भारतीय प्रधानमंत्री का अमरीका दौरा ‘ऐतिहासिक’ साबित हुआ

ओबामा प्रशासन का दावा

2016_6$img10_Jun_2016_PTI6_10_2016_000028Bवॉशिंग्टन, दि. १० (पीटीआय) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमरीका दौरा ‘ऐतिहासिक’ साबित हुआ, इन शब्दों में अमरिकी विदेश मंत्रालय की दक्षिण एवं मध्य विभाग की उपमंत्री निशा बिस्वाल ने भारतीय प्रधानमंत्री का अमरीका दौरा बहुत ही सफल होने का दावा किया। ‘भारत-अमरीका सहयोग को प्रधानमंत्री मोदी ने अधिक ही दृढ़ एवं व्यापक बनाया है। साथ ही, भारत-अमरीका संबंधों में रहनेवाली अनिश्चितता को भी प्रधानमंत्री मोदी ने दूर किया है’ यह कहते हुए बिस्वाल ने भारतीय प्रधानमंत्री की सुस्पष्ट नीति की प्रशंसा की।

‘सिक्युरिटी अँड स्ट्रॅटेजिक आऊटकम्स् फ़्रॉम द मोदी व्हिजिट’ इस विषय पर अमरीका के ‘हेरिटेज् फ़ाऊंडेशन’ तथा भारत के ‘इंडिया फ़ाऊंडेशन’ इन अभ्यासगुटों ने चर्चासत्र आयोजित किया था। उसमें बात करते हुए निशा बिस्वाल ने, भारतीय प्रधानमंत्री का यह दौरा अत्यधिक क़ामयाब साबित हुआ होने का दावा किया। ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमरीका संबंधों की गति निश्चित करनेवाली ‘मोदी डॉक्ट्रिन’ अर्थात् स्वतंत्र विचारधारा ही प्रस्तुत करने के कारण, दोनों देशों के सहयोग में बाधा डालनेवाली अनिश्चितता दूर हुई’ यह कहकर, आनेवाले समय में भारत-अमरीका सहयोग अधिक गतिमान होगा, ऐसा विश्वास बिस्वाल ने व्यक्त किया है। भारतीय प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के, सुरक्षा एवं सामरिक सहयोग की रूपरेखा स्पष्ट की, इसका उदाहरण भी बिस्वाल ने इस समय प्रस्तुत किया।

एशिया खंड से लेकर अफ़्रीका तक, हिंदी महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक की सुरक्षा एवं सागरी यातायात के मार्गों की सुरक्षा, इनका यक़ीन; और इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि की निश्चितता भारत-अमरीका सहयोग दिला सकता है, यह प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से अधोरेखित हुआ होने की बात बिस्वाल ने स्पष्ट की। भारत एवं अमरीका की भूमिका एवं हितसंबंध एकसमान होने के कारण, दोनो देशों के सहयोग के बग़ैर और कोई चारा ही नहीं है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने अमरिकी संसद के संयुक्त सभागृह को संबोधित करते हुए कहा था, इसका भी ज़िक्र बिस्वाल ने किया। भारतस्थित अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने भी, भारत-अमरीका संबंधों के बारे में रहनेवाले प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण से अमरीका सहमत है, ऐसा कहा है।

nisha-biswal-addressing-at-american-centerइसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी पाँच देशों की यात्रा करके शुक्रवार को सुबह स्वदेश लौटे हैं। उनका यह दौरा बहुत ही सफल साबित हुआ होकर, आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का स्थान इससे अधिक ही मज़बूत हुआ है। विदेशी निवेश, व्यापार तथा ‘एनएसजी’ में सहभागी होने के भारत के दावे के लिए महत्त्वपूर्ण देशों का समर्थन प्राप्त करने में प्रधानमंत्री क़ामयाब हुए हैं। ख़ासकर अमरिकी संसद में प्रधानमंत्री ने किए भाषण को मिले प्रतिसाद पर भारतीयों को गर्व महसूस हो रहा है, यह सोशल मीडिया पर प्रकाशित हुईं प्रतिक्रियाओं से ज़ाहिर हो रहा है। उसी समय, पाक़िस्तान एवं चीन ये दोनों भारत के पड़ोसी देश, भारतीय  प्रधानमंत्री के दौरे को मिले प्रतिसाद के कारण बेचैन हुए होने की बात सामने आ रही है।

पाक़िस्तान ने भारत की ‘एनएसजी’ सदस्यता के विरोध में राजनीतिक मुहिम हाथ में लेकर अपनी विफलता को जगज़ाहिर किया है। वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान ही चीन के सरकारी माध्यमों ने भारत को चेतावनियाँ देना शुरू किया है। ‘चीन की आलोचना करके भारत अपने हेतुओं को साध्य नहीं कर सकता’ ऐसा दावा चीन की सरकार की भूमिका प्रस्तुत करनेवाले ‘ग्लोबल टाईम्स्’ में प्रकाशित हुए एक लेख में किया गया था।

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