जम्मू-कश्‍मीर में ‘ड्रोन ग्रिड’ के माध्यम से होगी निगरानी

  • जम्मू-कश्‍मीर के २६ आतंकियों के आग्रा के जेल में भेजा गया
  • पूंछ में दो ‘आयईडी’ नाकाम किए गए
  • ‘एनआयए’ के छापे में ८ गिरफ्तार

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर के पूंछ के जंगलों में ‘ऑपरेशन’ का शुक्रवार के दिन १२ वां दिवस था। इस ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने जंगलों में लगाए दो ‘आयईडी’ सुरक्षाबलों ने नाकाम किए। आतंकियों को घेरा गया है और आतंकी जंगल से भागने ना पाएं इसके लिए सुरक्षा बलों के सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई गई है। साथ ही आतंकियों ने बेगुनाह नागरिकों की हत्या करने के शुरू किए हुए सत्र को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरित मज़दूर एवं कश्‍मीरी पंड़ितों के इलाकों में हवाई निगरानी की जाएगी। इसके लिए ‘ड्रोन ग्रिड’ का निर्माण किया जा रहा है, यह जानकारी सुरक्षाबलों के अधिकारी ने प्रदान की है।

‘ड्रोन ग्रिड’

जम्मू-कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई जारी है। बीते कुछ दिनों में आतंकियों ने स्थानीय और स्थानांतरित मज़दूरों की हत्या करने के बाद आतंकियों के खिलाफ हर तरफ से कार्रवाई शुरू हुई है। साथ ही नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाएँ जा रहे हैं। वर्ष १९९० के दशक की तरह कश्‍मीर घाटी में बसे कश्‍मीरी पंड़ितों में एवं वहां के अन्य अल्पसंख्यांकों में आतंक फैलाकर उन्हें भागने के लिए मज़बूर करने की योजना पाकिस्तान और पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठनाओं ने बनाई है। इस पृष्ठभूमि पर कश्‍मीरी पंड़ितों में ड़र का माहौल खत्म करने के नज़रिये से सुरक्षाबलों ने कदम उठाना शुरू किया है।

इस पृष्ठभूमि पर सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें कश्‍मीरी पंड़ित एवं अन्य स्थानीय अल्पसंख्यांक और स्थानांतरित मज़दूरों की सुरक्षा के लिए अलग अलग उपायों पर विचार-विमर्श हुआ। जम्मू-कश्‍मीर के पुलिस महासंचालक दिलबाग सिंह ने इस दौरान ‘ड्रोन ग्रिड’ का सुझाव रखा, यह जानकारी ‘सीआरपीएफ’ के उप-महानिरिक्षक मैथ्यू जॉन ने प्रदान की। ड्रोन ग्रिड यानी कई ड्रोन्स का नेटवर्क, जिसके माध्यम से आतंकियों के हमले के खतरे वाले इलाकों में हवाई निगरानी की जाएगी। साथ ही इस क्षेत्र का लाईव वीडियो कंट्रोल रूम में देखना संभव होगा। इससे संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखी जाएगी और शीघ्र कार्रवाई भी मुमकिन होगी।

‘ड्रोन ग्रिड’इसके अनुसार कश्‍मीरी पंड़ित, सिख बांधव एवं स्थानांतरित मज़दूरों की बस्ती जैसें १५ ठिकानों की पहचान करके वहां पर हवाई निगरानी शुरू की गई है। जम्मू-कश्‍मीर पुलिस और सीआरपीए के बेड़े के ड्रोन इसके लिए तैनात करने की खबरें हैं। तो, दूसरी ओर ‘एनआयए’ भी आतंकियों पर और उनके समर्थकों पर कार्रवाई कर रही है। बीते कुछ दिनों में ‘एनआयए’ ने ५० से अधिक ठिकानों पर छापे मारे हैं। साथ ही तकरीबन २ हज़ार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। शुक्रवार के दिन भी ‘एनआयए’ ने १० ठिकानों पर छापे मारे। श्रीनगर, कुलगाम, शोपयान, पुलवामा, अनंतनाग और बारामुल्ला में यह छापे मारे गए। इस दौरान भारी मात्रा में प्रतिबंधित सामान एवं पोस्टर्स के साथ कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं। ‘एनआयए’ ने ८ लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे १० अक्तुबर से अब तक ‘एनआयए’ ने गिरफ्तार किए हुए लोगों की संख्या २१ हुई है।

दूसरी ओर जम्मू-कश्‍मीर के जेलों में बंद आतंकियों को अन्य राज्यों के केंद्रीय जेलों में भेजा जा रहा है। २६ आतंकियों को आग्रा के जेल भेजने की तैयारी शुरू होने का वृत्त है। यह आतंकी स्लिपर सेल के संपर्क में होने की आशंका है। साथ ही वह जेल से फरार होने की संभावना भी बढ़ी थी। इनके अलावा अन्य १०० आतंकियों की सूचि तैयार करने का भी वृत्त है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.