जम्मू-कश्‍मीर में अशांति फैलानेवालों को छोड़ेंगे नहीं – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा का इशारा

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में किए गए ‘टार्गेट किलिंग’ की पृष्ठभूमि पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा शनिवार के दिन कश्‍मीर पहुँचे। इस ३ दिन के दौरे में केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू-कश्‍मीर के युवकों से संवाद करके जम्मू-कश्‍मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे आतंकियों को और उन्हें समर्थन देनेवालों को कड़ी चेतावनी दी। जम्मू-कश्‍मीर में विकास और बदलाव की हवा को कोई भी रोक नहीं सकता। यहां पर शांति भंग करने की कोशिश करनेवालों को छोड़ा नहीं जाएगा, यह इशारा भी उन्होंने दिया। साथ ही कश्‍मीर में परिसिमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव किए जाएँगे, यह बात शहा ने स्पष्ट की।

अमित शहाजम्मू-कश्‍मीर में फिर से १९९० जैसा आतंक और अराजकता का माहौल तैयार करने की कोशिश पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन कर रही हैं। बीते कुछ दिनों में वहां पर कश्‍मीरी पंड़ित एवं अन्य अल्पसंख्यांक, राजनीतिक कार्यकर्ता, स्थानांतरित मज़दूर, पुलिस वालों पर हमले हुए थे। इस महीने में ऐसी घटनाओं में यकायक बढ़ोतरी देखी गई है। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर में दो दशकों का सबसे बड़ा ऑपरेशन पूंछ में हो रहा है। इस ऑपरेशन का शनिवार के दिन १३ वां दिवस था। इस क्षेत्र में आतंकियों के साथ जोरदार मुठभेड़ हो रही है और शनिवार के दिन सर्च मुहिम के दौरान और एक ‘आयईडी’ जब्त किया गया। इस ऑपरेशन में अब तक ९ सैनिक शहीद हुए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा का जम्मू-कश्‍मीर दौरा अहम माना जा रहा है। दो वर्ष बाद जम्मू-कश्‍मीर पहुँचे केंद्रीय गृहमंत्री ने आतंकी हमलों में शहीद हुए जम्मू-कश्‍मीर के पुलिस निरीक्षक परवेज़ अहमद दार के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। साथ ही उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी भी प्रदान की गई। जम्मू-कश्‍मीर से आतंकियों को उखाड़कर वहां पर शांति स्थापित करने की कोशिश और इसके लिए जान की बाजी लगा रही जम्मू-कश्‍मीर की पुलिस की शहा ने सराहना की।

अमित शहाइसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू-कश्‍मीर युथ क्लब के सदस्यों से संवाद भी किया। इस दौरान उन्होंने आतंकी और उनके समर्थकों को आखिरी चेतावनी दी। जम्मू-कश्‍मीर में शांति भंग करने की कोशिश बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी और ऐसा करनेवालों को छोंड़ा नहीं जाएगा, इन स्पष्ट शब्दों में केंद्रीय गृहमंत्री ने अलगाववादी और आतंकियों को चेतावनी दी। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर के विकास में युवा अधिकाधिक योगदान दें, यह आवाहन भी उन्होंने किया। बीते दो वर्षों में जम्मू-कश्‍मीर में पथराव की घटनाएं बंद होने की बात रेखांकित करते हुए यहां के युवाओं को अपना भविष्य बेहतर बनाने का अवसर होने का बयान केंद्रीय गृहमंत्री ने किया। जम्मू-कश्‍मीर में ७० प्रतिशत जनसंख्या ३५ आयु वर्ग की है। इस युवा वर्ग को विकास के कामों से जोड़ा जाए तो जम्मू-कश्‍मीर में अधिक तेज़ी से विकास होगा, यह विश्‍वास शहा ने व्यक्त किया।

साथ ही यहां की राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं को अवसर उपलब्ध होने के लिए जम्मू-कश्‍मीर में परिसीमन किया जा रहा है। इस परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्‍मीर में चुनाव किए जाएँगे और इसके बाद इस राज्य को संपूर्ण राज्य का दर्जा भी बहाल किया जाएगा, यह गवाही केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरान दी।

इसी बीच जम्मू-कश्‍मीर के जेलों में बंद ३८ आतंकियों को शनिवार के दिन आग्रा के सेंट्रल जेल में भेजा गया। इस दौरान कड़ी सुरक्षा की गई थी। इनमें से २७ आतंकी कश्‍मीर के जेल से और ११ जम्मू के जेल से भेजे गए।

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