ऑपरेशन संकटमोचन – १५६ भारतीय दक्षिण सुदान से स्वदेश लौटे

तिरुवनंतपुरम, दि. १५ (पीटीआय) – युद्धग्रस्त दक्षिण सुदान में फँसे हुए १५६ भारतीयों को लेकर, भारतीय वायुसेना का ‘सी-१७ ग्लोबमास्टर’ विमान स्वदेश लौट आया है| दक्षिण सुदान से रिहा होनेवालों में नेपाल के दो नागरिक भी शामिल हैं| वहीं, ‘दक्षिण सुदान छोड़ने का मौका ना गवाएँ’ यह बात अपने परिवार और मित्रों से कहना मत भूलें, ऐसा आवाहन भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षिण सुदान में रहनेवाले भारतीयों से किया है|

ऑपरेशन संकटमोचनदक्षिण सुदान के हालात दिनबदिन और भी चिंताजनक बन रहे हैं| इस देश में फँसे लोगों की रिहाई करने के लिए गुरुवार के दिन भारतीय वायुसेना द्वारा ‘ऑपरेशन संकटमोचन’ अभियान शुरू किया था| इसके लिए वायुसेना का ‘सी-१७ ग्लोबमास्टर’ विमान और बचावपथक के साथ विदेश राज्यमंत्री जनरल व्ही. के. सिंग दक्षिण सुदान पहुँचे थे|

दक्षिण सुदान की राजधानी जुबा में, भारतीय दूतावास में दस्तावेज़ों की पूर्तता करके, नाम दर्ज़ करानेवाले १५६ लोगों को लेकर वायुसेना का पहला ‘सी १७ ग्लोबमास्टर’ शुक्रवार को स्वदेश लौटा| इसमे नौ महिलाएँ और तीन बच्चों के साथ दो नेपाली नागरिक भी शामिल हैं| बहोत जल्द वायुसेना का दुसरा विमान शेष भारतीयों को लेकर वापस लौटेगा, ऐसा जनरल सिंग ने कहा है| इस विमान से दाखिल हुए लोगों में, ३५ लोग केरला के और ३२ तमिलनाडू के लोग शामिल हैं| इसलिए इस विमान को पहले तिरूवनंतपुरम में उतारा गया| उसके बाद यह विमान नई दिल्ली को रवाना हो गया, ऐसी जानकारी विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई|

विदेश मंत्रालय द्वारा घोषित की गई संख्या के अनुसार, दक्षिण सुदान की राजधानी जुबा में कुल ५५० भारतीय हैं| इसके अलावा जुबा शहर के नज़दीक रहनेवाले तेल कुएँ के क्षेत्र में लगभग १५० भारतीय रहते हैं| वायुसेना के विमान से भारत में दाखिल हुए इन १५४ भारतीयों के अलावा, अन्य ३० से ४० लोगों ने, अपने खर्चे से भारत आने का फ़ैसला किया है| लेकिन ३०० लोग भारत जाने से इन्कार कर रहे हैं| इन लोगों के यहाँ पर चल रहे व्यवसाय यह इसकी प्रमुख वजह बतायी जा रही है|

इसी दौरान ‘ऑपरेशन संकटमोचन’ के लिए भारत ने दक्षिण सुदान के पड़ोसी देश युगांडा से सहायता ली| युगांडा के प्रधानमंत्री र्‍हुकना रुगांडा ने, भारत की सभी प्रकार से सहायता करने का आश्‍वासन दिया था| इसी के तहत वायुसेना का ‘सी १७’ विमान वापसी सफ़र के दौरान युगांडा में उतारा गया था| इस अभियान का नेतृत्व करनेवाले विदेश राज्यमंत्री जनरल व्ही. के सिंग ने दक्षिण सुदान के विदेशमंत्री डेंग अलोर कुओल से मुलाकात की| वहीं दक्षिण सुदान में संयुक्त राष्ट्रसंघ की शांतिसेना के पथक में तैनात रहनेवाले भारतीय जवानों के साथ भी सिंग ने बातचीत की|

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