चीन के विरोध में अमरीका-युरोपीय महासंघ के ‘ट्रेड ऍण्ड टेक्नॉलॉजी कौन्सिल’ की स्थापना

EU-US-Trade-and-Technology-Council-300x169वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स/बीजिंग – व्यापार और तंत्रज्ञान क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने के लिए अमरीका और युरोपीय महासंघ एकत्रित आए हैं। मंगलवार को संपन्न हुई ‘युएस-ईयू समिट’ में ‘ईयू युएस ट्रेड ऍण्ड टेक्नॉलॉजी कौन्सिल’ की स्थापना करने का फैसला किया गया। अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन और युरोपीय कमिशन की उपाध्यक्षा मार्ग्रेथ वेस्टागर समेत पाँच सदस्यों का इसमें समावेश होनेवाला है। ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स’ और सेमीकंडक्टर तंत्रज्ञान के साथ, जागतिक व्यापार में सप्लाई चेन सुरक्षित रखने जैसे मुद्दों पर समन्वय रखने की ज़िम्मेदारी इस काउंसिल पर होगी, ऐसा बताया जाता है। ‘जी७’ और ‘नाटो’ के बीच के प्रस्ताव के बाद, अमरीका और युरोप ने किया यह ऐलान, यह चीन को लगा तीसरा बड़ा झटका माना जाता है।

पिछले दशकभर में चीन ने तंत्रज्ञान क्षेत्र में बड़ी बढ़त ली हुई दिखाई दे रही है। ‘५जी’ से लेकर ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र तक कई क्षेत्रों में चिनी कंपनियाँ और संशोधन बढ़त ले रहे होने का चित्र दिखाई देने लगा है। आर्थिक बल और प्रभाव के ज़ोर पर चीन, छोटे और कमजोर देशों को अपने तंत्रज्ञान का स्वीकार करने पर मजबूर करने के कई उदाहरण सामने आए हैं। उसी समय, खनिज और अन्य कच्चे माल के उत्पादन में प्राप्त किए वर्चस्व के जोर पर, चीन अन्य देशों की तांत्रिक प्रगति को कब्ज़े में करने की गतिविधियाँ करने के भी संकेत मिल रहे हैं।

EU-US-Trade-and-Technology-Council-01-300x193अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करने की शुरुआत की थी। लेकिन ट्रम्प की इन कोशिशों का युरोपीय देशों ने साथ नहीं दिया था। चीन द्वारा युरोपीय देशों में किया गया बड़ा निवेश और अग्रसर व्यापारी साझेदार के रूप में होनेवाला प्रभाव, इस कारण युरोपीय देशों द्वारा चीनविरोधी उपक्रमों में सहभागी होने में टालमटोल की जा रही थी। लेकिन कोरोना की महामारी समेत मानवाधिकार तथा अन्य मुद्दों पर युरोपीय देशों में चीन के विरोध में होनेवाला असंतोष तीव्र हो रहा है। उसी समय, अमरीका में हुआ सत्ता बदलाव भी युरोप के लिए अनुकूल प्रतीत हो रहा है। इस कारण युरोपीय महासंघ ने, अमरीका द्वारा चीन के विरोध में शुरू की गई योजना में सहभागी होने की तैयारी दर्शाई दिख रही है।

‘व्यापार और निवेश को बढ़ावा देनेवाले डिजिटल तंत्रज्ञान को प्रोत्साहन देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। काउंसिल के माध्यम से तांत्रिक और औद्योगिक क्षेत्र का नेतृत्व अधिक मज़बूत करने पर ज़ोर दिया जाएगा। संवेदनशील तथा नया तंत्रज्ञान और बुनियादी सुविधाओं पर ज़ोर देने के साथ ही, उनकी सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाएगा। लोकतांत्रिक मूल्य, मानवाधिकार और सुसंगत निकषों को प्राथमिकता देनेवाले नए तंत्रज्ञान का विकास और इस्तेमाल इसके लिए सहयोग करने की भी योजना है’, इन शब्दों में अमरीका और महासंघ ने नए काउंसिल के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट किया।

कुछ ही दिन पहले अमरिकी संसद ने, चीन को रोकने के लिए ‘युएस कॉम्पिटिशन ऍण्ड इनोव्हेशन ऍक्ट’ नमक विधेयक मंजूर किया था।

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