अमरिका जापान को सुपरसोनिक मिलाइलों की आपुर्ति करेगी

Third World Warवॉशिंग्टन: जापान को ‘एजिस’ यह प्रगत हवाई सुरक्षा यंत्रणा देने के बाद अमरिका ने अपने मित्रदेश को ५६ सुपरसोनिक मिसाइल देने का निर्णय किया है| अमरिका की विदेश मंत्रालय ने जापान को ५६ ‘एसएम-३’ बलिस्टिक मिसाइल के भंडार की आपुर्ति करने का ऐलान किया है| इस मिसाइलों की वजह से जापान की हवाई सुरक्षा और वहां पर तैनात अमरिकी सैनिकों की सुरक्षा बढेगी, यह दावा अमरिका ने किया है| तभी, अमरिका का यह निर्णय इस क्षेत्र में चीन की बढती लष्करी गतिविधियों के विरोध में होने का दावा अमरिकी माध्यम कर रही है|

अपनी सुरक्षा की मुस्तैदी बढा रहे जापान ने अमरिका के साथ प्रगत रक्षा सामान की खरीदी करने पर जोर दिया है| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने भी जापान को प्रगत हथियारों की सहायता करने के लिए अहमियत दी है| इस सहयोग के एक हिस्से के तौर पर कुछ दिन पहले अमरिकी विदेश मंत्रालय ने १.५ अरब डॉलर्स के ५६ मिसाइल जापान को देने का ऐलान किया| ‘स्टैंडर्ड मिसाइल-३ ब्लॉक आईबी’ (एसएम-३) इन मिसाइलों का सहयोग करने की अनुमति अमरिकी विदेश मंत्रालय ने दी है|

अमरिका, जापान, सुपरसोनिक मिलाइलों, आपुर्ति करेगी, वॉशिंग्टन, डोनाल्ड ट्रम्पइस सहयोग के अंतर्गत अमरिका की ‘डिफेन्स स्कियुरिटी को-ऑपरेशन एजन्सी’ जापान को मिसाइल तकनिक के विषय में सहयोग और लॉजिस्टिक सहायता भी मुहैया करने की तैयारी में है| ‘एसएम-३’ इन सुपरसोनिक बलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल दुश्मनों के बलिस्टिक मिसाइल नष्ट करने के लिए किया जाता है| अमरिकी रक्षादलों के परीक्षण में हवां में ही शत्रू के मिसाइल सफलता से नष्ट करने में ‘एसएम-३’ मिसाइल सफल साबित हुई है| इस वजह से यह मिसाइल शामिल होने से जापान की हवाई सुरक्षा मजबूत होगी, यह दावा किया जा रहा है|

इसके पहले जनवरी महीने में अमरिका ने जापान को दो प्रगत ‘एजिस’ यंत्रणा की सहायता करने का ऐलान किया था| इस ‘एजिस’ हवाई यंत्रणा में ‘एसएम-३’ मिसाइल का इस्तेमाल किया जाएगा| फिलहाल जापान में तैनात अमरिकी युद्धपोतों पर ‘एजिस’ की तैनाती है| लेकिन, जापान ने अमरिका से खरीदी ‘एजिस’ यंत्रणा जमीन पर तैनात होगी| जापान के ‘अकिता’ और ‘यामागची’ द्विपों पर यह यंत्रणा एवं सुपरसोनिक मिसाइल तैनात होगी|

दौरान, कुछ दिनों पहले चीन के बॉम्बर्स विमानों ने जापान की हवाई सीमा में घुसपैठ करके उडान भरी थी| चीन के बॉम्बर्स विमानों ने जापान की मियाको की खाडी लांघकर ओकिनावा द्विपों की सीमा तक गश्त की थी| ओकिनावा द्विपों पर अमरिका का सबसे बडा हवाई एवं लष्करी अड्डा है| इस वजह से चीन के बॉम्बर्स ने की गश्त अमरिका के विरोध में थी, यह आरोप अमरिकी लष्करी विश्‍लेषकों ने किया था| बॉम्बर्स विमानों के साथ ही चीन के विध्वंसकों ने भी जापान की समुद्री क्षेत्र में घुसपैठ करने की कई घटना स्पष्ट हुई है| जापान की समुद्री एवं हवाई सीमा में चीन की बढ रही घुसपैठ की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने जापान को दिए इन सुपरसोनिक मिसाइलों की ओर देखा जा रहा है|

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