पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय में कार्यरत दो जासूसों का भारत ने किया निष्कासन

नई दिल्ली – भारत में स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय में कार्यरत दो लोगों का भारत ने निष्कासन किया है। ये दोनों, पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ को भारतीय सेना से संबंधित संवेदनशील जानकारी प्रदान कर रहें थे।

Spy from Pakistan High Commissionनिष्कासन किए गए अबिद हुसेन और मोहम्मद ताहीर खान ये दोनों पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय के वीजा विभाग में काम कर रहें थे। अबीद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का और मोहम्मद ताहीर खान इस्लामाबाद का निवासी हैं। लेकिन, इन दोनों के पास, भारतीय नामों के जाली आधार कार्ड और पहचान पत्र थे। इसी के आधार पर उन्होंने भारत से सिमकार्ड की खरीद की थी। जाली नाम से ही ये दोनों संवेदनशील ज़गहों की यात्रा करते थे। साथ ही, सोशल मीडिया के ज़रिये संपर्क स्थापित करके सुरक्षा बलों के कर्मियों को बहला-फुसलाकर संवेदनशील जानकारी हासिल करते थे।

लष्करी गुप्तचर यंत्रणा और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इन दोनों पर शक हुआ था। इसके बाद इन दोनों पर नज़र रखीं गई थी। रविवार के दिन पुलिस ने उन्हें करोल बाग से नज़दिकी आर्मी युनिट के पास रंगेहाथ पकड़ा। उनसे संवेदनशील कागज़ात और १५ हज़ार रुपये, दो आयफोन बरामद किए गए हैं। जाँच के दौरान, वे आयएसआय के लिए काम रहे थे, यह स्पष्ट हुआ।

इन दोनों से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप रखकर, विदेश मंत्रालय ने उन्हें चौबीस घंटों में देश छोड़ने के आदेश दिए। पाकिस्तान ने इस कार्रवाई का निषेध किया है और यह विएन्ना समझौते का उल्लंघन होने का बयान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है। यह भारत की पाकिस्तान के विरोध में जारी मुहिम है। इसके माध्यम से भारत जम्मू-कश्‍मीर में हो रहे मानव अधिकारों के हनन से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा झूठा आरोप भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है।

पाकिस्तान अपने दूतावास का इस्तेमाल जासूसी और भारतविरोधी गतिविधियों के लिए कर रहा है, यह बात पहले भी स्पष्ट हुई थी। सन २०१६ में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय में कार्यरत १६ पाकिस्तानी कर्मियों का, जासूसी के आरोपों के तहत निष्कासन किया गया था। बांगलादेश में स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय से भी जासूसी एवं भारत तथा बांगलादेश के विरोधी हरकतें शुरू होने की बात उजागर हुई थी। पाँच वर्ष पहले श्रीलंका में स्थित पाकिस्तानी दूतावास से भी इसी तरह की गतिविधियाँ शुरू होने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके कारण, भारत ने रखें आरोपों के बाद जासूसी कर रहें अधिकारी को वापस बुलाने की नौबत पाकिस्तान पर आयी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.