणा की|

लेकिन इस संघर्षविराम को असफल करने के लिए तालिबान का ही एक गुट हक्कानी नेटवर्क और ‘आयएस’ द्वारा कोशिशे जारी है, ऐसी चेतावनी अफगानी सेना के विशेषज्ञ दे रहे है| शनिवार को ‘आयएस’ ने किए हमलों मे पिछे यही कारस्थान दिखाई दे रहा है|

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