अफ़ग़ानिस्तान के मुद्देपर अमरीका का निर्णय हुआ है – अमरीका के राष्ट्रध्यक्ष का दावा

वॉशिंगटन: अमरीका के ‘कैंप डेविड’ यहां पेंटागौन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ हुई चर्चा के बाद, अफ़ग़ानिस्तान विषयक नीति का निर्णय होने की ख़बर राष्ट्रध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी है। पिछले कई महीनों से इस मामले में हो रहे विलंब की वजह से ट्रम्प पर स्वपक्षिय नेताओं से जमके टीका हो रही थी। पर अब यह नीति तैयार होने की घोषणा करके राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प ने सारी दुनिया का ध्यान खींच लिया है।

पिछले कई महीनों से अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़े हैं। जिससे अफगानी सुरक्षा दल और अमरिकी लश्कर को जीवित हानी सहनी पड़ रही है। साथ ही अफ़ग़ानिस्तान का अधिकतम भूभाग तालिबान के हाथ जाने का दावा किया जा रहा है। अमरीका के पास अफ़ग़ानिस्तान के मामले में ठोस नीति न होने के कारण यह असफलता होने की टीका, राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प के विरोधकों से हो रही थी।

अमरीका का निर्णय

जून महीने के सीनेट के ‘आर्म्ड सर्विसेस कमेटी’ के सामने बोलते वक्त अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने अफ़ग़ानिस्तान का लष्करी खर्च बढ़ाने की मांग की थी। साथ ही ट्रम्प प्रशासन के पास अफ़ग़ानिस्तान विषयक ठोस नीति न होने की बात रक्षामंत्री मैटिस ने मानी थी। इसके बाद सीनेट कमेटी के अध्यक्ष जॉन मैक्केनने ट्रम्प प्रशासन पर तोंफ दागते हुए अफ़ग़ानिस्तान के विषय में निश्चित नीति रेखांकित किए बगैर लष्करी खर्च नहीं बढ़ाया जाएगा यह चेतावनी दी थी। साथ ही, ‘राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्पने जल्द ही अफ़ग़ानिस्तान के विषय में नीति घोषित करें, अन्यथा हम अपनी नीति घोषित करेंगे’, यह संकेत मॅक्केन ने दिया था।

उसी समय, अमरीका के अफ़ग़ानिस्तान स्थित लष्करी कमांड प्रमुख जनरल जॉन निकोलसन के काम पर राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प नाराज होने की खबरें सामने आयी थी। जनरल निकोलसन का इस्तीफा मांग लिया जाए, यह सूचना राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्पने की थी। पर रक्षामंत्री मैटिस ने जनरल निकोलसन का समर्थन किया था। अमरीका अफ़ग़ानिस्तान में कम से कम ५० हजार सैनिक तैनात करेगा यह संकेत तीन महीनों पहले पेंटागौनने दिए थे। अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान एवं आयएस का प्रभाव नष्ट करने के लिए इतनी बड़ी तैनाती आवश्यक होने की बात पेंटागौन ने कही थी। इसलिए अफ़ग़ानिस्तान के विषय में नीति पर ट्रम्प प्रशासन में ही विसंवाद होने की बात दिखाई दे रही थी।

इस पृष्ठभूमि पर, राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प ने शनिवार के दिन मैरीलैंड के ‘कैंप डेविड’ जगह पर पेंटागौन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी और अपनी सुरक्षा सलाहकारों के साथ विशेष चर्चा की। इस बैठक में हुई चर्चा के बारे में जानकारी देने के लिए पेंटागौन ने टाला, पर सुयोग्य समय पर राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प उनका निर्णय घोषित करेंगे यह जानकारी व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता सारा हुकाबी सैंडर्सने दी है। अफ़ग़ानिस्तान के साथ दक्षिण आशिया की गतिविधियों पर भी राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प और लष्कर अधिकारियों में चर्चा होने की जानकारी व्हाईट हाऊस ने दी है।

रक्षामंत्री मैटिस ने ‘कैंप डेविड’ के इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर ऐसी कौनसी नीति धारण की है, इस पर बोलने से इनकार किया। क्योंकि ‘कैंप डेविड’ यहां होनेवाली बैठक के मुद्दे खुले करने का बंधन नहीं होता। साथ ही यहां होनेवाले अंतराष्ट्रीय करारों की जानकारी स्पष्ट नहीं की जाती। इसलिए अफ़ग़ानिस्तान के विषय में राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प कौनसी घोषणा करेंगे, इस पर सारी दुनिया का ध्यान बना रहा।

दरमियां, अफ़ग़ानिस्तान की अस्थिरता के लिए पाकिस्तान का हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकी संघटना जिम्मेदार होने का आरोप अमरीका ने किया है। साथ ही पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों पर कार्रवाई जब तक नहीं करेगा तब तक उन्हें सहायता नहीं मिलेगी, यह भूमिका अमरीकाने ली है। अमरीका के लगातार सूचना के बाद पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने की बात टाली जिससे राष्ट्रध्यक्ष ट्रम्प पाकिस्तान को देनेवाले लष्करी सहयोग रोकेंगे, यह दावा अमरीका के एक मैगज़ीन ने किया है।

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