सौदी की ‘अराम्को’ और फ्रान्स की ‘टोटल’ के बीच ११ अरब डॉलर का ईंधन समझौता हुआ

रियाध – खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़े पेट्रोकेमिकल प्रकल्प का निर्माण करने के लिए सौदी अरब और फ्रान्स की कंपनी ने अहम समझौता किया है। सौदी की ‘अराम्को’ और फ्रान्स की ‘टोटल एनर्जीज्‌’ कंपनियों ने इसके लिए ११ अरब डॉलर लागत का समझौता किया है और सौदी की इस प्रकल्प से हर साल १,६५० किलो टन इथिलीन और अन्य हायड्रोकार्बन ईंधन वायू का निर्माण किया जाएगा। पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों की बढ़ती मांग पर गौर करके सौदी यह कदम उठाता दिख रहा है। इसी बीच, यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों में ईंधन संकट बना है और ऐसे में फ्रान्स की कंपनी ने सौदी से यह समझौता करना ध्यान आकर्षित करता है।

पेट्रोकेमिकल्स यानी ईंधन पर आधारित उत्पातों की पुरी दुनिया में बड़ी मांग हैं। ईंधन के कीमते उछाल पर होने के बावजूद इन उत्पादों की मांग पर ज्यादा असर नहीं हुआ था, यह बात कुछ महीने पहले जारी रपट से सामने आयी थी। फिलहाल विकसित एवं विकासशील देश ईंधन के विकल्प के तौर पर इसे देख रहे हैं। इशके बावजूद अगले कुछ दशकों तक पेट्रोकेमिकल्स की मांग बढ़ती रहेगी, यह दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।

इन पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों का बाज़ार पाने के लिए सौदी अरब ने भी काफी तेज़ कदम उठाना शुरू किया है। इसके लिए सौदी की सरकारी ‘अराम्को’ कंपनी ने फ्रान्स के ‘टोटल एनर्जीज्‌’ कंपनी के साथ ११ अरब डॉलर का समझौता किया। इसके तहत फ्रेंच कंपनी सौदी के जुबैल स्थित ऑइल रिफाइनरी में नया प्रकल्प शुरू कर रही है। अराम्को प्रकल्प से नैसर्गिक ईंधन वायु, इथेन, नाफ्ता और अन्य गैसेस उच्च श्रेणी के रसायनों में तब्दील किए जाएंगे।

सौदी और फ्रान्स की कंपनी ने पिछले वर्ष दिसंबर महीने में बड़ी चर्चा की थी। सोमवार के समझौते के बाद इस प्रकल्प का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा और वर्ष २०२७ तक यह प्रकल्प शुरू करने के लिए सौदी की कोशिश जारी है। सौदी और फ्रान्स की कंपनी ने इस प्रकल्प से १,६५० किलोटन इतिथील और औद्योगिक गैसेस बनाने के लिए दक्षिण कोरिया के ह्युंदाई इंजिनिअरिंग ॲण्ड कन्स्ट्रक्शन कंपनी को भी साथ लिया है। इसी बीच चीन की ‘सिनोपेक इंजिनिअरिंग’ भी इस समझौते का हिस्सा होने की जानकारी सामने आ रही है।

सिर्फ सौदी ही नहीं, बल्कि इराक भी पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों के निर्माण की कोशिश में लगा है। इस वर्ष के शुरू में इराक ने निब्रास पेट्रोकेमिकल्स प्रकल्प के लिए ८.५ अरब डॉलर का समझौता करने की जानकारी सामने आयी थी। शेल कंपनी ने इराक के साथ यह समझौता किया, ऐसा दावा है। इसके अलावा खाड़ी के अन्य देश भी बदलते समय के साथ पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों के निर्माण को प्राथमिकता देते दिख रहे है।

इसी बीच, ऊर्जा, केमिकल्स की मांग पूरी कर रहे एशिया के सबसे बड़े स्रोत बनने का ऐलान अराम्को के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिन नासिर ने किया है।

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