अमरिका-तालिबान शांति समझौते लिए खतरा – अफगानिस्तान के कंदहार और खोस्त प्रांत में तालिबान ने किए हमलें

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल: अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अमरिका ने किए शांति समझौते के तालिबान ने मात्र दो दिनों में टुकडे किए है| ‘सात दिनों के लिए अफगानिस्तान में जारी हिंसा रोकने की बात तय हुई थी| यह सात दिन कब के पुरे हुए है| इसके आगे अफगानिस्तान में में अपने हमलें फिर से शुरू होंगे| अफगान सैनिकों को दुबारा लक्ष्य किया जाएगा, ऐसी धमकी तालिबान ने दी है| इसके बाद कुछ ही घंटों में तालिबान ने कंदहार और खोस्त प्रांत में किए हमलों में तीन लोग मारे गए है|

शनिवार की रात के दौरान कतार की राजधानी दोहा में अमरिका और तालिबान ने शांति समझौता किया था| पर, इस समझौते में दर्ज की गई कुछ अहम शर्तों की वजह से इसका भविष्य अगले कुछ दिनों में तय होगा, यह बात विश्‍लेषकों ने पहले ही स्पष्ट की है| इसमें अफगान सेना की गिरफ्तारी में होनेवालो अपने सहयोगीयों को रिहा किए जाने से तालिबान और अफगान सेना एवं अफगानिस्तान की गनी सरकार के बीच बना मतभेद सामने आया है|

अफगानिस्तान में सर्वदलिय बातचीत शुरू होेने के बाद पांच हजार तालिबानी कैदियों को रिहा करेंगे, यह भूमिका अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने अपनाई है| तभी अपने सहयोगियों की रिहाई नही होती तबतक बातचीत मुमकिन ना होने की बात तालिबान का प्रवक्ता झबिहुल्ला मुजाहिद ने स्पष्ट की है| अमरिका के साथ किए शांति समझौते के अनुसार हम पश्‍चिमी सैनिकों पर हमलें नही करेंगे, पर अफगान सुरक्षा यंत्रणा एवं सरकार को आगे लक्ष्य करेंगे, यह धमकी तालिबान के प्रवक्ता ने दी है| इशके बाद अगले २४ घंटों में तालिबान ने दो प्रांतों में आतंकी हमलें किए है|

इनमें से खोस्त प्रांत में सोमवार के दिन एक फुटबॉल मैच के दौरान हुए बम हमले में तीन लोग मारे गए थे और ११ लोग घायल हुए थे| इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने स्वीकारी नही है| पर, इससे पहले तालिबान ने अगानिस्तान में फुटबॉल के मैच पर हमलें किए थे, साथ ही एक फुटबॉल स्टेडियम पर भी कब्जा किया था|

ही, मंगलवार के दिन कंदहार प्रांत के दो जिलों में अफगान सेना की पांच सुरक्षा चौकियों पर आतंकियों ने हला किया| इस हमले में जीवित हानी नही हुई, पर, इस हमले के कारण अफगान सुरक्षा यंत्रणा की शांति खतरें में होने की बात सुरक्षा अफसर कर रहे है| इस कारण मात्र कुछ दिनों में ही अफगानिस्तान ने किए शांति समझौते के लिए खतरा बनने का चित्र दिखाई दे रहा है| पर, सेना हटाने के लिए उत्सुक होनेवाली अमरिका अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष पर दबाव बनाकर उन्हें जल्द ही तालिबान के सदस्यों को रिहा कराने के लिए विवश करेगी, यह दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे है|

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