ईरान को सबक सिखाने के लिए अमरीका द्वारा ‘ईरान एक्शन ग्रुप’ का निर्माण

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंग्टन –  ‘‘अमेरीका, अमेरीका के दोस्त तथा सहयोगी देश और ईरान की जनता पर अत्याचार करने वाले ईरान की गतिविधियों पर नरज रखते हुए ठोस फैसा लेने के लिए ‘ईरान एक्शन ग्रुप’ का निर्माण किया है’’, ऐसी घोषणा अमेरीका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने की| समझौता कर ईरान का मसला निपटाने के लिए ‘ईरान एक्शन ग्रुप’ की प्राथमिकता होगी, ऐसी जानकारी अमेरीका के विदेश मंत्री ने दी| लेकिन इस गुट की स्थापना कर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ युद्ध की तैयारी का दावा कुछ विशेषज्ञ कर रहे है|

विदेश मंत्री पॉम्पिओ ने अमेरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरान पर डाले हुए प्रतिबंधों का फिर एक बार समर्थन करते हुए ईरान की नीति में बदलाव के अपेक्षा जताई| ‘‘ईरान की हुकूमत की नीति में बदलाव होने के लिए हम पूर्ण रुप से कोशिश कर रहे है| ईरान की हुकूमत की नीति में बदलाव होता है तो ईरान एक सामान्य देश जैसा प्रतित होगा| इस बदलाव के लिए अमेरीका कोशिश कर रहा है, जिसके लिए ‘ईरान एक्शन ग्रुप’ (एआयजी) की स्थापन की है’’, ऐसा पॉम्पिओ ने स्पष्ट किया| गुरुवार को विदेश मंत्री पॉम्पिओ ने ‘एआयजी’ की स्थापना की घोषणा करते हुए ‘ब्रेन हूक’ इस गुट के प्रमुख होंगे, ऐसा कहा|

‘ईरान एक्शन ग्रुप’, निर्माण, ब्रेन हूक, AIG,  ईरान, स्थापना, अमेरीका, NIC

पॉम्पिओ ने कहा कि, परमाणू समझौते के बारे में ईरान समेत बातचित हो और ईरान अमेरीका की मॉंगे कबूल करे, इसलिए हूक कोशिश करेंगे| ईरान समेत नऐ से परमाणू समझौता करने के लिए अमेरीका तैयार है, ऐसा हूक ने कहा| लेकिन उससे पहले अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी हुई १२ मॉंगे ईरान कबूल करे, इसकी हूक ने या दिलाई| पिछले महीने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान को समझौते का प्रस्ताव दिया था| हू ने उस समय भी ईरान से संपर्क करते हुए समझौते के लिए कोशिश की थी|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प द्वारा की जारी कोशिशों पर ईरान क्या प्रतिक्रीया देता है, इस पर यूरोपीय देशों की नजरे टिकी थी| लेकिन ट्रम्प प्रशासन से बातचित संभव नहीं ऐसा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने स्पष्ट किया था| ईरान की इस नीति के बाद अमेरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान पर नए कठोर प्रतिबंध लगाए थे|

अमेरीका के विदेश मंत्री ने ‘एआयजी’ परमाणू समझौते समेत अन्य मुद्दों पर भी लक्ष केंद्रीत करेगा, ऐसी जानकारी दी| अमेरीका, अमेरीका के दोस्त तथा सहयोगी देशों की सुरक्षा को खतरा, इस मसले पर भी ‘एआयजी’ काम कर रहा है, ऐसा अमेरीका के विदेश मंत्री ने कहा|

दौरान, अमेरीका ने भले ही ‘एआयजी’ की स्थापना ईरान समेत समझौते के लिए की गई, ऐसा दावा किया हो, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने इस गुट की स्थापना पर सवाल खड़े किए है| अमेरीका की ये नीति अमेरीका को ईरान समेत युद्ध की ओर ले जाने वाली है, ऐसी आलोचना ‘नॅशनल ईरानीयन अमेरीकन कौंसिल’ (एनआयसी) के अभ्यास गुट के विशेषज्ञ सिना तोसी ने की| वहीं, वर्ष १९५३ को ईरान में हुई क्रांती को ६५ वर्ष पूर्ण हो रहे है| इसी मुहरत पर अमेरीका ने ‘एनआयसी’ की स्थापन क्यू की, ऐसा सवाल एक अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजन्सी के पत्रकार ने किया| लेकिन ये कोई तय की हुई घटना नही, बल्कि सिर्फ एक संयोग है, ऐसा खुलासा हूक ने किया|

Leave a Reply

Your email address will not be published.