अमरीका द्वारा अफगाणिस्तान में किये गये ‘एमओबी’ के हमले का, ‘आयएस’ समेत पाकिस्तान को भी धक्का

वॉंशिग्टन/काबूल, दि. १४ : ‘जीबीयु-४३/बी मॅसिव्ह ऑर्डिनन्स एअरब्लास्ट बम’ (एमओबी) अर्थात् ‘मदर ऑफ ऑल बॉम्ब्स’ इस नाम से पहचाना जानेवाले १० हज़ार किलो वजन वाले बम का अफगानिस्तान में प्रयोग करके अमरीका ने पूरी दुनिया को धक्का दिया| पाकिस्तान से सटे अफगानिस्तानी सीमा इलाक़े में फ़ेंके गये इस बम की वजह से ३६ आतंकवादी मारे गये हैं, ऐसी जानकारी सामने आयी है| लेकिन इस बम के आघात अफगानिस्तान समेत पाकिस्तान में भी महसूस हुए हैं| इस बम का इस्तेमाल करनेवाली अमरीकी सेना की राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रशंसा की है|

  ‘एमओबी’अफगानिस्तान के अधिकृत प्रवक्ता ने, ‘इस बम हमले में कोई भी नागरिक मरा या घायल नहीं हुआ’ ऐसा दावा किया है| वहीं, ‘इस हमलें में ‘आयएस’ के आतंकवादी मारे गये होकर, उनका अड्डा ध्वस्त हुआ है’ ऐसा दावा इस प्रवक्ता ने किया| ‘आयएस’ के आतंकवादी इस प्रांत में एक गुहा में छिपकर बैठे थे और यहीं पर उनका अड्डा था, ऐसा दावा किया जाता है| अफगानिस्तान के इस नांगरहार प्रांत में आतंकवादियों का प्रभाव बढ़ने से यहाँ के तीन हज़ार परिवारों को विस्थापित होना पड़ा था| यहाँ आतंकवादियों का प्रभाव बढ़ चुका था, इसलिए उनका अड्डा ध्वस्त करने के लिए इतनी बड़ी क्षमता का बम इस्तेमाल किया होने का दावा अमरीका द्वारा किया गया है|

अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने, ‘यह हमला अमरीका और अफगानिस्तान की संयुक्त कार्रवाई का हिस्सा था’ ऐसा कहकर इस बमहमले का समर्थन किया| वहीं, अफगनिस्तान के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद करझाई ने इस हमले का निषेध किया| ‘इस प्रकार के, बड़ी क्षमता के बमहमलें करके अमरीका अफगानिस्तान का बतौर प्रयोगशाला इस्तेमाल कर रही है’ ऐसी आलोचना करझाई ने की| साथ ही, इस प्रकार के हमले यह आतंकवादी युद्ध का हिस्सा हो नहीं सकते, ऐसा इल्जाम भी भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष करझाई ने लगाया है|

‘एमओबी’अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने यह बम हमला करनेवाली अपनी सेना की प्रशंसा की है| ‘एक और मुहिम फतेह करनेवाली अमरिकी सेना पर मुझे गर्व महसूस हो रहा है’ ऐसा ट्रम्प ने पत्रकारों से संबोधित करते समय कहा| अमरीका के लोकप्रतिनिधियों ने ‘आयएस’ पर हुए इस हमले का स्वागत किया| यह हमला करके ट्रम्प प्रशासन ने ‘आयएस’ को उचित संदेशा दिया, ऐसा दावा अमरीकी लोकप्रतिनिधियों ने किया| अफगानिस्तान स्थित अमरिकी सेना के जनरल जॉन निकोल्सन ने, यह हमला उचित समय किया गया है, ऐसा कहा| इसी दौरान, पाकिस्तान की सीमालगत के आतंकवादियों पर हमला करके अमरीका ने पाकिस्तान को भी कड़ी चेतावनी दी है, ऐसा दिख रहा है| इस बमबमले की खबर प्रकाशित होते समय, पाकिस्तान में भी आतंकवादियों का सुरक्षित स्वर्ग है, ऐसे अमरीका के दावे प्रकाशित हो रहे हैं| संयुक्त राष्ट्रसंघ तथा अफगानिस्तान स्थित अमरीका के भूतपूर्व राजदूत झल्मे खालिलझाद ने, पाकिस्तान में होनेवाले आतंकवादियों के अड्डों पर भी ट्रम्प प्रशासन हमलें करें, ऐसी माँग करके पाकिस्तान की नींद उड़ायी है|

पाकिस्तान में होनेवाले आतंकवादियों के अभयारण्य को अमरीका ने बिल्कुल बरदाश्त नहीं करना चाहिए, ऐसा खलिलझाद ने कहा है। ‘जबतक पाकिस्तान की ओर से अफगाणिस्तान के आतंकवादियों को अभय और संरक्षण मिल रहा है, तब तक आतंकवादियों की समस्या का खत्म होना मुमकीन नहीं है| इसलिए पाकिस्तान और तालिबान इनका सहयोग यह सबसे घातक बाब साबित होती है| इसलिए, अमरीका को सबसे पहले पाकिस्तान के आतंकवादियों के अड्डों का बंदोबस्त करना चाहिए’, ऐसी स्पष्ट राय खलिलझाद ने ज़ाहिर की है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.