ब्रिटीश नौसेना ने ‘एआय’ द्वारा सुपरसोनिक क्षेपणास्त्र को छेदा

UK-navy-AI-missile-test-300x154लंडन – ब्रिटेन की नौसेना ने ध्वनि से दोगुनी रफ्तार से प्रवास करने वाला सुपर सोनिक क्षेपणास्त्र ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स-एआय’ यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सहायता से छेदा। नाटो देशों द्वारा जारी युद्ध अभ्यास में यह परीक्षण किया होने का ऐलान ब्रिटिश नौसेना ने किया। भविष्य में सुपर सोनिक क्षेपणास्त्र के हमले रोकने के लिए एआय का इस्तेमाल हो सकता है और ब्रिटेन इसके लिए सिद्ध है, ऐसा ब्रिटिश नौसेना ने इस परीक्षण द्वारा दिखा दिया।

स्कॉटलंड और नॉर्वे के सागरी क्षेत्र में नाटो का ‘फॉर्मिडेबल शिल्ड 2021’ युद्धाभ्यास जारी है। दो हफ्तों के इस अभ्यास में नाटो सदस्य देशों के युद्धपोत, विध्वंसक सहभागी हुए होकर, इसमें लाइव फायरिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें ब्रिटेन के ‘एचएमएस ड्रॅगन’, ‘एचएमएस लँकेस्टर’ और ‘एचएमएस अरगिल’ यह विध्वंसक सहभागी हुए हैं। इनमें से ड्रॅगन और लँकेस्टर इन विध्वंसकों से एआय का परीक्षण किया गया।

UK-navy-AI-missile-test-02-300x200इसके लिए ब्रिटेन का रक्षा मंत्रालय और उससे जुड़ी कंपनियों ने तैयार कीं ‘स्टार्टल’ और ‘सायकोया’ यंत्रणा का इस्तेमाल किया गया। स्टार्टल के कारण हवाई सुरक्षा संबंधित रिअल-टाईम यानी प्रत्यक्ष समय की जानकारी और अलर्ट युद्धपोत पर होनेवाले ऑपरेशंस कमांड को दी जाती है। वहीं, सायकोया के कारण कामा खतरनाक साबित होनेवाले क्षेपणास्त्र को छेड़ने के लिए किस क्षेपणास्त्र का इस्तेमाल किया जा सकता है इसकी जानकारी प्रदान की जाती है। विध्वंसक पर होनेवाले अनुभवी ऑपरेटर से भी यह यंत्रणा तेज काम करती है, ऐसी जानकारी ब्रिटेन की नौसेना ने दी।

UK-navy-AI-missile-test-01-300x198विध्वंसकों पर होनेवाले अधिकारी इन दोनों यंत्रणाओं के कारण प्रभावित हुए। एआय का इस्तेमाल की गई इन यंत्रणाओं के कारण शत्रु के सुपरसोनिक क्षेपणास्त्रों का कम समय में पता लगाना और उनपर कार्रवाई करना अधिक आसान हुआ है, ऐसा ब्रिटिश नौसेना अधिकारियों का कहना है। इससे पहले ब्रिटेन की नौसेना ने एआय का परीक्षण किया था। लेकिन युद्धाभ्यास में लाइव फायरिंग में सुपरसोनिक क्षेपणास्त्र नष्ट करने के लिए, ब्रिटेन की नौसेना ने पहली ही बार इस तंत्रज्ञान का इस्तेमाल किया है।

नाटो का फॉर्मिडेबल शिल्ड युद्धाभ्यास यह अपनी सुरक्षा को चुनौती देनेवाला होने की आलोचना की रशिया के सरकारी माध्यम कर रहे हैं। इस युद्धाभ्यास के जरिए नाटो सदस्य देश लष्करी सामर्थ्य का प्रदर्शन कर रहे होने का आरोप रशियन माध्यम कर रहे हैं। वहीं, कुछ दिन पहले रशिया ने एआय निर्मित सागरी ड्रोन्स, टैंक्स, लष्करी वाहनों के निर्माण की घोषणा की थी। ये टैंक्स, लष्करी वाहन सीमा पर तैनात करने के संकेत रशिया ने दिए थे। ऐसी परिस्थिति में, इस युद्धाभ्यास में ब्रिटेन ने एआय की सहायता से सुपरसोनिक क्षेपणास्त्र छेदकर, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के क्षेत्र में ब्रिटेन भी तैयार है, यह दिखा दिया है।

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