चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत पर मानवी अंगों की तस्करी करने का अमरीका ने लगाया गंभीर आरोप – हर साल हज़ारों लोगों की हत्या करने का आरोप लगाकर विधेयक पारित किया

वॉशिंग्टन – ‘चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट हुकूमत हर वर्ष मानवी अंगों की तस्करी करने के लिए ६० हज़ार से १ लाख लोगों की जान ले रही है। इसके लिए उइगरवंशी और फलून गॉन्ग जैसे गुटों की हत्याएं की जाती हैं। मानवता के खिलाफ इतनी क्रूरता दिखा रही चीन की हुकूमत पर सख्त कार्रवाई करन ही चाहिए’, ऐसा आरोप अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर क्रिस स्मिथ ने लगाया। यह भयंकर आरोप लगाकर उनका अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन में पेश किया गया विधेयक भारी बहुमत से पारित हुआ। अमरीका ने चीन की हुकूमत के खिलाफ किया हुआ यह सबसे अहम निर्णय है।

मानवी अंगों की तस्करीअमरिकी प्रतिनिधि सदन में चीन संबंधित समिती के उपाध्यक्ष क्रिस स्मिथ ने चीन में मानवी अगों के तस्करी की भयंकर जानकारी साझा की। चीन की हुकूमत २८ वर्ष के युवाओं का अपहरण करके उनके अंगों की तस्करी कर रही है। इनमें से कुछ चीनी युवा सचेत न होने की स्थिति में भी उनके अंग निकाले जाते हैं, ऐसी दहलानेवाली जानकारी स्मिथ ने प्रदान की।

जिनपिंग की हुकूमत में इस हत्याकांड़ का लक्ष्य बने उइगरवंशियों के अंगों की तस्करी की जा रही है। इसके अलावा तंदुरुस्त फलून गॉन्ग नामक कम्युनिस्ट हुकूमत विरोधी गुट के युवा सदस्यों को भी लक्ष्य किया जा रहा है, ऐसा स्मिथ ने कहा। इस फलून गुट के सदस्यों के अंगों का रोपण कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ एवं वृद्ध अधिकारियों पर पिपल्स लिबरेशन आर्मी के ‘अस्पताल ३०१’ में किया जाता है, यह भी स्मिथ ने कहा।

मानवी अंगों की तस्करीचीन की हुकूमत द्वारा अंगों की तस्करी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और कम्युनिस्ट हुकूमत का बड़ा कारोबार है। कुछ भी हो जाए हम पीछे नहीं हटेंगे, यही चीन के शासकों की भूमिका रही है। इसकी वजह से चीन की हुकूमत के खिलाफ हमें काफी निर्णायक कार्रवाई करनी पडेगी, ऐसा आवाहन स्मिथ ने किया। इसके बाद अमरिकी प्रतिनिधि सदन में किए गए मतदान में ४१३ बनाम २ इस फरक से यह विधेयक पारित किया गया।

इसकी वजह से मानवी अंगों के तस्करी में शामिल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को ज़िम्मेदार करार दिया जा सकता है। साथ ही अमरिकी विदेश मंत्रालय इन नेताओं पर कार्रवाई कर सकता है, उनके पासपोर्ट रद्द किए जा सकते हैं या उन्हें अमरीका में प्रवेश देने से मना किया जा सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है। साथ ही इस तस्करी में शामिल आरोपियों को किसी भी तरह से निधि न मिले, इसका प्रावधान ‘स्टॉप फोर्सड् ऑर्गन हार्वेस्टिंग ऐक्ट ऑफ २०२३’ में किया गया है। साथ ही आरोप करार दिए गए चीनी नेता और अधिकारियों पर १० लाख डॉलर्स का जुर्माना और २० साल जेल की सज़ा भी हो सकती है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

इससे पहले साल २०१६, २०२० और २०२१ में अमरिकी प्रतिनिधि सदन में इस तरह का विधेयक पेश किया गया था। लेकिन, इसमें कहीं भी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का सीधा ज़िक्र नहीं किया गया था। लेकिन, कुछ हफ्ते पहले अमरिकी प्रतिनिधि सदन पर रिपब्लिकन पार्टी का कब्ज़ा होने के बाद चीन विरोधी भूमिका तीव्र हो रही है।

कुछ दिन पहले अमरीका के प्रतिनिधि सदन ने ताइवान के लिए विशेष सैन्य सहायता के संकेत दिए थे। वहीं, प्रतिनिधि सदन के सभापति मैकार्थी ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन से भी मुलाकात करेंगे।

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